यह किसान एक साल में दो बार उगाता है गोभी, कमाता है 10 लाख रुपए

गेहूं और मेंथा की खेती छोड़ यह किसान गोभी की खेती कर रहा है और लाखों का मुनाफा कमा रहा है। इसके साथ ही यह अपने गाँव के अन्य किसानों को भी गोभी की खेती के लिए जागरूक कर रहा है

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   27 Aug 2018 11:07 AM GMT

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बरेली। गेहूं और मेंथा की खेती छोड़कर एक किसान गोभी की खेती कर रहा है। यह किसान 51 बीघे में गोभी की खेती कर रहा है और हर साल करीब 10 लाख रुपए की कमाई करता है। इसके साथ ही वह अपने गाँव के अन्य किसानों को भी गोभी की खेती के लिए जागरूक कर रहा है।

विकास खंड आलमपुर जाफराबाद के गाँव विछुरैया निवासी किसान राजेश सिंह (45 वर्ष) पत्ता गोभी की खेती करते हैं। राजेश ने बताया, " पहले मैं गेहूं और मेंथा की खेती करता था, लेकिन मुझे ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। पड़ोस के गाँव में एक किसान सब्जी की खेती करता था। उसे देखकर मैंने भी सब्जी की खेती के बारे में सोचा। काफी सोच विचार के बाद मैं बंद गोभी की खेती करने लगा हूं। मैं चार साल से गोभी की खेती करता हूं। पिछले साल मैंने 51 बीघे में गोभी की खेती की थी, जिससे मुझे करीब 10 लाख रुपए का फायादा हुआ था। " राजेश ने गाँव के कुछ अन्य किसानों के खेत भी बटाई पर ले रखे हैं। राजेश ने आगे बताया, " मैं साल में दो बार गोभी उगाता हूं। एक बार पौधे लागने के कुछ दिनों बाद फिर से नर्सरी कर देता हूं। एक तरफ अगैती फसल कट जाती है तो पहले से तैयार पौधे लगा देता हूं। दूसरी फसल में फूल ज्यादा महंगे नहीं बिकते, लेकिन पैदावार अच्छी होने से आदमनी अच्छी हो जाती है।"

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गोभी की पौध की निराई करते मजदूर।

एक साल में दो बार उगाते हैं गोभी

राजेश ने बताया, " जुलाई माह के पहले सप्ताह में मैं नर्सरी डाल देता हूं। इस दौरान काफी ध्यान देना होता है। 22 से 25 दिन में गोभी की नर्सरी तैयार हो जाती है । गोभी की खेती के लिए रेतीली दोमट मिटटी सबसे अच्छी होती है। बंद गोभी की फसल को उगाने से पहले खेत को मिटटी पलटने वाले हल से या ट्रेक्टर से अच्छी तरह से पलट लेता हूं। इसके बाद लगभग 3 या 4 बार गहरी जुताई करके खेत में पाटा लगाकर भूमि को समतल बना लेता हूं। इसके बाद इसमें पौध लगाता हूं। पौध डालने से पहले 5 किलो ग्राम गोबर की खाद प्रति क्यारी मिला देनी चाहिए और 10 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश व 5 किलो यूरिया प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से क्यारियों में मिला देना चाहिए। पौध 2.5 से 5 सेन्टीमीटर दूरी की कतारों में डालना चाहिए। क्यारियों में बीज बुवाई के बाद सड़ी गोबर की खाद से बीज को ढक देना चाहिए। इसके 1 से 2 दिन बाद नालियों में पानी लगा देना चाहिए या हजारे से क्यारियों को पानी देना चाहिए।

एक बीघे में तीन से चार हज़ार पौधे लगते हैं। खेती में आने वाली कुल लागत के बारे में उन्होंने बताया, '' निराई, दवाई पौध, सिंचाई और अन्य खर्चे मिलाकर एक बीघे में करीब पांच हजार रुपए की लागत आती है। '' नवंबर माह में फसल तैयार हो जाती है। इसके बाद दिसंबर में फिर दूसरे सीजन के लिए नर्सरी डाल दी जाती है। इसके बाद दिसंबर में पौधे लगा दिए जाते हैं, जो फरवरी में तैयार हो जाते हैं। इस मौसम में गोभी का अच्छा दाम मिलता है। "

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जैविक खाद का करते हैं प्रयोग

गोभी के अच्छे उत्पादन के लिए राजेश जैविक खाद का प्रयोग करते हैं। राजेश घर पर भी जैविक खाद बनाते हैं, जिससे फसल में लागत कम आती है। राजेश ने बताया, " जैविक खाद की प्रयोग से उत्पादन काफी अच्छा होता है। इसके साथ साथ गोभी का रंग भी बहुत शानदार निकलकर आता है जो देखने में बहुत अच्छा लगता है। पौध भी अच्छी होती है। जैविक खाद की वजह से पौधे की जड़ का विकास अच्छे तरीके से होता है। जैविक होने के कारण दाम भी अच्छा मिल जाता है।" राजेश ने आगे बताया, " मैं गोभी को बेचने हल्द्वानी की मंडी ले जाता हूं, जहां अच्छा दाम मिल जाता है। एक बीघे में करीब 50000 हजार रुपए की गोभी बिक जाती है। एक बीघे में करीब 1200 कटटा गोभी निकलती है। एक कटटे में 22 बंद गोभी होती है।"

राजेश अपने खेत में जैविक खाद का ही करते हैं प्रयोग।

सूंडी रोग का प्रकोप ज्यादा

गोभी की फसल पर सूंडी रोग ज्यादा लगता है। इसके लिए किसान को काफी चौकन्ना रहना होता है। राजेश बताते हैं, " गोभी की फसल में केई प्रकार के कीड़े लगते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा सूंडी का रहता है। इसके लिए मैं हर सप्ताह जैविक कीटनाश का प्रयोग करता हूं। थोड़ी सी लापरवाही फसल पर भारी पड़ सकती है। किसान को समय-समय पर फसल की देखभाल करते रहना चाहिए। अगर फसल में किसी तरह का बदलाव दिख रहा हो तो तुरंत केवीके से संपर्क करना चाहिए। " इसके साथ-साथ नीलगाय भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाती हैं। नीलगायों से फसलों को बचाने के लिए रात-रात भर जगना पड़ता है। वहीं गोभी की फसल के साथ उगे खरपतवारों कि रोकथाम के लिए आवश्यकता अनुसार निराई- गुड़ाई करते रहे क्योंकि बंद गोभी उथली जड़ वाली फसल है इसलिए उसकी निराई- गुड़ाई ज्यादा गहरी न करें और खरपतवारों को उखाड़ कर नष्ट कर दें।

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किसानों को गोभी की खेती का सही तरीका बताते राजेश।

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राजेश को देख गाँव के कई किसान अब गोभी की खेती करने लगे हैं। इसी गाँव के राम मूर्ती (35वर्ष) भी अब गोभी की खेती करने लगे हैं और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। राम मूर्ती ने बताया, " पहले मैं भी गेहूं और मेंथा की खेती करता था, लेकिन लागत ज्यादा और मुनाफा कम होता था। मैं देखा की राजेश भाई गोभी की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। इन्हीं को देखकर मैंने भी पिछले साल 12 बीघे में गोभी की खेती की थी, जिससे मुझे करीब 3.5 लाख रुपए का फायदा हुआ है। अब मैं गोभी की ही खेती करता हूं। " राजेश ने बताया, " मुझे देखकर गांव के कई किसान गोभी की खेती करने लगे हैं, यह देख मुझे अच्छा लगता है। कई किसान मुझझे अच्छे उत्पादन के तरीके सीखने भरी आते हैं। "

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