अपने क्षेत्र के लिए विकसित धान की किस्मों का करें चयन, तभी मिलेगी अच्छी पैदावार
Divendra Singh | May 04, 2018, 14:02 IST
ये महीना धान की नर्सरी तैयार करने का सही समय होता है लेकिन किसान जानकारी के आभाव में सही बीज का चुनाव नहीं कर पाते हैं, इससे लागत तो लगती है, लेकिन उत्पादन पर असर पड़ता है।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग के प्रो. डॉ. विनोद कुमार श्रीवास्तव बताते हैं, "किसान दुकानदार के कहने पर ही धान के बीज चुनता है, जबकि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से धान की किस्मों को विकसित किया जाता है, क्योंकि हर जगह की मिट्टी, वातावरण अलग तरह का होता है।"
"किसानों को अपने क्षेत्र के हिसाब से विकसित किस्मों का चयन करना चाहिए, जिससे सही उपज मिल पाए, "डॉ. श्रीवास्तव ने आगे बताया। कृषि विभाग प्रदेश में क्षेत्र के हिसाब से किसानों को बीज उपलब्ध कराता है, जिससे वहां के क्षेत्र के हिसाब से अच्छी पैदावार होती है।
इन क्षेत्रों में सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर, खीरी, बहराइच और श्रावस्ती जिले आते हैं।
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमनी
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में पूसा-169, नरेन्द्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022, नरेन्द्र धान-2065 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, पूसा-44, पीएनआर-381 प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: नरेन्द्र ऊसर धान-3, नरेन्द्र धान-5050, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
गंगा-यमुना दोआब के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमनी
सिंचित दशा: मनहर, पूसा-169, नरेन्द्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, पूसा-44, पीएनआर-381 प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: साकेत-4, ऊसर धान-1,2, व 3, सीएसआर-10, 13, 27, व 30, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
इनमें प्रदेश के मैदानी क्षेत्र जैसे बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिले आते हैं।
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमती।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में मनहर, पूसा-169, नरेन्द्र-80, मालवीय धान-3022, बरानी दीप और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: साकेत-4, ऊसर धान-1,2, व 3, सीएसआर-10, 13, व 30, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
इनमें आगरा और अलीगढ़ मण्डल के सभी जिले आते हैं।
असिंचित दशा: साकेत-4, नरेन्द्र-97, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमती।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में साकेत-4, पन्त धान-12, नरेन्द्र-80, मालवीय धान-3022, शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: साकेत-4, ऊसर धान-1,2, व 3, सीएसआर-10, 13, 3035, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
लखनऊ, कानपुर के सभी मंडलों के सभी जिलों और इलाहाबाद मंडल के प्रतापगढ़ को छोड़कर सभी जिले।
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र लालमती, शुष्क सम्राट और बरानी दीप।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में धान-4, पन्त धान-12, मालवीय-35, नरेन्द्र लालमती व शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर सीएसआर-10, 30, सीएसआर- 13, , नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
झांसी और चित्रकूट मण्डलों के सभी जिले।
असिंचित दशा: साकेत-4, शुष्क सम्राट
सिंचित दशा: सिंचित दशा में- सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में नरेन्द्र-80, नरेन्द्र-97, साकेत-4 व शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में नरेन्द्र-359, सरजू-52, नरेन्द्र धान-2024, नरेन्द्र धान-3112-1 व नरेन्द्र धान-2065।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर धान-1, सीएसआर-13, सीएसआर-10, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
इनमें गोण्डा, बहराइच, कुशीनगर, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, सन्त कबीर नगर।
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र लालमती, शुष्क सम्राट और बरानी दीप।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में आईआर-36, नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-80, पन्त धान-12 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर धान-1, सीएसआर-13, सीएसआर-10, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009
बाराबंकी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, जोनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, चदोली, मऊ, बलिया, अम्बेडकर नगर, संत रविदास नगर और गाजीपुर।
असिंचित दशा: साकेत-4 नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-118, शुष्क सम्राट और बरानी दीप, लालमती।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में आईआर-36, नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-80, पन्त धान-12, शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर धान-1, सीएसआर-13, सीएसआर-10, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग के प्रो. डॉ. विनोद कुमार श्रीवास्तव बताते हैं, "किसान दुकानदार के कहने पर ही धान के बीज चुनता है, जबकि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से धान की किस्मों को विकसित किया जाता है, क्योंकि हर जगह की मिट्टी, वातावरण अलग तरह का होता है।"
ये भी पढ़ें- तस्वीरों में देखें एलोवेरा की खेती और प्रोसेसिंग
देश में प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, पंजाब, उड़ीसा, बिहार व छत्तीसगढ़ हैं।
"किसानों को अपने क्षेत्र के हिसाब से विकसित किस्मों का चयन करना चाहिए, जिससे सही उपज मिल पाए, "डॉ. श्रीवास्तव ने आगे बताया। कृषि विभाग प्रदेश में क्षेत्र के हिसाब से किसानों को बीज उपलब्ध कराता है, जिससे वहां के क्षेत्र के हिसाब से अच्छी पैदावार होती है।
तराई क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमनी
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में पूसा-169, नरेन्द्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022, नरेन्द्र धान-2065 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, पूसा-44, पीएनआर-381 प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: नरेन्द्र ऊसर धान-3, नरेन्द्र धान-5050, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
ये भी पढ़ें- मचान विधि से सब्जियों खेती कर कमाएं मुनाफा
पश्चिम मैदानी क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमनी
सिंचित दशा: मनहर, पूसा-169, नरेन्द्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, पूसा-44, पीएनआर-381 प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: साकेत-4, ऊसर धान-1,2, व 3, सीएसआर-10, 13, 27, व 30, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
मध्य पश्चिम क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमती।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में मनहर, पूसा-169, नरेन्द्र-80, मालवीय धान-3022, बरानी दीप और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: साकेत-4, ऊसर धान-1,2, व 3, सीएसआर-10, 13, व 30, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
दक्षिणी पश्चिमी अर्द्धशुष्क क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: साकेत-4, नरेन्द्र-97, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र लालमती।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में साकेत-4, पन्त धान-12, नरेन्द्र-80, मालवीय धान-3022, शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: साकेत-4, ऊसर धान-1,2, व 3, सीएसआर-10, 13, 3035, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
मध्य मैदानी क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र लालमती, शुष्क सम्राट और बरानी दीप।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में धान-4, पन्त धान-12, मालवीय-35, नरेन्द्र लालमती व शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर सीएसआर-10, 30, सीएसआर- 13, , नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: साकेत-4, शुष्क सम्राट
सिंचित दशा: सिंचित दशा में- सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में नरेन्द्र-80, नरेन्द्र-97, साकेत-4 व शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में नरेन्द्र-359, सरजू-52, नरेन्द्र धान-2024, नरेन्द्र धान-3112-1 व नरेन्द्र धान-2065।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर धान-1, सीएसआर-13, सीएसआर-10, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009।
उत्तरी पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र लालमती, शुष्क सम्राट और बरानी दीप।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में आईआर-36, नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-80, पन्त धान-12 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर धान-1, सीएसआर-13, सीएसआर-10, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009
पूर्व मैदानी क्षेत्र के लिए इन किस्मों का करें चयन
असिंचित दशा: साकेत-4 नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-118, शुष्क सम्राट और बरानी दीप, लालमती।
सिंचित दशा: सिंचित क्षेत्रों के लिए जल्दी पकने वाली किस्मों में आईआर-36, नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-80, पन्त धान-12, शुष्क सम्राट और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064, नरेन्द्र धान-2064, प्रमुख किस्में हैं।
ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में: ऊसर धान-1, सीएसआर-13, सीएसआर-10, नरेन्द्र ऊसर धान-2008, नरेन्द्र ऊसर धान-2009