इस त्योहारी सीजन में चीनी के लिए ढीली करनी होगी जेब, 9 से 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं कीमतें

Mithilesh DharMithilesh Dhar   10 Aug 2019 9:45 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
sugar production, sugar production decrease, indian sugar mill of indiaकई प्रदेशों में खराब मौसम के कारण भी घटा उत्पादन

आने वाले त्योहारी सीजन में चीनी की मिठास फीकी पड़ सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार कम उत्पादन और समय पर बारिश न होने के कारण चीनी की कीमतों में 8 से 9 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल गन्ने का रकबा घटने के कारण चीनी की एक्स मिल कीमतें 32 से 33 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। हालांकि सरकार के पास पर्याप्त बफर स्टॉक है जिस कारण बढ़ी कीमतें नियंत्रित हो सकती हैं।

सरकार ने इस साल 10 लाख टन चीनी का अतिरिक्त बफर स्टॉक रखने का फैसला लिया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन होगी जरूर। चूंकि आने कुछ महीने त्योहारों के हैं, ऐसे में चीनी की मांग भी बढ़ जाती है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें- उप्र के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 10,000 करोड़ रुपए बकाया, राज्यसभा सदस्य ने कहा- ब्याज सहित हो भुगतान

क्रिसिल ने शोध रिपोर्ट में कहा है, " गन्ने का रकबा घटा है और साथ ही गन्ना उत्पादन वाले क्षेत्रों में बारिश देरी से हुई। इन सबका मिला-जुला असर चीनी की कीमतों पर दिखेगा। चीनी सीजन 2020 में उत्पादन में गन्ना के उत्पादन में 9-10 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। वहीं इस वित्त वर्ष में चीनी की कीमतें 8 से 9 फीसदी तक बढ़ सकती है। हालांकि सरकार के पास 10 लाख टन का बफर स्टॉक है, ऐसे में तीन फीसदी की तेज वृद्धि का अनुमान है।"

क्यों घटा गन्ने का रकबा

देश में अक्बूर से चीनी का उत्पादन शुरू हो जाता है। जुलाई इंडियन शुगर मिल्स (इस्मा) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे चीनी उत्पादक राज्यों में बारिश कम होने की वजह से रकबे असर पड़ा जिस कारण उत्पान में 14 फीसदी गिरावट आयेगी।

इस्मा ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2.82 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। आगे उन्होंने बताया कि सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के आकलन के अनुसार 2019-20 में गन्ने का रकबा 49.31 लाख हेक्टेयर सकता है जो 2018-19 गन्ना सत्र के 55.02 लाख हेक्टेयर से कम है। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन करीब 1.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है।


अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ना क्षेत्र 2019-20 के लिए करीब 30 फीसदी तक घटा है। सितंबर 2018 के बाद कम बारिश का असर गन्ने की खेती पर पड़ा है।

स्टॉक से नियंत्रित होंगी कीमतें

हालांकि क्रिसिल की इस रिपोर्ट पर जानकारों का कहना है कि कीमत बढ़ेगी लेकिन इतनी नहीं। उनका मत है कि पहले से ही जमा स्टॉक कीमतों को बढ़ने नहीं देगा। बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक जैन ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया" ये तो मुश्किल है कि कीमत 33 रुपए प्रति किलो तक पहुंचे। सरकार के पास पहले से ही भारी-भरकम स्टॉक है। ऐसे में कीमतें 32 रुपए से ज्यादा चढ़ें यह कहना मुश्किल है।

यह भी पढ़ें- गन्ने से चीनी बनने में लगते हैं 3 से 4 घंटे, वीडियो में देखिए पूरी प्रकिया

चीनी सीजन 2020 के लिए सरकार ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी ) में कोई परिवरर्तन न करते हुए उसे 275 रुपए प्रति कुंतल ही रखा है। पिछले जुलाई 2018 में सरकार ने गन्ने एफआरपी में 20 रुपए की बढ़ोतरी की थी।

  

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.