नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी: झूठ बोलना पड़ता है, क्योंकि सच की गुंजाइश ही नहीं है
गाँव कनेक्शन | May 17, 2019, 13:45 IST
"मेरे पापा की एक आदत थी। वो एक बात को दिन में 5 बार रिपीट करते थे। और मैं पांचों बार सुनकर ऐसे रिएक्शन देता था जैसे मैं उनकी बात पहली बार सुन रहा हूं। इससे वो खुश रहते थे। अगर कभी मैंने कह दिया 'आप बता तो चुके हो पहले भी' तो वो गुस्सा हो जाते थे।" -एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी