ये बेइमान मौसम किसानों की मेहनत पर फेर सकता है पानी 

Ashwani NigamAshwani Nigam   3 April 2017 5:52 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
ये बेइमान मौसम किसानों की मेहनत पर फेर सकता है पानी पैदावार बढ़ेगी लेकिन बरसात हुई तो गेहूं को नुकसान होगा।

लखनऊ। रबी सीजन में मौसम ने किसानों का पूरा साथ दिया है जिससे इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की संभावना है। कृषि विभाग ने गेहूं की पैदावार का जो संभावित आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक इस बार पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत गेहूं की पैदावार बढ़ने का अनुमान है। लेकिन चिंता की बात मौसम विभाग का वह अनुमान है जिसके मुताबिक 4 अप्रैल से लेकर 8 अप्रैल के बीच बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है। इस बारे में कृषि एवं प्रौदयोगिकी विश्वविद्यालय केडॉ. नरेन्द्र देव व कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा. एके सिंह ने भी जानकारी देते हुए बताया कि '' इस साल मौसम अनुकूल रहा है। गेहूं के लिए जैसा तापमान चाहिए वैसा ही तापतान रहा। जिससे गेहूं में बालियां और उसमें दाने अच्छे हुए हैं। लेकिन अगर बरसात हुई तो गेहूं को नुकसान होगा और पैदावार घट जाएगी। ''

खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई का काम अभी शुरू हुआ है। अभी 80 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की फसल खेतों में खड़ी है। ऐसे में अगर बरसात या ओलावृष्टि हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.रतन तिवारी ने बताया '' इस बार अंतिम समय तक तापमान गेहूं की फसल के लिए अनुकूल रहा। तापमान जिस समय बढ़ना शुरू हुआ उस समय गेहूं के दाने पक गए थे। ऐसे में इस बार गेहूं की पैदावार बढ़ने की पूरी संभावना है। लेकिन अगर बरसात हो गई तो खेतों में खड़ी फसल गिर जाएगी वहीं गेहूं के दानों पर पानी पड़ने से वह काले हो जाएंगे। ''

फसल कटने तक चुनौती

गेहूं की कटाई से लेकर उसकी सुरक्षित मड़ाई भी किसानों के लिए हर साल एक बड़ी चुनौती होती है। अगर फसल अच्छी हुई तो भी उसकी मड़ाई में लापरवाही हो गई तो नुकसान होता है। गोरखपुर जिले के भटहट ब्लाक के चिउटहां गांव के किसान सुधीर कुमार ने बताया ''इस बार खेहूं की फसल बहुत अच्छी हुई है। पिछले साल की तुलना में पैदावार जरूर अधिक होगी लेकिन मौसम को लेकर डर बना हुआ है। अगर बरसात और ओला पड़ गया तो हम लोग बर्बाद हो जाएंगे।'' बाराबंकी जिले बदनपुरवा गांव किसान रामधीर तिवारी ने बताया कि फलस कटकर जबतक घर न आ जाए तब तक हम लोगों को डर बना रहता है। आंधी-पानी से सबसे ज्यादा खतरा गेहूं की खड़ी फसल को ही होता है। अभी खेत कटना शुरू ही हुआ है। ऐसे में अगर बरसता हो गई तो भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

ये भी पढ़ें- किसानों को प्रेरित करने के लिए जिलाधिकारी ने उठाया सराहनीय कदम, क्रय केन्द्रों पर गेहूं बेचने पर मिलेगा इनाम

मुख्यमंत्री ने पहले ही अधिकारियों को चेताया

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बार पहले से ही कृषि और खाद्यान्न विभाग के अधिकारियों को चेता दिया है कि अगर किसानों का नुकसान हुआ तो उसका खामियाजा विभाग के अधिकारियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने गेहूं क्रय केन्द्र पर किसानों के गेहूं की खरीद के साथ ही किसानों को हर तरह की सहायता उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया है। कृषि मंत्रालयों के आंकड़ो के अनुसार इस बार 9.66 करोड‍़ टन से ज्यादा गेहूं पैदा होने का अनुमान है। पिछले साल 9.22 करोड़ टन गेहूं पैदा हुआ था।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

              

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.