मशरूम की खेती शुरू करने वालों के लिए बढ़िया मौका, यहां ले सकते हैं प्रशिक्षण

Divendra Singh | Aug 28, 2019, 08:10 IST
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लखनऊ। अगर आप भी मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो ये बढ़िया मौका है। यहां पर प्रशिक्षण लेकर आप भी ऑयस्टर, बटन या फिर मिल्की मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है, जिस हिसाब से बाजार में इसकी मांग है, उस हिसाब से अभी इसका उत्पादन नहीं हो रहा है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मशरूम स्पान, मशरूम कल्चर, मशरूम किट, तकनीकि साहित्य और तकनीकि सलाह उपलब्ध कराई जाएगी।

मशरूम शोध एवं विकास केंद्र के प्राध्यापक डॉ समीर कुमार विश्वास बताते हैं, "अभी एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है, आने वाले महीनों में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके 750 रुपए की फीस और अपनी आईडी देनी होगी। छह दिन के इस कार्यक्रम में अगर कोई किसान बाहर से आता है तो उसे रुकने की व्यवस्था भी है। उसके लिए अलग से फीस देनी होगी।"

प्रशिक्षण कार्यक्रम सितम्बर, नवम्बर और दिसम्बर महीने में आयोजित किया जाएगा।

सितम्बर26 सितम्बर से 31 सितम्बर
नवम्बर04 नवम्बर से 09 नवम्बर
दिसम्बर02 दिसम्बर से 07 दिस्म्बर

तीन तरह के मशरूम की कर सकते हैं खेती

1. बटन मशरूम

2. ढिंगरी मशरूम (ऑयस्टर मशरुम)

3. दूधिया मशरूम (मिल्की)

ऑयस्टर मशरूम की खेती बड़ी आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं। दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई एवं चेन्नई जैसे महानगरों में इसकी बड़ी माँग है। इसीलिये पिछले तीन वर्षों में इसके उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई है। तमिलनाडु और उड़ीसा में तो यह गाँव-गाँव में बिकता है। कर्नाटक राज्य में भी इसकी खपत काफी है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी ओईस्टर मशरूम की कृषि लोकप्रिय हो रही है।

बटन मशरूम निम्न तापमान वाले क्षेत्रों में अधिक उगाया जाता है। लेकिन अब ग्रीन हाउस तकनीक द्वारा यह हर जगह उगाया जा सकता है। सरकार द्वारा बटन मशरूम की खेती के प्रचार-प्रसार को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अब इसका उत्पादन 20 किग्रा. प्रति वर्गमीटर से अधिक है दस पहले तक प्रति वर्ग मीटर मात्र तीन किलो ही था। उत्तर प्रदेश में इसका अच्छा उत्पादन हो रहा है।

अधिक जानकारी के लिए यहां संपर्क करें

डॉ समीर कुमार विश्वास (प्राध्यापक/नोडल अधिकारी मशरूम शोध एवं विकास केंद्र, पादप रोग विभाग)

मोबाइल नंबर - 9452522504

रूपराम (पटल सहायक, वरिष्ठ सहायक मशरूम शोध एवं विकास)

मोबाइन नंबर - 9919972254

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