ड्रिप और स्प्रिंकलर योजना का लाभ लेने के लिए ऐसे करें आवेदन
Divendra Singh | Feb 12, 2018, 12:06 IST
लघु सीमांत किसानों को 90 तो सामान्य को 80 प्रतिशत का अनुदान योजना पर दिया जा रहा है। यही नहीं ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर विधि का इस्तेमाल कर किसान कम पानी में फसलों को अधिक पानी दे सकते हैं।
लघु सीमांत किसानों को 90 तो सामान्य को 80 प्रतिशत का अनुदान योजना पर दिया जा रहा है। यही नहीं ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर विधि का इस्तेमाल कर किसान कम पानी में फसलों को अधिक पानी दे सकते हैं। उद्यान विभाग सिंचाई के इन साधनों के लिए किसानों को सब्सिडी भी देता है। सिंचाई के दौरान पानी की बर्बादी को रोकने के लिए उद्यान विभाग ने भी कवायद तेजी की है। प्रदेश में सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को प्रेरित किया जा रहा है कि वह ड्रिप इरीगेशन को अपना कर फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। वहीं अनुदान मिलने से भी उन्हें फायदा होगा।
बरेली जिले के पिथरी चैनपुर ब्लॉक के केशरपुर गाँव के किसान हरीश तंवर (41 वर्ष) खेती करते हैं। ड्रिप सिंचाई के बारे में हरीश बताते हैं, "पहले नालियों से सिंचाई करते थे, जिसमें समय और पानी दोनो बहुत लगता था, लेकिन अब उद्यान विभाग की मदद से ड्रिप विधि से ही सिंचाई करते हैं। इससे कम पानी में ही पूरी सिंचाई हो जाती है।"
उद्यान विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी मिशन के निदेशक धर्मेंद्र पांडेय बताते हैं, "सिंचाई के दौरान पानी की बर्बादी रोकने के लिए बेहतर विकल्प है। फसल के उत्पादन पर भी इसका अच्छा असर होता है। किसानों को इन नयी विधियों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, उद्यान विभाग इसके लिए सब्सिडी देता है।"
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वो आगे बताते हैं, "योजना का लाभ सभी वर्ग के किसानों के लिए मान्य है, योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास की खुद की जमीन होनी चाहिए।"
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन योजना के तहत उद्यान विभाग किसानों को स्प्रिंकलर पोर्टेबल, ड्रिप इरीगेशन, रेन गन अनुदान पर दे रहा है। इस योजना से फसल में लगने वाले पानी की खपत भी कम होगी और पौधे को पर्याप्त मात्रा में पानी भी मिल जाएगा। इससे पौधे की जहां ग्रोथ अच्छी होती है, वहीं किसानों की जेब भी हल्की होने से बचती है। स्प्रिंकलर पोर्टेबल, ड्रिप इरीगेशन और रैन गन लेने के लिए किसान को आनलाईन पंजीकरण कराना होगा।
लघु सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत का और सामान्य किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान डीबीटी के द्वारा दिया जाता है, चयनित होने के बाद किसान किसी भी अपनी पसंदीदा कंपनी से खरीददारी कर सकता है। स्प्रिंकलर पोर्टेबल और रैन गन के लिए किसान को पहले अपनी जेब से पैसा लगाना होगा। इसके बाद बिल और बाउचर विभाग में सम्मिट करने पर अनुदान की धनराशि किसान के खाते में जायेगी।
ऐसे कराएं पंजीकरण
टपक (ड्रिप) सिंचाई
ड्रिप सिंचाई से लाभ
इस विधि में पानी सीधा जड़ों तक पहुंचाया जाता है और आस-पास की जमीन सूखी रहती है, जिससे खरपतवार भी नहीं पनपते हैं। ड्रिप सिंचाई में जड़ को छोड़कर सभी भाग सूखा रहता है, जिससे खरपतवार नहीं उगते हैं, निराई-गुड़ाई का खर्च भी बच जाता है।
फव्वारा (स्प्रिंकल) सिंचाई
विधि से लाभ
अनुदान देता है विभाग
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