कर्ज़ माफ़ी के फैसले से किसान गदगद

Divendra SinghDivendra Singh   6 April 2017 2:14 PM GMT

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कर्ज़ माफ़ी के फैसले से किसान गदगदप्रदेश सरकार ने दो करोड़ से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों को बड़ा तोहफा दिया है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने दो करोड़ से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। चुनाव से पहले किए अपने वादे के अनुसार बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है। ऐसे में प्रदेश कई जिलों के किसानों ने कहा कि यह योगी का फैसला सराहनीय है। इस फैसले से गरीब किसानों को लाभ होगा।

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लखनऊ जिले के मलिहाबाद के जिन्दौरा गाँव के किसान नन्हके (65 वर्ष) कहते हैं, “पिछले साल एक लाख पचासी हजार रुपए का कर्ज केनरा बैंक से लिया था, किसानी में नुकसान और घरेलू खर्च में पैसा खर्च होने के चलते पैसा जमा नहीं हो पाया था। अब पता चला है कि सरकार एक लाख रुपया माफ़ करेगी, अब कल बैंक जाए तो पता चले क्या होता है।”

उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92.5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं। सामाजिक आर्थिक एवं जातीय जगगणना-2011 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आबादी का करीब 40 प्रतिशत कृषि कार्य में लगे हुए हैं। वहीं मेरठ में सरकार के एक लाख रुपए तक के कर्ज माफ़ी के फैसले का गाँव परतापुर, काशी, अछरोंडा, के किसानों ने जमकर स्वागत किया है। इन गाँव में लगभग 129 के करीब किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला है और सभी इस समय काफी खुशी महसूस कर रहे हैं।

कर्ज़ माफी का फैसला छोटे किसानों के लिए सही है, लेकिन बड़ी जोत के किसान, जिनकी रोज़ीरोटी मात्र खेती से ही चलती है, यानी कि जिनके पास 10 एकड़ से अधिक खेत हैं। उनको इस फैसले से बहुत ज़्यादा राहत नहीं मिलेगी।
मो. अनस, किसान, जिला: रामपुर

पिछले वर्ष सूखा, ओलावृष्टि और बाढ़ से किसानों को काफी नुकसान हुआ था। उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92.5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं। कुल 30,729 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है। किसान लक्ष्मण सैनी उम्र (42 वर्ष) कहते हैं, “ये पहली सरकार है, जिसने किसानों के बारे में सोचा और सबका साथ सबका विकास लेकर चल रही है, इस फैसले को लेकर गाँव और किसानों में ख़ुशी है।”

बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी. दूर शरीफाबाद गाँव की महिला किसान सुघर देवी बताती हैं, “हमने खेती के लिये कर्ज लिया था पर बीमारी का कोई भरोसा नहीं काफी पैसा बीमारी में लग गया हमारे पास खेती के अलावा और कोई काम नहीं है। सरकार के आते ही लोगों को उम्मीद थी कि कर्ज से राहत मिल जाएगी और हमें राहत भी मिल गयी।”

सरकार ने सिर्फ एक लाख रुपए तक का ही कर्ज माफ किया है जो कम है तमाम किसानों के पास इस राशि से कहीं ज्यादा लोन है जिससे उनको राहत नहीं मिलेगी।
बलवीर सिंह, किसान, जिला: शाहजहांपुर

इन किसानों को मिलेगा लाभ

लघु सीमान्त किसान वह है जिसके पास दो हेक्टेयर या पांच एकड़ से अधिक कृषि योग्य जमीन न हो। छोटे व लघु सीमान्त किसान अपने कम संसाधनों की वजह से अधिक लागत लगाने के बावजूद कृषि से अच्छा लाभ नहीं कमा पाते। प्रदेश में 86.88 लाख लघु-सीमान्त किसान हैं।

सरकार ने 31 मार्च के बाद ऋण लेने वाले लोगों के लोन का आकलन कर उन्हें बाहर कर दिया। यूको बैंक इटौंजा से दो लाख का लोन लिया था, सोचा था माफ़ हो जाएगा लेकिन समय सीमा की वजह से नहीं हो सका।
ओम प्रकाश, किसान, जिला: लखनऊ जनपद के ग्राम पंचायत अकड़रिया कलां

बड़ी जोत वाले किसानों ने कहा सरकार अपने वादे पर नहीं कायम

सरकार के इस फैसले से जहां छोटे किसानों में खुशी है, वहीं बड़ी जोत वाले किसान सरकार के इस फैसले से नाखुश हैं। बरेली जिले के किसान जबरपाल सिंह (49 वर्ष) सरकार के इस फैसले को बड़े किसानों के लिए ज़्यादा फायदेमंद नहीं मानते हैं। जबरपाल बताते हैं, “प्रदेश सरकार का कर्ज़माफी का फैसला डिफॉल्टरों के लिए अच्छा है। इस फैसले से किसानों की लोन लेने की आदत बढ़ जाएगी। किसान यह पहले से ही सोचेंगे कि जब हर बार नई सरकार उनका कर्ज़ माफ ही कर देगी, तो वो लोन लेकर ही हमेशा खेती करेंगे।”

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