मक्का-बाजरा के रेट में गिरावट, किसान परेशान
Gyanesh Sharma | Jul 07, 2017, 10:23 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
अलीगढ़। अनाज मंडियों में बाजरा और मक्का की अधिक आवक होने से दोनों ही फसलों के रेट अचानक गिरावट आ गई है। पिछले हफ्ते 1100 से 1400 रुपए तक बिकने वाला बाजरा आज मंडियों में 800 से 1000 रुपए में बिक रहा है। वहीं मक्का के रेट भी 1350 से घटकर 1000 रुपए के आस-पास पहुंच गया है। अचानक फसल के रेट गिरने से किसान परेशान हैं।
जिले में इस बार मक्का और बाजरा की बंपर पैदावार हुई है। आलू और सरसों के खेत खाली होते ही किसानों ने खेत में मक्का और बाजरा की फसल बो दी थी। इस सप्ताह से किसानों के दर्जनों ट्राली अनाज से भरकर मंडियों में पहुंचने लगे हैं। लेकिन मंडी में आढ़ती दोनों फसलों की आवक को देख मनमाना रेट लगा रहे हैं।
जरारा गाँव निवासी सुखराम सिंह (60वर्ष) का कहना है, “हमने अपना बाजरा 980 रुपए प्रति कुंटल में बेचा है। एक सप्ताह पहले यही बाजरा 1250 तक बिका था। इतने रेट गिरने से किसान परेशान हैं। लागत नहीं निकल पाएगी।”
अतरौली के मंडी सचिव प्यारेलाल ने बताया, "फसल के रेट ऊपर से निर्धारित होते हैं उसी हिसाब से खरीद होती है। स्थानीय स्तर पर आढ़ती सिर्फ गीला और सूखा अनाज देखकर खरीद करते हैं। हम किसान को बेहतर सुविधा देने का प्रयास करते हैं।"
जगतपुर निवासी किसान राजवीर कांजियर (55वर्ष) का कहना है, “ सरकार का रेट पर कोई नियंत्रण नहीं है। हाल ही में जो फसल पांच सौ रुपये अधिक बिकी हो उसके अचानक दाम गिरना किसानों का नुकसान है।”
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अलीगढ़। अनाज मंडियों में बाजरा और मक्का की अधिक आवक होने से दोनों ही फसलों के रेट अचानक गिरावट आ गई है। पिछले हफ्ते 1100 से 1400 रुपए तक बिकने वाला बाजरा आज मंडियों में 800 से 1000 रुपए में बिक रहा है। वहीं मक्का के रेट भी 1350 से घटकर 1000 रुपए के आस-पास पहुंच गया है। अचानक फसल के रेट गिरने से किसान परेशान हैं।
जिले में इस बार मक्का और बाजरा की बंपर पैदावार हुई है। आलू और सरसों के खेत खाली होते ही किसानों ने खेत में मक्का और बाजरा की फसल बो दी थी। इस सप्ताह से किसानों के दर्जनों ट्राली अनाज से भरकर मंडियों में पहुंचने लगे हैं। लेकिन मंडी में आढ़ती दोनों फसलों की आवक को देख मनमाना रेट लगा रहे हैं।
जरारा गाँव निवासी सुखराम सिंह (60वर्ष) का कहना है, “हमने अपना बाजरा 980 रुपए प्रति कुंटल में बेचा है। एक सप्ताह पहले यही बाजरा 1250 तक बिका था। इतने रेट गिरने से किसान परेशान हैं। लागत नहीं निकल पाएगी।”
अतरौली के मंडी सचिव प्यारेलाल ने बताया, "फसल के रेट ऊपर से निर्धारित होते हैं उसी हिसाब से खरीद होती है। स्थानीय स्तर पर आढ़ती सिर्फ गीला और सूखा अनाज देखकर खरीद करते हैं। हम किसान को बेहतर सुविधा देने का प्रयास करते हैं।"
जगतपुर निवासी किसान राजवीर कांजियर (55वर्ष) का कहना है, “ सरकार का रेट पर कोई नियंत्रण नहीं है। हाल ही में जो फसल पांच सौ रुपये अधिक बिकी हो उसके अचानक दाम गिरना किसानों का नुकसान है।”
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