गेहूं की मड़ाई का समय आते ही थ्रेसर से होने वाले हादसों की संख्या बढ़ी, सावधानी जरूरी
Ashwani Nigam | Apr 03, 2017, 19:47 IST
लखनऊ। गेहूं की कटाई और उसके बाद थ्रेसर से उसके मड़ाई काम इस समय जोरों पर है। लेकिन मड़ाई के काम में लगे लोगों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो रहा है। हाल ही में प्रतापगढ़ के पट्टी ब्लाक में रहने वाली ममता देवी के खलिहान में गेहूं की मड़ाई काम चल रहा था। इस दौरान वह थ्रेसर के काम में लगे मजदूर को पानी देने गईं।
इस दौरान उनकी साड़ी थ्रेसर की चपेट में आ गईं। अभी भी उनकी हालत गंभीर है। यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे मामले पूरे प्रदेश के हर जिले से आ रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने लोगों को ऐसे हादसों से बचने के लिए एक सलाह भी जारी की है। लोगों से सेफ्टी के उपाय करके ही मड़ाई के काम में लगने को कहा गया है। लेकिन जागरूकता और जानकारी के अभाव में लोग अभी भी बिना सेफ्टी के मड़ाई के काम मे लग रहे हैं और हादसों का शिकार बन रहे हैं।
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आपको बता दें की गोरखपुर के सहजनवां ब्लाक के पाली में गेहूं की मड़ाई के दौरान थ्रेसर में फंसने से 40 साल की सुभावतती का पिछले साल मौत हो गई थी। उनका सिर और एक हाथ थ्रेसर में फंस गया था। ऐसा ही वाकया गोरखपुर जिले के खजनी ब्लाक के सैरा गांव की रहने वाली रमावती देवीके साथ भी कुछ साल पहलेहुआ। घटना में वे अपने बड़े बेटे को खो चुकी हैं। उन्होंने बताया '' मेरा बड़ा बेटा रविन्द्रर तीन साल पहले थ्रेसर से गेहूं की मड़ाई कर रहा था। अचानक से थ्रेसर उखड़कर उसके ऊपर गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। ''इस घटना में थ्रेसर को जमीन में सही मजबूती से गाड़ा नहीं गया था। लापहरवाही हुई थी, जिसकी इतनी बड़ी सजा मिली।
थ्रेसर से होने वाले हादसों से लोगों को बचाने के लिए केन्द्रीय कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान, लुधियाना और उसके वैज्ञानिक इसके लिए काम कर रहे हैं। यहां के निदेशक डा. आर.के़ गुप्ता ने बताया कि कटाई के बाद लोग फसलों की सुरक्षित मड़ाई कर सके और अनाज और मानव की क्षति न हो इसके लिए संस्थान द्वारा सुरक्षित मशीनों को बनाने के साथ ही किसानों को जागरुक किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने भी मड़ाई के दौरान लोगों सेफ्टी का ध्यान रखने का कहा है। विभाग ने कहा है कि मड़ाई शुरू करने से पहले थ्रेसर और दूसरी मशीनों की जांच कर ली जाए। थ्रेसर को मजबूती से जमीन में ऐसे फिट किया जाए जिससे यह प्रेशर पड़ने पर उखड़े नहीं। इसके अलावा मड़ाई के काम में लगे लोग ढीले कपड़े न पहने, आंखों में चश्मा और चेहरे को ढकने के साथ ही हाथों में गल्ब्स पहने। साड़ी, धोती या दुपट्टे लिए लोग इस काम में न लगे। ढीले कपड़े पट्ट में फंसने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा रात के समय होने वाली मड़ाई में लाइट की पूरी व्यवस्था रखे। बच्चों को यहां से दूर रखें। मड़ाई के काम में पारंगत मजदूरों से ही मड़ाई कराएं।
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इस दौरान उनकी साड़ी थ्रेसर की चपेट में आ गईं। अभी भी उनकी हालत गंभीर है। यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे मामले पूरे प्रदेश के हर जिले से आ रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने लोगों को ऐसे हादसों से बचने के लिए एक सलाह भी जारी की है। लोगों से सेफ्टी के उपाय करके ही मड़ाई के काम में लगने को कहा गया है। लेकिन जागरूकता और जानकारी के अभाव में लोग अभी भी बिना सेफ्टी के मड़ाई के काम मे लग रहे हैं और हादसों का शिकार बन रहे हैं।
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आपको बता दें की गोरखपुर के सहजनवां ब्लाक के पाली में गेहूं की मड़ाई के दौरान थ्रेसर में फंसने से 40 साल की सुभावतती का पिछले साल मौत हो गई थी। उनका सिर और एक हाथ थ्रेसर में फंस गया था। ऐसा ही वाकया गोरखपुर जिले के खजनी ब्लाक के सैरा गांव की रहने वाली रमावती देवीके साथ भी कुछ साल पहलेहुआ। घटना में वे अपने बड़े बेटे को खो चुकी हैं। उन्होंने बताया '' मेरा बड़ा बेटा रविन्द्रर तीन साल पहले थ्रेसर से गेहूं की मड़ाई कर रहा था। अचानक से थ्रेसर उखड़कर उसके ऊपर गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। ''इस घटना में थ्रेसर को जमीन में सही मजबूती से गाड़ा नहीं गया था। लापहरवाही हुई थी, जिसकी इतनी बड़ी सजा मिली।
किसानों को कर रहे जागरूक
सावधानी जरूरी
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