कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने किया 100 'किसान ड्रोन' का उद्घाटन

देश के अलग-अलग राज्यों में गरुण एयरोस्पेस की मदद से 100 किसान ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। गरुड़ एयरोस्पेस ने अगले दो वर्षों में एक लाख मेड इन इंडिया ड्रोन बनाने का लक्ष्य रखा है।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने किया 100 किसान ड्रोन का उद्घाटन

कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी को 100 किसान ड्रोन का उद्घाटन किया। पीएम ने कहा कि ये 21वी सदी की आधुनिक कृषि व्यवस्था की दिशा में एक नया अध्याय है। मुझे विश्वास है ये शुरूआत न केवल ड्रोन सेक्टर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी बल्कि इसमें संभावनाओं का एक अन्ंत आकाश भी खुलेगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अगर नीतियां सही हों तो देश कितनी ऊंची उड़ान भर सकता है। आज का दिवस इसका बड़ा उदाहरण है। कुछ साल पहले तक देश में जब ड्रोन का नाम लिया जाता था, तो लगता था कि ये सेना से जुड़ी हुई कोई व्यवस्था है। ये दूश्मनों से मुकाबला करने के लिए उपयोग में आने वाली चीजें हैं। उसी दायरे में सोचा जाता था। लेकिन आज हम मानेसर में किसान ड्रोन सुविधाओं का उदाहरण कर रहे हैं।

पंजाब के पठानकोट व अमृतसर, उत्तरी गोवा, उत्तर प्रदेश के कन्नौज व बांदा, मध्य प्रदेश के नीमच व उज्जैन, आंध्र प्रदेश के राजनगरम व गरिकापडु, तमिलनाडु के सलेम व थेनी, असम के गोलाघाट, राजस्थान के जयपुर व अजमेर, तेलंगाना के करीमनगर, हरियाणा के रोहतक, पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जैसी जगहों पर 100 ड्रोन का प्रदर्शन किया गया।

पिछले कुछ वर्षों में खेती में ड्रोन का प्रयोग बढ़ा है, इससे न केवल समय की बचत होती है, साथ ही खेती की लागत में भी कमी आ जाती है। केंद्र सरकार भी खेती में ड्रोन को बढ़ावा दे रही है।

कृषि मंत्रालय ने दिसंबर 2021 में खेती में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी देते हुए मानक संचालन प्रक्रिया यानि नियम कायदे तय किए थे। मंत्रालय ने कहा था कि ड्रोन के इस्तेमाल से खेती के कई कामों में किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। जिसमें कीटनाशकों का छिड़काव, फसल का रखरखाव में मदद मिलेगी।


साथ ही बजट में भी ड्रोन को बढ़ावा देने की बात की गई है। 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए ड्रोन की खूबियां गिनाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "खेती-किसानी में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। जिससे फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेख, कीटनाशकों का छिड़काव में मदद मिलेगी।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे भी बताया गया है, कि गरुड़ एयरोस्पेस ने अगले दो वर्षों में एक लाख मेड इन इंडिया ड्रोन बनाने का लक्ष्य रखा है। इससे अनेकों युवाओं को नए रोजगार और नए अवसर मिलेंगे। मैं इसके लिए गरुड़ एयरोस्पेस की टीम को, सारे नौजवान साथियों को बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने भी बजट की बात करते हुए कहा, "इस बार के बजट में हुई घोषणाओं से लेकर अन्य नीतिगत फैसलों में देश ने खुलकर टेक्नोलोजी और इनोवेशन को प्राथमिकता दी है। इसका परिणाम आज हमारे सामने हैं। वर्तमान में ही हम देख रहे हैं कि ड्रोन का कितना विविध इस्तेमाल होने लगा है। अभी बीटिंग रिट्रीट के दौरान एक हजार ड्रोन्स का शानदार प्रदर्शन पूरे देश ने देखा।


"आज स्वामित्व योजना के तहत गांव में ड्रोन के जरिये जमीन का, घरों का हिसाब किताब तैयार हो रहा है। ड्रोन के जरिये दवाओं की सप्लाई हो रही है। मुश्किल इलाकों में वैक्सीन पहुंच रही हैं। कई जगह खेतों में दवाओं का छिड़काव भी ड्रोन से शुरू हो गया है, "उन्होंने आगे कहा।

प्रधानमंत्री ने हाई कैपेसीटी ड्रोन का उदाहरण देते हुए कहा कि आने वाले समय में हाई कैपेसीटी ड्रोन की मदद से किसान अपने खेतों से ताजी सब्जियां, फल, फूल बाजार भेज सकते हैं। मछली पालन से जुड़े लोग तालाब, नदी और समंदर से सीधे ताजी मछलियां बाजार भेज सकते हैं। कम समय मिनिमल डेमेज के साथ मछुारों का, किसानों को सामान बाजार पहुंचेगा तो उनकी मेरे किसान भाईयों की मेरे मछुआरे भाई -बहनों की, उनकी आय भी बढ़ेगी। ऐसी अनेक संभावनाएं हमारे सामने दस्तक दे रही हैं।

drone #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.