ट्रैक्टर में कैसे करें डीजल की बचत, जानें तरीके 

Diesel

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क/गाँव कनेक्शन

लखनऊ। तेल के दाम आए दिन बढ़ते ही जा रहा है, इसलिए यह ज़रूरी है कि ट्रैक्टर का उपयोग किफ़ायत के साथ किया जाए। खेती में प्रयोग होने वाले कृषि यन्त्र जैसे ट्रैक्टर में डीजल की खपत कम करने के लिए किसानों को यह बाते जानना ज़रूरी है। कृषि विभाग बहराइच के भूमि सुधार प्रयोगशाला के इंचार्ज धीरज कुमार भारती बता रहे हैं कैसे ट्रैक्टर में डीजल की बचत कर सकते हैं।

दो माह पर करें इंजेक्टर की जांच

इंजन से काला धुआं निकलने का मतलब है ज्यादा डीजल खर्च हो रहा है। इंजेक्टर या इन्जेक्सन पम्प की कोई खराबी इसका कारण हो सकती है। ऐसे में ट्रैक्टरों में हर दूसरे महीने पर इंजेक्टर की जांच करवा कर उसे फिर से बंधवालें। अगर इंजेक्टर और इन्जेक्सन पम्प के ठीक होने पर भी काला धुआं लगातार निकलता रहे तो यह इंजन पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ की निशानी है। ऐसे में काम के बोझ को उतना ही रखें जिससे इंजन काला धुआं न दे तथा डीजल भी ज्यादा न फुकें।

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खेतों में चौड़ाई के बजाए लम्बाई में चलाएं ट्रैक्टर

ट्रैक्टर को इस प्रकार प्रयोग करें जिससे खेत के किनारों पर घूमने में कम समय लगे और खेत में अधिक समय कार्य हो सके। खेत की चौड़ाई के बजाय लम्बाई में कार्य करने से ट्रैक्टर का खाली घूमना कम होगा और डीजल की खपत भी कम होगी। पम्प सेट या थ्रेशर जैसे कृषि यंत्रों को चलने के लिए डीजल इंजनों को उतने ही चक्करों पर चलाए जिससे मशीन को पूरे चक्कर मिल सकें। इन मशीनों को ज्यादा चक्करों पर चलाने से डीजल खर्च के साथ साथ टूट-फूट होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।

इंजन में हवा का हो बराबर आवागमन

इंजन चालू करने पर अगर शोर होता है तो इसका मतलब है इंजन में हवा कम जा रही है ,जिसके कारण डीजल की खपत बढ़ जाएगी। इसलिए आवाज़ आने पर उसे फिर से बंधवाना चाहिए। हर कंपनी ट्रैक्टर और इंजन के साथ निर्देश पुस्तिका देती है।

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निश्चित समय में इंजन का मोबिल आयल बदलना ज़रूरी

इंजन का मोबिल आयल ज्यादा पुराना होने पर उसकी शक्ति घटने लगती है तथा डीजल ज्यादा खर्च होने लगता है। इसलिए निश्चित समय में इंजन के मोबिल आयल और फ़िल्टर को जरुर बदलें। पम्प सेट से पानी बाहर फेंकने वाले नल को जितना ज्यादा उठाया जाएगा तो उतना ही अधिक डीजल खर्च होगा। इसलिए इसे उतना ही ऊंचा उठाए जितना की आवश्यक हो।

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