सजावटी मछली पालन से किसानों की बढ़ेगी आय, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार 

Ashwani NigamAshwani Nigam   16 Aug 2017 6:45 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
सजावटी मछली पालन से किसानों की बढ़ेगी आय, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार सजावटी मछलियों की देश-विदेश के बाजारों में बड़ी मांग है।

लखनऊ। सजावटी मछलियों की देश-विदेश के बाजारों में बड़ी मांग है। सजावटी मछली पालन का उद्योग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है लेकिन भारत जैसा देश जहां के विभिन्न हिस्सों में समुद्री सजावटी मछलियों की लगभग 400 प्रजातियां सामान्य जल में सजावटी मछलियों की 375 प्रजातियां हैं लेकिन देश में यह उद्योग जितना बढ़ना चाहिए नहीं बढ़ पाया है। ऐसे मे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय सजावटी मछली पालन के लिए 61.89 करोड़ रुपए की लागत से सजावटी मछलीपालन परियोजना लांच करने जा रहा है।

केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री एस.एस. आलूवालिया ने बताया '' विश्व में सजावटी मछलियों यानि रंग-बिरंगी मछलियों का कारोबार 50 करोड़ अमेरिकी डालर है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी मात्र 5 करोड़ अमेरिकी डालर ही है। ऐसे में सजावटी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार काम करने जा रही है।''

इस पायलट परियोजना को लागू करने के काम में मछलीपालन व्यवसाय और निर्यात में लगे लोगों को काफी फायदा मिलेगा। देश के मत्स्य पालकों को व्यवसायिक स्तर पर सजावटी मछली पालन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस पायलट परियोजना में क्लस्टर आधार पर सजावटी मछलीपालन को प्रोत्साहित करने, सजावटी मछलीपालन और निर्यात से आय को मजबूत बनाने, ग्रामीण और ग्रामीण क्षेत्र के बाहर की आबादी के लिए रोजगार अवसरों का सृजन करने के सथ्ज्ञ ही सजावटी मछलीपालन को फलता-फूलता व्यवसाय बनाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी की सुविधा दी जाएगी।

ये भी पढ़ें: गहरे समुद्र में मछली पकड़ने में मछुआरों की मदद के लिए सरकार ला रही है नीति

सजावटी मछली पालन योजना के पहले चरण के लिए देश के 8 राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल को चिन्हित किय गया है। इस परियोजना में जहां छोटे मछली पालक अपने घर के घर के पीछे के हिस्से में मछलीपालन ईकाइयां स्थापित कर सकेंगे वहीं बड़े मछली पालक मझोले आकार की ईकाइयां, एकीकृत प्रजनन और उत्पादन इकाइयां, एक्वेरियम फैब्रिकेशन भी कर सकते हैं।

सजावटी मछलीपालन की पायलट परियोजना राष्ट्रीय मछली पालन विकास बोर्ड यानि एनएफडीबी विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मछलीपालन विभागों के माध्यम से लागू करेगा। सजावटी मछलियों की पायलट परियोजना के अंतर्गत धन वितरण की व्यवस्था नीली क्रांति यानि मछलियों के एकीकृत विकास और प्रबंधन के माध्यम से होगी।

ये भी पढ़ें:अच्छी खबर: मछली पालकों को मिलेगा किसान का दर्जा

सजावटी मछलीपालन परंपरागत मछलीपालन क्षेत्र का एक उप क्षेत्र है जिसमें मछलियों का प्रजनन सामान्य जल और समुद्री जल किया जाता है। सजावटी मछलीपालन खाद्य और पोष्टिकता सुरक्षा में प्रत्यक्ष रूप से कोई योगदान नहीं करता लेकिन ग्रामीण क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र से बाहर की आबादी के लिए विशेषकर महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को आजीविका और आय प्रदान करता है। भारत में सजावटी मछली पालन उद्योग आकार में छोटा है लेकिन विकास की संभावनाओं से भरपूर है। इस उद्योग में कम समय और कम उत्पादन लागत में अधिक मुनाफा है। सजावटी मछलियों की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग लगातार बढ़ रही है।

        

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.