गाय की लंबी उम्र के लिए उनके पेट में छेद कर रहे अमेरिका के किसान

vineet bajpai | Apr 16, 2018, 18:22 IST
America
अमेरिका में गायों के साथ एक ऐसा प्रयोग किया जा रहा है, जिसे देखकर एक बार आपके होश उड़ जाएंगे। अमेरिका के किसान ऑर्गेनिक डेयरी का प्रयोग कर रहे हैं इस प्रयोग में गायों के शरीर में एक छेद कर देते हैं, ये सुराख दरअसल गाय की आयु को बढ़ाने में कारगर है।

वैज्ञानिकों ने इस सुराग के बारे मैं बताते हुए कहा है कि गायों के अंदरूनी हिस्से की जांच करना बेहद मुश्किल होता है इस वहज से गाय के शरीर में एक सुराख किया जाता है। सुराख को प्लास्टिक की रिंग से बंद कर दिया जाता है और सर्जरी के एक महीने के अंदर गाय पूरी तरह से सहज हो जाती है।

गाय के पेट में गड्ढा गाय की पाचन प्रक्रिया के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है। गाय कौन सा खाना बेहतर तरीके से पचा सकती है और कौन से खाने से उसे दिक्कत होती है, ये सभी जानकारी इस प्रक्रिया के द्वारा पता लगाई जा सकती हैं। इससे गाय के पेट में रहने वाले बैक्टीरिया के बारे में भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। ये फिस्टुला (छेद से बनाया गया रास्ता) गाय के शरीर के जिस हिस्से में खुलता है, उसे Rumen (जुगाली करने वाले पशुओं का पहला पेट) कहा जाता है।

गाय को खाना खिलाने के बाद वैज्ञानिक इस फिस्टुला (छेद से बनाया गया रास्ता) का इस्तेमाल करते हैं ताकि पता लगाया जा सके कि शरीर में खाना किस स्तर पर पच रहा है। खास बात ये है कि गाय इस प्रक्रिया से विचलित नहीं होती हैं और आश्चर्यजनक रुप से ये गाय के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है। माना जाता है कि इस प्रक्रिया से गाय की आयु में बढ़ोतरी होती है। बीमार होने की स्थिति में गाय को दवाइयां सीधा पेट के रास्ते से भी दी जा सकती है। इन गायों के पेट में मौजूद माइक्रोब्स को परीक्षण के बाद दूसरे जानवरों में भी ट्रांसफ़र किया जाता है।



इस प्रक्रिया की कई लोग आलोचना भी करते हैं। गाय के शरीर का एक हिस्सा निकाल कर उनके पेट के संवेदनशील हिस्से को Expose करने की ये प्रक्रिया पिछले कुछ समय से प्रचलन में है। कई लोग भले ही ये मानते हो कि इस सर्जरी से गाय को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है लेकिन सर्जरी के 4-6 हफ़्तों तक गाय असहज बनी रहती हैं।



इस प्रक्रिया के आलोचक इसे केवल मीट और डेयरी कंपनियों के फ़ायदे के तौर पर ही देखते हैं। इसके बावजूद ये प्रक्रिया पिछले कुछ समय से सतत खेती का एक तरीका मानी जा रही है। आलोचकों का ये भी कहना है कि अमेरिका में मौजूद फ़ेडरल एनिमल वेलफ़ेयर एक्ट ही एकमात्र ऐसा कानून है, जो शोध किये जा रहे जानवरों के अधिकार के लिए बना है। लेकिन गाय जैसे जानवर, जो खेती-बाड़ी के काम में आते हैं, उन पर ये कानून लागू नहीं होता। इसका मतलब साफ़ है कि इन Fistulated गायों के पास क्रूरता से निपटने के लिए किसी भी तरह की कानूनी प्रोटेक्शन नहीं है।



Tags:
  • America
  • farmer
  • animals
  • cow
  • cattle
  • हिंदी समाचार
  • समाचार
  • American farmer
  • Organic dairy

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.