बढ़ती गर्मी से फल व्यापार हो रहा सस्ता
Devanshu Mani Tiwari 5 April 2017 9:24 AM GMT

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। बढ़ती गर्मी के कारण अब फल मंडी के व्यापारियों ने माल निकलवाने के लिए फलों का दाम सस्ता कर दिया है। मंडी में फलों के भंडारण की कोई भी सुविधा न होने के कारण व्यापारी फलों की थोक खरीद कम दिए हैं।
लखनऊ जिले की नवीन किसान मंडी, सीतापुर रोड पर पिछले चार वर्षों से फलों का व्यापार कर रहे बाबू सोनकर (39 वर्ष) 450 रुपए के संतरे के कैरट को इस समय 400 रुपए में बेच रहे हैं। बाबू सोनकर बताते हैं, “एक कैरट में 20 से 22 किलो संतरा आता है।
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गर्मी में संतरे का स्वाद खराब हो जाता है और दाम भी अच्छे भी नहीं मिलते हैं। इसलिए मजबूरन केला, सेब, संतरे का 50 रुपए कम में बेचना पड़ रहा है।’’ कृषि मंत्रालय, भारत सरकार व भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पिछले वर्ष मंडियों में उत्पादों के संरक्षण व उनकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मंडियों में फसल सुरक्षा यूनिट बनाने जाने के आदेश दिए थे, लेकिन फल व सब्जियों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ऐसी कोई व्यावस्था फिलहाल मंडियों में नहीं शुरू हो पाई है।
मंडी में मेरठ जिले के फल व्यापारी मो. मेहताब ने बताया कि हम पिछले तीन वर्षों से मंडी में पपीता और तरबूज का व्यापार कर रहे हैं। गर्मी ज़्यादा पड़ रही है, इसलिए पपीता जल्दी खराब हो जाता है। पपीते पर धब्बा पड़ जाने से पपीता कम रेट पर बेचना पड़ रहा है।
तापमान के बढ़ने से जहां एक तरफ मंडी के व्यापारियों को माल सस्ते दाम पर बेचना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर फुटकर फल विक्रेताओं को फलों के अच्छे दाम मिल रहे हैं। टेढ़ी पुलिया पर फलों का ठेला लगाने वाले रामप्यारे (34 वर्ष) ने बताया, “नवरात्रि के समय केला, संतरा और सेब बहुत ज़्यादा बिक रहा है। मंडी में जो केला 50 से 55 रुपए दर्जन रेट पर खरीगते हैं, वो 60 रुपए दर्जन तक बेच लेते हैं।’’
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