टमाटर, प्याज के बाद अब लाल मिर्च होगी महंगी !

Mithilesh Dhar | Jan 19, 2018, 14:53 IST
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लाल मिर्च भी इस साल प्याज और टमाटर की तरह और लाल होने वाली है। बढ़ती महंगाई के बीच इस साल लाल मिर्च के दाम भी बढ़ सकते हैं। लाल मिर्च के उत्पादन में 30 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, इन दो राज्यों में सबसे ज्यादा मिर्च का उत्पादन होता है। इन दोनों प्रदेशों में लाल मिर्च उत्पादन में 30% की गिरावट दर्ज की गयी। मध्य प्रदेश में भी इसके उत्पादन में भारी कमी आयी है। ऐसे में लाल मिर्च की कीमत मार्च तक बढ़ सकती है। लाल मिर्च भारत से सबसे अधिक निर्यात होने वाला मसाला है।

बंपर उत्पादन के होने के बाद इसकी कीमत में 50% से ज्यादा की गिरावट आई थी। लेकिन स्टॉक में माल कम होने से इसकी कीमत 35 रुपए प्रति किलोग्राम से फिर बढ़ने लगी और इस समय इसकी कीमत 75 रुपए प्रति किलोग्राम हैं और अच्छी गुणवत्ता वाली मिर्च की कीमत 100 रुपए प्रतिकिलो से ज्यादा में बिक रही है।

इस बारे में रवीपति पारीया, एमडी, विजयकृष्ण स्पाइस फार्म तेलंगाना, कहते हैं "अभी तो खेती शुरू हुई है जो मार्च तक चलेगी। उसके बाद ही हमें पता चल पाएगा कि घरेलू खपत और निर्यात को पूरा करने के लिए पैदावार पर्याप्त होगी या नहीं। लेकिन कमी के अनुमान के मुताबिक कीमतों में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी।"

भारत आमतौर पर 15-16 लाख टन लाल मिर्च का उत्पादन करता है। पिछले साल 18 लाख टन से अधिक की बंपर पैदावार हुई थी। 13 लाख टन घरेलू खपत और निर्यात को पूरा करने के बाद व्यापारियों को उम्मीद है कि कमोडिटी स्टॉक के लिए लाल मिर्च की खेप तीन लाख टन पहुंचेगी। पेरियाह ने असगे कहते हैं "चूंकि उत्पादन 12 लाख टन के आसपास हो सकता है, साथ ही इसे कमोडिटी स्टॉक के लिए भी उपलब्ध करना है तो ऐसे में इस साल दिक्कत हो सकती है। इसके दाम बढ़ सकते हैं।"

नुकसान झेल रहे कई किसानों ने इस साल मिर्च की जगह कपास को वरीयता दी थी, लेकिन बारिश और कीटों के कारण किसानों को वहां भी नुकसान झेलना पड़ा। 30 सितंबर को खत्म हुए छमाही के अनुसार मसालों में सबसे ज्यादा निर्यात लाल मिर्च का ही हुआ है। 42 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,35,000 टन लाल मिर्च का निर्यात किया गया। हालांकि मूल्य में 8% की गिरावट आई और 2126 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस साल 2016-17 की अपेक्षा और कम आय होने की आशंका है। 0जब मिर्च 4,00,250 टन की मात्रा पर 5,070 करोड़ रुपये अर्जित की थी।

इंदौर के मासला कारोबारी हरीश पालिया कहते हैं "इस साल मध्यप्रदेश में लाल मिर्च की फसल पिछले साल के मुकाबले आधी रह गई है। क्योंकि मिर्च की फसल को कीड़ा लग गया है। इस साल मध्य प्रदेश में 30 लाख बोरी (एक बोरी=40 किलो) मिर्च के उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल 60 लाख बोरी मिर्च का उत्पादन हुआ था। लंबी अवधि में लाल मिर्च की कीमतें चढ़ सकती हैं।"

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