पश्चिमी यूपी में महक फैलाएगा रजनीगंधा

Sundar Chandel | Jul 13, 2017, 12:23 IST

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। गन्ना और धान पर निर्भर रहने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान जल्द ही फूलों की खेती करेंगे। इसके लिए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में रजनीगंधा की 15 नई प्रजातियों पर शोध चल रहा है। यहां की जलवायु के अनुसार वैज्ञानिक इन प्रजातियों को तैयार कर रहे हैं, जिन्हें किसानों को उपलब्ध कराने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फूलों की खेती को अधिक प्रभावी बनाने के दिशा में कृषि विश्वविद्यालय का उद्यान विभाग आगे आया है। विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुनील मलिक के निर्देशन में विभिन्न राज्यों से मंगाई गई रजनीगंधा की 15 नई प्रजातियों पर शोध किया जा रहा है। शोध के माध्यम से ऐसी प्रजाति तैयार की जाएगी, जो कम लागत और यहां की जलवायु के अनुसार अधिक पैदावार दे। साथ ही उस पर फूल भी अच्छे आएं और गुणवत्ता में भी सुधार हो सके। जिससे किसान को मंडी में उसका अच्छा दाम मिल सके।

यह भी देखें :

इन पर चल रहा शोध

सिक्किम सलेक्शन, हैदराबाद डबल, मैकिजन सिंगल, स्वर्ण रेखा, वैभव, फूले रजनी, निरंतरा, सुहासनी, प्रज्ज्वला, पर्ल डबल, श्रीनगर, अंर्काखुंगी बंगलूरू, जीकेटीसी-4, हैदराबाद सिंगल, मैककिजन व्हीट डबल आदि पर शोध कार्य चल रहा है। ये प्रजातियां पुणे, लुधियाना, बंगलूरू, हैदराबाद आदि शहरों से मंगाई गई हैं। सबसे ज्यादा इत्र की मात्रा किस प्रजाति में है। यूपी की जलवायु के अनुरूप कौन सी प्रजाति बेहतर है। शोध के माध्यम से गुणवत्ता को बढ़ाना। कौन सी प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है। सुंदरता और खुशबू के लिए कितनी उपयोगी है। एक हेक्टेयर में उत्पादन रजनीगंधा की खेती करते एक हेक्टेयर में दो से चार लाख पुष्प डंडिया प्रतिवर्ष मिलती हैं।

किसान ले रहे रुचि

शोध के माध्यम से प्रजाति में यह भी देखा जाएगा कि उसमें किसी कीटनाशक का तो प्रयोग नहीं हो रहा है, जिससे फसल को नुकसान हो रहा हो। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मेरठ समेत सहारनपुर, बिजनौर, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद आदि के किसान इस बारे में जानकारी ले रहे हैं। शोध के माध्यम से किसानों को खेतों पर भी रजनीगंधा की प्रजातियों के बारे में जानकारी देने के साथ जागरूक किया जाएगा।

पूरे देश में फूलों की मांग

फूलों की मांग देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते किसानों को खेती के प्रति जागरूक होना होगा। दौराला ब्लॉक के गाँव मवी कला निवासी किसान हरप्रीत सिंह (34 वर्ष) बताते हैं, “विवि स्टूडेंट्स ने हमारे गाँव में आकर फूलों की खेती करने की अपील की है, जिससे कुछ किसानों में फूलों की खेती के लिए उत्साह है, लेकिन कुछ लोग रिस्क नहीं लेना चाहते।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • Swayam Project
  • Flower farming
  • Western Uttar Pradesh
  • हिन्दी समाचार
  • Samachar
  • समाचार
  • hindi samachar
  • Farming in India
  • रजनीगंधा
  • Rajnigandha