इस समय आम व बेलवाली सब्जियों में बढ़ जाता है फल मक्खी का प्रकोप, ऐसे करें बचाव
Divendra Singh | May 12, 2018, 06:52 IST
इस समय आम व कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल मक्खियों की समस्या काफी बढ़ जाती है, इस कीट का प्रकोप सर्वाधिक मार्च से सितंबर महीने में रहता है।
इस समय आम व कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल मक्खियों की समस्या काफी बढ़ जाती है, इस कीट का प्रकोप सर्वाधिक मार्च से सितंबर महीने में रहता है। इस दौरान 80 प्रतिशत नुकसान हो जाता है।
इन कीटों से बचने के लिए किसान रसायनिक दवाओं का इस्तेमाल करता है। इससे कीट तो मर जाते हैं, लेकिन पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। इस बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया सीतापुर के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव बता रहे हैं कि कैसे इस फल मक्खी से अपनी फसल को बचा सकते हैं। बड़े काम है ये पौधा, पशुओं को मिलेगा हरा चारा व बढ़ेगी खेत की उर्वरता
ऐसे करें फल मक्खी की पहचान
वयस्क मक्खी का शरीर लाल भूरे रंग का पंख पारदर्शक एवं चमकदार जिन पर पीले भूरे सुनहले रंग की धारियां होती हैं वयस्क मक्खी 4 से 5 मिली मीटर लंबी होती है। मादा फल मक्खी फल की त्वचा को छेद कर उसमें अंडे देती है, जिससे फल की त्वचा पर छोटे-छोटे बदरंग धब्बे पड़ जाते हैं फलस्वरुप उत्पन्न लारवा गूदे के अंदर क्षति पहुंचा कर सड़न पैदा कर देता है। इसके बाद उसने फफूंदी व बैक्टीरिया का भी संक्रमण हो जाता है इससे फल सड़कर असमय ही गिर जाता है।
एक वयस्क मक्खी 40 स्वस्थ फलों को खराब करने की क्षमता रखती है, मक्खी ज्यादातर कोमल फलों पर ही अंडे देती है। मक्खी अपने अंडे देने वाले भाग से फलों में छेद कर हानि पहुंचाती है इन छेदों से फलों का रस निकलता हुआ दिखाई देता है। इससे यह छेद ग्रसित फल सड़ने लगता है। मैगट फलों में छेद कर गूदा एवं मुलायम बीजों को खाते हैं, जिसके कारण फल परिपक्व होने के पहले ही गिर जाता है। धान की खेती की पूरी जानकारी, कैसे कम करें लागत और माएं ज्यादा मुनाफा
आम के बागों में फ्रूट फ्लाई ट्रैप तीन से चार प्रति एकड़ या सघन ट्रैपिंग के लिए 8-10 प्रति एकड़ लगाएं। 15-15 दिन के अंतराल पर ल्योर बदलते रहें या आसान विधियों में 10 लीटर पानी में एक किलो गुड़ घोलकर उसमें 20 मिली. मेलाथियान मिला लें। इसके बाद इस घोल को आम के पौधे की जड़ से दो फीट ऊंचे ऊपर तने में ब्रश की सहायता से चारों ओर हर सप्ताह पुताई करें। ये विधि अपनाकर आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं लीची किसान
कद्दू वर्गीय /बेलवाली सब्जियों जैसे करेला, खीरा, तोरई, कुम्हड़ा, खरबूजा, तरबूज इत्यादि में फल मक्खी समस्या से निजात पाने के लिए फ्रूट फ्लाई ट्रैप दो से तीन प्रति एकड़ टांग दें या आसान विधियों में केला खाने के बाद उसके छिलकों में कुछ बूंदें मेलाथियान की डाल कर 15 से 20 छिलके प्रति बीघा जगह-जगह पर खेतों में फैला दें।
इन कीटों से बचने के लिए किसान रसायनिक दवाओं का इस्तेमाल करता है। इससे कीट तो मर जाते हैं, लेकिन पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। इस बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया सीतापुर के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव बता रहे हैं कि कैसे इस फल मक्खी से अपनी फसल को बचा सकते हैं। बड़े काम है ये पौधा, पशुओं को मिलेगा हरा चारा व बढ़ेगी खेत की उर्वरता
ऐसे करें फल मक्खी की पहचान
वयस्क मक्खी का शरीर लाल भूरे रंग का पंख पारदर्शक एवं चमकदार जिन पर पीले भूरे सुनहले रंग की धारियां होती हैं वयस्क मक्खी 4 से 5 मिली मीटर लंबी होती है। मादा फल मक्खी फल की त्वचा को छेद कर उसमें अंडे देती है, जिससे फल की त्वचा पर छोटे-छोटे बदरंग धब्बे पड़ जाते हैं फलस्वरुप उत्पन्न लारवा गूदे के अंदर क्षति पहुंचा कर सड़न पैदा कर देता है। इसके बाद उसने फफूंदी व बैक्टीरिया का भी संक्रमण हो जाता है इससे फल सड़कर असमय ही गिर जाता है।
एक वयस्क फल मक्खी कर सकती है 40 फलों को खराब
इनसे बचने के लिए किसान अपनाए ये सावधानियां
- रोग ग्रसित फलों को इकट्ठा कर खेत से दूर ले जाकर नष्ट कर देना चाहिए।
- कद्दू वर्गीय/बेलवाली सब्जियों में प्रकोप से बचाव के लिए खेत में कतारों के बीच में मक्के के पौधे उगाया जाना चाहिए।
- गर्मी के दिनों में गहरी जुताई करके मक्खी की अवस्थाओं को नष्ट करें।
- परागण की क्रिया के तुरंत बाद तैयार होने वाले फलों को पॉलिथीन या पेपर के द्वारा लपेट कर सुरक्षित कर लेना चाहिए।
ऐसे करें इन कीटों से बचाव
कद्दू वर्गीय /बेलवाली सब्जियों जैसे करेला, खीरा, तोरई, कुम्हड़ा, खरबूजा, तरबूज इत्यादि में फल मक्खी समस्या से निजात पाने के लिए फ्रूट फ्लाई ट्रैप दो से तीन प्रति एकड़ टांग दें या आसान विधियों में केला खाने के बाद उसके छिलकों में कुछ बूंदें मेलाथियान की डाल कर 15 से 20 छिलके प्रति बीघा जगह-जगह पर खेतों में फैला दें।