बचे उर्वरक भंडार पर जीएसटी के साथ अधिकतम खुदरा मूल्य जुड़ेगा 

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बचे उर्वरक भंडार पर जीएसटी के साथ अधिकतम खुदरा मूल्य जुड़ेगा साभार: इंटरनेट 

नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने कुछ शर्तों के साथ उर्वरक कंपनियों को मौजूदा भंडार पर जीएसटी शामिल कर संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य प्रकाशित करने की अनुमति दे दी है। आंकड़ों के अनुसार कंपनियों के पास करीब 10 लाख टन उर्वरक का भंडार है। कंपनियों को नये खुदरा मूल्य लिखकर बचे हुए भंडार को निकालने के लिये सितंबर तक का समय दिया गया है। पिछले सप्ताह किसानों के हित में उर्वरकों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जीएसटी कम होने से खुदरा मूल्य कम होगा।

उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, ' 'उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उर्वरक कंपनियों को बचे हुए भंडार पर जीएसटी दर के साथ अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की छपाई की छूट दे दी है।'' कंपनियों से कुछ शर्तों को पूरा करने के साथ मामला-दर-मामला आधार पर संशोधित एमआरपी स्टांप या स्टिकर या आॅनलाइन छपाई के जरिये घोषित करने को कहा है।

एमआरपी से ऊपर संशोधित कीमत नहीं होगी

कंपनियों के लिये जो शर्तें रखी गयी हैं, उसमें उनसे मौजूदा एमआरपी के ऊपर संशोधित कीमत लिखने से मना किया जाना शामिल हैं। पुराना एमआरपी बना रहना चाहिए। विनिर्माताओं और आयातकों को इस बदलाव के बारे में अखबारों के जरिये किसानों के बीच जागरुकता पैदा करनी चाहिए।

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यूरिया का खुदरा मूल्य फिलहाल 5,360 रुपये प्रति टन है। वहीं डीएपी तथा पोटाश का भाव क्रमश: 22,000 तथा 11,000 रुपये प्रति टन था। जीएसटी दर कम होने से इन उर्वरकों के दाम कम होंगे।

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