वीडियो : धान की फसल की मड़ाई करने में किसानों की मेहनत कम करेगी ये मशीन
vineet bajpai | Jul 23, 2017, 14:35 IST
लखनऊ। इस बार बारिश समय पर होने से धान की रोपाई का काम जोर-शोर से चल रहा है। वैसे तो धान की फसल तैयार करना काफी मुश्किल भरा होता है, किसान जी-जान लगा देता है फसल को तैयार करने में, लेकिन इसके बाद भी धान की मड़ाई करना भी काफी मुश्किल भरा काम होता है। हलांकि जो किसान धान की खेती ज्यादा क्षेत्र में करते हैं वो तो कम्बाइन से अपनी फसल कटवा लेते हैं, लेकिन जो किसान कम क्षेत्र में धान की खेती करते हैं उन किसानों को फसल की मड़ाई करने में काफी मेहनत करनी पड़ीती है, उन्हीं किसानों के लिए ये मशीन फायदेमंद साबित होगी।
पहले धान की मड़ाई बैलों द्वारा की जाती थी, जो काफी मेहनत का काम होता था, लेकिन उसके बाद ट्रैक्टक और फिर कम्बाईन से धान की कटाई होने लगी, जिसमें मेहनत तो नहीं करनी पड़ती लेकिन खर्च थोड़ा ज्यादा हो जाता है, इसके अलावा कम क्षेत्र में धान की पसल करने वाले किसान इसका फायदा नहीं ले पाते हैं, जिस वजहा से कई जगहों पर आज भी धान की मड़ाई बैलों द्वारा ही की जाती है। ये मशीन उस किसानों के लिए काफी फायदेमंद है।
इसमें किसान को फसल को कट कर एक जगह पर इकट्ठा करना होगा और फिर जैसे चारा काटने वाली मशीन में चारा काटा जाता है उसी तरह धान के पैधों के छोटे-छोटे गट्ठर बनाकर इस मशीन में लगाने होंगे और ये मशीन धान को एक तरफ और पुआल को एक तरफ करती जाएगी, जिससे किसान का न सिर्फ वक्त बचेगा बल्कि खर्चा भी कम होगा और मेहनत भी कम करनी पड़ेगी।
कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस बार 21 जुलाई, 2017 तक 177.04 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है, जो पिछली बार के मुकाबले इस बार 4.6 अधिक है, जबकि पिछले वर्ष अभी तक हुई बुवाई का आंकड़ा 673.41 लाख हेक्टेयर ही था।
(इस वीडियो को वंडर्स ऑफ एग्रीकल्चर के फेसबुक ग्रुप पर शेयर किया गया है।)
पहले धान की मड़ाई बैलों द्वारा की जाती थी, जो काफी मेहनत का काम होता था, लेकिन उसके बाद ट्रैक्टक और फिर कम्बाईन से धान की कटाई होने लगी, जिसमें मेहनत तो नहीं करनी पड़ती लेकिन खर्च थोड़ा ज्यादा हो जाता है, इसके अलावा कम क्षेत्र में धान की पसल करने वाले किसान इसका फायदा नहीं ले पाते हैं, जिस वजहा से कई जगहों पर आज भी धान की मड़ाई बैलों द्वारा ही की जाती है। ये मशीन उस किसानों के लिए काफी फायदेमंद है।
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कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस बार 21 जुलाई, 2017 तक 177.04 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है, जो पिछली बार के मुकाबले इस बार 4.6 अधिक है, जबकि पिछले वर्ष अभी तक हुई बुवाई का आंकड़ा 673.41 लाख हेक्टेयर ही था।
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