कृषि विशेषज्ञों की सलाह: मौसम को देखते हुए किसानों को शुरू कर देनी चाहिए धान की नर्सरी की तैयारी
गाँव कनेक्शन | Jun 20, 2022, 08:12 IST
आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की है।
मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि सभी फसलों में किसी भी प्रकार का छिड़काव ना करें और खड़ी फसलों में उचित प्रबंधन करें।
आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए मौसम आधारित संबंधित कृषि सलाह जारी की है।
Gaon Radio · कृषि सलाह: इस हफ्ते करें खेती के ये जरूरी काम || Agriculture Advisory Kharif Paddy वर्तमान मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को धान की नर्सरी तैयारी करने की सलाह है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई करने के लिए लगभग 800-1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में पौध तैयार करना पर्याप्त होता है। नर्सरी के क्षेत्र को 25 से 1.5 मीटर चौड़ी और सुविधानुसार लम्बी क्यारियों में बांटे। पौधशाला में बुवाई से पहले बीजोपचार के लिए 5.0 किलोग्राम बीज के लिए बावस्टिन 10-12 ग्राम और 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोल लें।
जरूरत के हिसाब से इस घोल को बनाकर इसमें 12-15 घण्टे के लिए बीज को डाल दें। उसके बाद बीज को बाहर निकालकर किसी छायादार स्थान में 24-36 घण्टे के लिए ढककर रखें और पानी का हल्का-हल्का छिडकाव करते रहें। बीज में अंकुर निकलने के बाद पौधशाला में छिड़क दें। अधिक उपज देने वाली किस्में:- पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1637, पूसा 44, पूसा 1718, पूसा बासमती 1401, पूसा सुगंध 5, पूसा सुगंध 4 (पूसा 1121), पंत धान 4, पंत धान 10।
अरहर की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। किसानों से यह आग्रह है कि वे बीजों को बोने से पहले अरहर के लिए उपयुक्त राईजोबियम और फास्फोरस को घुलनशील बनाने वाले जीवाणुओं (पीएसबी) फफूंद के टीकों से उपचार कर लें। इस उपचार से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है। उप्युक्त किस्में:- पूसा अरहर-16, पूसा 2001, पूसा 2002, पूसा 991, पूसा 992, पारस तथा मानक।
मूंग एवं उड़द की फसल की बुवाई के लिए किसान उन्नत बीजों की बुवाई करें। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। मूंग – पूसा-1431, पूसा-1641, पूसा विशाल, पूसा-5931, एस एम एल-668, सम्राट; उड़द- टाईप-9, टी-31, टी-39 आदि। बुवाई से पहले बीजों को फसल विशेष राईजोबियम और फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।
भिंडी की फसल में माईट, जैसिड और हॉपर की निरंतर निगरानी करते रहें।
तापमान को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम को करें और इसके बाद इसे छायादार स्थान में रखें।
इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाकर उचित पोषक तत्व भूमि में मिलाएं और जहां संभव हो अपने खेत को समतल करवाएं।
आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए मौसम आधारित संबंधित कृषि सलाह जारी की है।
Gaon Radio · कृषि सलाह: इस हफ्ते करें खेती के ये जरूरी काम || Agriculture Advisory Kharif Paddy वर्तमान मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को धान की नर्सरी तैयारी करने की सलाह है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई करने के लिए लगभग 800-1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में पौध तैयार करना पर्याप्त होता है। नर्सरी के क्षेत्र को 25 से 1.5 मीटर चौड़ी और सुविधानुसार लम्बी क्यारियों में बांटे। पौधशाला में बुवाई से पहले बीजोपचार के लिए 5.0 किलोग्राम बीज के लिए बावस्टिन 10-12 ग्राम और 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोल लें।
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जरूरत के हिसाब से इस घोल को बनाकर इसमें 12-15 घण्टे के लिए बीज को डाल दें। उसके बाद बीज को बाहर निकालकर किसी छायादार स्थान में 24-36 घण्टे के लिए ढककर रखें और पानी का हल्का-हल्का छिडकाव करते रहें। बीज में अंकुर निकलने के बाद पौधशाला में छिड़क दें। अधिक उपज देने वाली किस्में:- पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1637, पूसा 44, पूसा 1718, पूसा बासमती 1401, पूसा सुगंध 5, पूसा सुगंध 4 (पूसा 1121), पंत धान 4, पंत धान 10।
अरहर की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। किसानों से यह आग्रह है कि वे बीजों को बोने से पहले अरहर के लिए उपयुक्त राईजोबियम और फास्फोरस को घुलनशील बनाने वाले जीवाणुओं (पीएसबी) फफूंद के टीकों से उपचार कर लें। इस उपचार से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है। उप्युक्त किस्में:- पूसा अरहर-16, पूसा 2001, पूसा 2002, पूसा 991, पूसा 992, पारस तथा मानक।
मूंग एवं उड़द की फसल की बुवाई के लिए किसान उन्नत बीजों की बुवाई करें। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। मूंग – पूसा-1431, पूसा-1641, पूसा विशाल, पूसा-5931, एस एम एल-668, सम्राट; उड़द- टाईप-9, टी-31, टी-39 आदि। बुवाई से पहले बीजों को फसल विशेष राईजोबियम और फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।
यह समय अगेती फूलगोभी, टमाटर, हरी मिर्च और बैंगन की पौधशाला बनाने के लिए उपयुक्त है, इसलिए किसान यह प्रयास करें कि वे कीट अवरोधी नाईलॉन की जाली का प्रयोग करें ताकि रोग फैलाने वाले कीटों से फसल को बचा सकें। पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए 40 % छायादार नेट द्वारा 6.5 फीट की ऊँचाई पर ढक सकते हैं। बीजों को थीराम @ 2-2.5 ग्रा./कि.ग्रा. की दर से उपचार के बाद पौधशाला में बुवाई करें।
भिंडी की फसल में माईट, जैसिड और हॉपर की निरंतर निगरानी करते रहें।
तापमान को देखते हुए, किसान तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम को करें और इसके बाद इसे छायादार स्थान में रखें।
इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाकर उचित पोषक तत्व भूमि में मिलाएं और जहां संभव हो अपने खेत को समतल करवाएं।