फल मक्खी से आम की बाग बचाने के लिए, घर पर बना सकते हैं फेरोमोन ट्रैप
Sk Surela So Surela | Apr 26, 2025, 12:37 IST
फल मक्खी की समय पर पहचान और वैज्ञानिक तरीकों से नियंत्रण न केवल उत्पादन बढ़ाता है बल्कि फलों की गुणवत्ता में भी सुधार लाता है। फेरोमोन ट्रैप एक किफायती, प्रभावी, जैविक और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है जो किसानों को कीटनाशकों के उपयोग से मुक्ति दिलाकर आम की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करती है।
भारत, "फलों का राजा" कहे जाने वाले आम का घर माना जाता है, न केवल इसकी अर्थव्यवस्था बल्कि पोषण और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत वैश्विक आम उत्पादन का लगभग 54% प्रदान करता है। प्रमुख उत्पादक राज्य हैं उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और बिहार।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, भारत में 2316.81 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम की खेती की जाती है, जिससे 20385.99 हजार टन फल प्राप्त होता है। राष्ट्रीय औसत उत्पादकता 8.80 टन/हेक्टेयर है, जबकि बिहार में यह 9.67 टन/हेक्टेयर तक पहुँचती है।
आम की उच्च पैदावार को बनाए रखने के लिए रोगों और कीटों का समय पर नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है। फल मक्खी (Fruit Fly) आम की सबसे खतरनाक कीटों में से एक है, जो 1% से लेकर 100% तक फलों को नुकसान पहुंचा सकती है।
यह कीट विशेष रूप से पकते हुए फलों पर हमला करता है। पीली धारियों वाली मक्खी फलों पर अंडे देती है, जिनसे मैगट्स (लार्वा) निकलते हैं। ये फल का गूदा खाते हैं, जिससे फल सड़ जाते हैं और गिर जाते हैं।
इसके लार्वा मिट्टी में प्यूपा बनाते हैं और फिर वयस्क बनकर वापस बाग में लौट आते हैं, जिससे यह चक्र चलता रहता है।
कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग:
पर्यावरण असंतुलन पैदा करता है।
मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
लाभकारी कीटों को भी नुकसान पहुँचाता है।
विशेष रूप से फल पकने की अवस्था में रसायनों का प्रयोग खतरनाक हो सकता है।
समाधान: जैविक और पर्यावरण-अनुकूल उपायों को अपनाना आवश्यक है।
फेरोमोन ट्रैप एक प्राकृतिक, पर्यावरण-अनुकूल और प्रभावी समाधान है। यह तकनीक मेल एनीहिलेशन टेक्निक (MAT) पर आधारित है।
🔹 कैसे काम करता है?
प्रति हेक्टेयर 15-20 फेरोमोन ट्रैप लगाएँ।
ट्रैप को 4-6 फीट ऊँचाई पर निचली शाखाओं में बाँधें।
ट्रैपों के बीच 35 मीटर की दूरी बनाएँ।
ट्रैप को घनी छाया या सीधी धूप में न रखें।
ट्रैप आम के पकने से 60 दिन पहले लगाएँ।
हर 6-10 सप्ताह में फेरोमोन (ल्यूअर) बदलें।
किसान इस ट्रैप को घर पर भी बना सकते हैं:
सामग्री:
बोतल के ढक्कन में छोटा छेद करें।
बोतल के ऊपरी हिस्से पर दो छेद बनाएँ।
मिथाइल यूजेनॉल से उपचारित प्लाईवुड का टुकड़ा बोतल में डालें।
बोतल को पेड़ की छायादार शाखा पर लटका दें।
संक्रमित गिरे हुए फलों को 60 सेमी गहरे गड्ढे में दबाएँ।
गर्मी में बाग की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी में छिपे प्यूपा नष्ट हो जाएँ।
समय पर फलों की तुड़ाई करें ताकि कीटों को पनपने का मौका न मिले।
संक्रमित फलों को 48°C गर्म पानी में 1 घंटे तक डुबाने से कीट मर जाते हैं।
फेरोमोन ट्रैप के साथ कीटनाशकों का संतुलित उपयोग करें:
फेरोमोन ट्रैप एक सस्ता, व्यावहारिक और टिकाऊ समाधान है, जिसे किसान आसानी से अपना सकते हैं।
उचित सस्य क्रियाएँ अपनाकर भी इस कीट के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
रासायनिक उपायों का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में करें और केवल आवश्यकतानुसार ही करें।
"सही तकनीक अपनाएँ और अपने आम के बागों को सुरक्षित रखें!"
कृषि मंत्रालय के अनुसार, भारत में 2316.81 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम की खेती की जाती है, जिससे 20385.99 हजार टन फल प्राप्त होता है। राष्ट्रीय औसत उत्पादकता 8.80 टन/हेक्टेयर है, जबकि बिहार में यह 9.67 टन/हेक्टेयर तक पहुँचती है।
फल मक्खी: आम के लिए सबसे बड़ा खतरा
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इसके लार्वा मिट्टी में प्यूपा बनाते हैं और फिर वयस्क बनकर वापस बाग में लौट आते हैं, जिससे यह चक्र चलता रहता है।
कीटनाशकों की सीमाएँ और उनके दुष्प्रभाव
पर्यावरण असंतुलन पैदा करता है।
मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
लाभकारी कीटों को भी नुकसान पहुँचाता है।
विशेष रूप से फल पकने की अवस्था में रसायनों का प्रयोग खतरनाक हो सकता है।
समाधान: जैविक और पर्यावरण-अनुकूल उपायों को अपनाना आवश्यक है।
फेरोमोन ट्रैप: फल मक्खी से छुटकारा पाने का सुरक्षित तरीका
🔹 कैसे काम करता है?
- ट्रैप में मिथाइल यूजेनॉल नामक फेरोमोन होता है, जो नर मक्खियों को आकर्षित करता है।
- नर मक्खियाँ ट्रैप में फंसकर मर जाती हैं, जिससे मादाओं का प्रजनन रुक जाता है।
- इससे नए कीट पैदा नहीं होते और फलों की सुरक्षा होती है।
फेरोमोन ट्रैप का उपयोग कैसे करें?
ट्रैप को 4-6 फीट ऊँचाई पर निचली शाखाओं में बाँधें।
ट्रैपों के बीच 35 मीटर की दूरी बनाएँ।
ट्रैप को घनी छाया या सीधी धूप में न रखें।
ट्रैप आम के पकने से 60 दिन पहले लगाएँ।
हर 6-10 सप्ताह में फेरोमोन (ल्यूअर) बदलें।
घर पर फेरोमोन ट्रैप कैसे बनाएँ?
सामग्री:
- 1 लीटर की प्लास्टिक बोतल
- मिथाइल यूजेनॉल और डाइक्लोरोवोस से उपचारित प्लाईवुड
- तार और कैंची
बोतल के ढक्कन में छोटा छेद करें।
बोतल के ऊपरी हिस्से पर दो छेद बनाएँ।
मिथाइल यूजेनॉल से उपचारित प्लाईवुड का टुकड़ा बोतल में डालें।
बोतल को पेड़ की छायादार शाखा पर लटका दें।
अन्य उपाय: कीट नियंत्रण के लिए सस्य क्रियाएँ
गर्मी में बाग की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी में छिपे प्यूपा नष्ट हो जाएँ।
समय पर फलों की तुड़ाई करें ताकि कीटों को पनपने का मौका न मिले।
संक्रमित फलों को 48°C गर्म पानी में 1 घंटे तक डुबाने से कीट मर जाते हैं।
फेरोमोन ट्रैप के साथ कीटनाशकों का संतुलित उपयोग करें:
- फल लगने के 45 दिन बाद 0.03% डेल्टामेथ्रिन का 15 दिनों के अंतराल पर 3 बार छिड़काव करें।
- तुड़ाई से 4 सप्ताह पहले 0.03% डिमेथोएट का छिड़काव करें (केवल निर्यात के लिए या गंभीर संक्रमण की स्थिति में)।
फेरोमोन ट्रैप एक सस्ता, व्यावहारिक और टिकाऊ समाधान है, जिसे किसान आसानी से अपना सकते हैं।
उचित सस्य क्रियाएँ अपनाकर भी इस कीट के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
रासायनिक उपायों का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में करें और केवल आवश्यकतानुसार ही करें।
"सही तकनीक अपनाएँ और अपने आम के बागों को सुरक्षित रखें!"