अब खेतों में भी हो रही मखाने की खेती

Ashwani NigamAshwani Nigam   1 April 2017 6:47 PM GMT

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अब खेतों में भी हो रही मखाने की खेतीमखाने की खेती

लखनऊ। बिहार के मिथिलांचल में पैदा होने वाला मखाना अब उत्तर प्रदेश में भी दस्तक दे रहा है। बढ़ती आबादी और घटती तालाबों और तालों की संख्या के बाद मखाना अनुसंधान संस्थान दरभंगा के कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसमें अब खेतों में भी मखाना की खेती हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, तराई और मध्य यूपी के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर खेतों में साल भर जल जमाव रहता है। ऐसे में इन खेतों में मखाना की खेती करके किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते हैं। इसके लिए खेत में 6 से लेकर 9 इंच तक पानी जमा होना चाहिए।

इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूर्वी क्षेत्र पटना के मखाना अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने बताया '' तालाब और ताल के अलावा खेतों में मखाना की खेती को प्रायोगिक तौर पर पांच साल पहले बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में किया गया था। जिसमें खेत में मखाना की अच्छी पैदावार हुई थी। उसके बाद बिहार में कई जगहों पर खेतों में मखाना उगाया जा रहा है।''

मखाने की खेती कर तराई इलाकों के किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आमदनी

उन्होंने बताया कि फैजाबाद के रूदौली तहसील क्षेत्र के भेलसर में मखाना की खेती की शुरूआत हो चुकी है। मखाना के स्वर्ण वैदेही प्रजाति की खेती यहां पर की जा रही है। सरकार की तरफ से भी मखाना की खेती को भी बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं। मखाना की देश के साथ ही अंतरराष्टीय बाजार में बहुत ज्यादा मांग है। भारत के अलावा चीन, जापान, कोरिया और रूस में मखाना की खेती की जाती है। देश में बिहार के दरभंगा और मधुबनी में सबसे ज्यादा मखाना की खेती की जाती है।

इंडियन डायेटिक एसोसिएशन की डा. विजयश्री ने बताया, ''मखाना एक पाचक भोज्य पदार्थ है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसको अमेरिकन फूड प्रोडक्ट एसोसिएशन ने क्लास वन फूड का दर्जा दिया हुआ है। एंटी आक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह ब्लड प्रेशर, कमर एवं घुटनों का दर्द को नियंत्रित करता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइडे्रट, वसा ओर कैल्सियम, और विटामिन बी पाया जाता है। ''

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मखाना अनुसंधान केन्द्र के अनुसार पूरे भारत में 13 हजार हेक्टेयर में मखानों की खेती की जाती हे। बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, जम्मू कश्मीर, मणिपुर और मध्य प्रदेश में इसकी खेती हो रही है। हालांकि व्यवसायिक स्तर पर इसकी खेती अभी सिर्फ बिहार में की जा रही है। केन्द्र सरकार बिहार के साथ ही देश के बाकी राज्यों भी इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।

उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में जो तालाब हैं और जिसमें मछली पालन होता है वहां भी मखाना की खेती की बहुत संभावना है। मखाना अनुसंधान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक वीके गुप्ता के अनुसार उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में बहुत ज्यादा संभावना है। मखाना की खेती की एक विशेषता यह भी है कि इसमें लागत बहुत कम आती है। इसकी खेती के लिए तालाब या ताल चाहिए यहा जल जमाव वाले खेत। इसमें बार नर्सरी लगाने के बाद बार-बार जरुरत नहीं पड़ती है।

     

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