चीनी का इस्तेमाल करके अपरिपक्व गन्ने से भी बना रहे अच्छा गुड़

Sundar Chandel | Feb 26, 2018, 12:02 IST
गुड़
पौधे के कच्चे गन्ने से भी कोल्हू संचालक चीनी का इस्तेमाल कर अच्छा और सेहत के लिए भी फायदेमंद गुड़ बना रहे हैं। इसकी फरवरी माह में बड़ी डिमांड है। यह गुड़ न केवल दिखने में अच्छा है, बल्कि खाने में भी बेहतर स्वादिष्ट है। कोल्हू संचालक इस गुड़ को 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे हैं।

पेड़ी के गन्ने में गुड़ बनाया जाता है, पौधे का गन्ना कच्चा होने के चलते अच्छा गुड़ नहीं बन पाता, जिसकी डिमांड भी नहीं होती। फरवरी माह आते-आते पेड़ी का गन्ना लगभग समाप्त हो जाता है। साथ ही पौधे के गन्ने में रिकवरी भी पेड़ी के गन्ने के मुताबिक नहीं निकलती। जिसके चलते कोल्हू संचालकों का बिजनेस डामाडोल हो जाता है। इस समस्या से जूझ रहे कोल्हू संचालकों ने प्रयोग के तौर पर चीनी का इस्तेमाल कर पौधे के कच्चे गन्ने से गुड बनाया। जो स्वाद ओर सेहत दोनों के लिए बेहतर माना गया। साथ ही उसकी डिमांड भी पेडी के गुड़ से ज्यादा मार्केट में है। कोल्हू संचालक उदयवीर बताते हैं कि एक क्विंटल की चासनी में पांच किग्रा चीनी डालनी होती है। जिससे अच्छी क्वालिटी का गुड़ तैयार हो जाता है।

सस्ता गन्ना महंगा गुड़

फरवरी में मिल की पर्ची न मिलने कोल्हू संचालकों को दोहरा लाभ मिल रहा है। एक तो गुड़ चीनी से महंगा बिक रहा है, दूसरा पौधे का गन्ना कोल्हू संचालक कम दाम में खरीद रहे हैं। कच्चे गन्ने से कोल्हू संचालक चीनी का इस्तेमाल कर अच्छा और सेहतमंद गुड़ बनाकर ज्यादा मुनाफा ले रहे हैं।

कोल्हू संचालक अमर सिंह (55 वर्ष) बताते हैं कि फरवरी में उनके यहां से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात तक गुड़ भेजा जा रहा है। अकेले मेरठ जनपद में 5 हजार के आसपास कोल्हू हैं।

चीनी से तैयार किया गया गुड़ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। कोल्हू संचालक गुड़ में चीनी का इस्तेमाल उसकी गन्ने के रस की रिकवरी पूरी करके गुड़ तैयार करने के लिए करते हैं, साथ ही चीनी के इस्तेमाल से बना गुड़ ज्यादा समय तक ठीक रहता है।
संजीव खाटियान, जीएम केन दौरारा शुगर मिल

सर्दी में लाभदायक

आयुर्वेदाचार्य निवेश कुमार बताते हैं कि दिसंबर से लेकर मार्च के माह तक गुड़ का सेवन रामबाण है। गर्म तासीर और हाजमा गुण के चलते लोग खाना खाने के बाद और दूध व छाछ के साथ गुड का सेवन करते हैं। काफी लोग मूंगफली के साथ भी गुड का इस्तेमाल करते हैं। चीनी मिलाकर बना गुड और उपयुक्त हो जाता है। इसलिए गांव के साथ षहरों में भी अब गुड की डिमांड बढने लगी है।

चीनी से महंगा बिक रहा ये गुड़

कोल्हू संचालक इंद्रजीत (45 वर्ष) बताते हैं कि फरवरी में गुड की डिमांड बढने वह चीनी से भी महंगा बिक रहा है। इस समय चीनी के दाम 35 से 36 रुपए प्रति किलो है, लेकिन चीनी के इस्तेमाल से बना गुड़ आज भी मंडी में 50 रुपए प्रति किलो तक बेचा जा रहा है।

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