पंजाब की तरह यूपी में भी मिले खेती के लिए बिजली, पानी फ्री
गाँव कनेक्शन 8 April 2017 11:28 AM GMT
रविन्द्र यादव, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
कन्नौज। किसान आत्मनिर्भर कैसे बने। सरकार इसके लिए क्या करें कि उनको कर्ज ही न लेना पड़े। इसको लेकर ‘गाँव कनेक्शन’ ने कुछ किसानों से बात की।
कन्नौज जिले के सौरिख ब्लॉक क्षेत्र के नगला विशुना निवासी 50 वर्षीय किसान ग्रीश चंद्र कहते हैं, “सरकार खाद, बीज और दवाई के रेट सस्ते करे। नहर का पानी किसानों के लिए फ्री दिया जाए। पंजाब की तरह किसानों को फसलों के लिए निशुल्क बिजली दी जाए। साथ ही महंगाई पर रोक लगाई जाए, जिससे किसान आत्मनिर्भर बन सकें।”
खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
नगला खेमकरन निवासी 30 साल के किसान मनोज कहते हैं, “आलू और लहसुन का रेट फिक्स या समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। गेहूं और धान का रेट भी सही मिले। कर्मचारियों का वेतन तो बढ़ जाता है, लेकिन किसानों को फसलों का रेट नहीं बढ़ाया जाता है। उसे भी समय-समय पर बढ़ाकर दिया जाए। अगर रेट सही मिलेगा तो कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।”
कन्नौज जिला मुख्यालय के सौरिख ब्लॉक क्षेत्र के बझेड़ी गाँव निवासी नरेश चंद बताते हैं, “सरकार खेती के लिए खाद, बीज और दवाएं मुहैया कराए। निजी दुकानों पर यह महंगे मिलते हैं, उसे बंद कर दें। युवाओं को नौकरी देने के लिए कई कंपनियां खोली जाएं, जिससे लोगों का कृषि से बोझ घट सके। इससे खेती पर कम लोग आत्मनिर्भर होंगे और किसानों को लाभ अधिक मिलेगा।”
सरकार समय पर ही फसलों का रेट उचित दिलाए। रकम भी जल्द मिले। खेतों में सिंचाई की सुविधा अच्छे से मिल सके। तो किसानों को कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।अमर सिंह, किसान
खेती के बेहतर उपाय गाँव में बताए जाएं
लेलेपुर गाँव निवासी 43 साल के विशाल सिंह कहते हैं, “किसान कर्जदार न बनें, इसके लिए सरकार को चाहिए कि खेती-किसानी के बेहतर उपाय गाँव-गाँव जाकर बताए जाएं। समय-समय पर किसानों को फसलों के लिए अलग-अलग जानकारी दी जाए, जिससे सही पैदावार और अच्छा रेट मिल सकेगा। इससे किसानों को कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। मैंने ट्रैक्टर के लिए 2.50 लाख का लोन पंजाब नेशनल बैंक इंदरगढ़ शाखा से लिया था। 84 हजार बाकी है, आस लगाए हैं कि माफ हो जाएगा।”
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories