बसंत पंचमी : जानिए पीले रंग की 5 फसलों के बारे में...

गाँव कनेक्शन | Jan 22, 2018, 14:37 IST

बसंत पंचमी का त्योहार आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। आज से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस मौसम की अपनी कई विशेषताएं हैं लेकिन उनमें से एक जो सबसे ख़ास है वो है इसका एक रंग से ख़ास जुड़ाव। जैसे सावन का नाम लेते ही जेहन में हरियाली की तस्वीर उभर आती है वैसे ही बसंत का नाम लेने से दूर तक खिले पीले -पीले फूलों की तस्वीर आंखों के सामने आ जाती है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं पीले रंग की पांच फसलों के बारे में...

1. सरसों

सरसों के फूल बसंत के मौसम में पूरे खिल चुके होते हैं। इस समय जब आप खेतों के किनारे से गुज़रते होंगे तो ज़्यादातर खेतों में आपको सरसों की पीली - पीली फसल लहलहाती हुई दिखती होगी। बसंत का सरसों से ख़ास रिश्ता होता है। उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में तो इस दिन सरसों के फूलों की पूजा करके उन्हें कान में भी फंसाने की भी परंपरा है। सरसों देश की प्रमुख तिलहनी फसलों में से एक है। सरसों से तेल तो मिलता ही है इसके हरे पत्तों से साग बनाकर खाया जाता है। इसकी डंडियों का इस्तेमाल जानवरों के हरे चारे के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा पशु आहार के रूप में बीज, तेल, एंव खली को काम में भी लिया जाता है।

2. सूरजमुखी

सूरजमुखी के पीले फूल काफी बड़े - बड़े होते हैं। पीली पत्तियों के बीच में काले गोले वाला ये फूल ऐसा लगता है जैसे सोशल मीडिया में इस्तेमाल होने वाला कोई इमोजी हो। इसके बारे में आपने भी एक बात सुनी होगी कि सूरजमुखी का फूल उस दिशा में घूम जाता है जिस दिशा में सूरज होता है। सूरजमुखी द्वारा खुद को सूर्य की दिशा में घुमा लेने को 'हीलियोट्रोपिज्म' कहा जाता है लेकिन ख़ास बात ये है कि सूरजमुखी के नए फूलों में ही ये प्रक्रिया होती है, व्यस्क फूलों का मुंह सिर्फ पूर्व दिशा में ही रहता है।

3. गेंदा

गेंदा का फूल वैसे तो पीले और नारंगी दो रंगों में आता है लेकिन पीले फूलों का इस्तेमाल ज़्यादा होता है। कोई पूजा - पाठ हो, शादी या त्योहार गेंदे के फूल का इस्तेमाल लगभग हर जगह होता है। सजावटी फूलों में तो इसकी मांग सबसे ज़्यादा रहती है। गेंदा के फूल का उपयोग मुर्गी के खाने के रूप में भी आजकल बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसे खाने से मुर्गी के अंडे की जर्दी का रंग पीला हो जाता है, जिससे अंडे की गुणवत्ता तो बढ़ती ही है, साथ ही आकर्षण भी बढ़ जाता है। वैसे तो इसकी कई किस्में होती हैं लेकिन भारत में मुख्य रूप से अफ्रीकन गेंदा और फ्रेंच गेंदा की खेती की जाती है।

4. अरहर

अरहर भारत की प्रमुख दलहनी फसल है। इसके फूलों का रंग भी पीला होता है। अरहर की दाल प्रोटीन का मुख्य स्रोत है। मध्‍य प्रदेश में अरहर को लगभग 4.75 लाख हेक्‍टर क्षेत्र में बोया जाता है जिससे औसतन 842 किलो ग्राम प्रति हेक्‍टर उत्‍पादन होता है। उत्तर प्रदेश में 30 लाख एकड़ से अधिक रकबे में बोई जाती है। बारिश के मौसम में ये फसल बोई जाती है और दिसंबर - जनवरी में ये पक जाती है।

5. सनई

सनई के फूल भी पीले रंग के होते हैं। इनका इस्तेमाल खाने में किया जाता है। देश के कई हिस्सों में सनई के फूलों की सब्ज़ी बनती है। देश के उत्तरी राज्यों में ये खरीफ की फसल होती है तो दक्षिणी राज्यों में रबी की। इसके पौधे से हरी खाद बनायी जाती है और तने को पानी में सड़ाने के बाद इसके ऊपर लगे रेशे से रस्सी बनायी जाती है।

Tags:
  • vasant panchami
  • Yellow Colour Crops