‘सहकार सारथी’ के साथ डिजिटल सहकारिता की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश
Gaon Connection | Jul 15, 2025, 15:03 IST
नाबार्ड ने अपने 44वें स्थापना दिवस पर सहकारी संस्थाओं की शक्ति और ग्रामीण विकास में उनके योगदान का उत्सव मनाया। कार्यक्रम में सहकारी बैंकों की उपलब्धियों, डिजिटलीकरण की दिशा में उठाए गए कदमों और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे सामाजिक अभियानों पर रोशनी डाली गई। साथ ही, उत्कृष्ट सहकारी संस्थाओं को सम्मानित कर समावेशी और टिकाऊ विकास के संकल्प को दोहराया गया।
ग्रामीण समृद्धि और सहकारी संस्थाओं के सशक्तिकरण की दिशा में नाबार्ड उत्तर प्रदेश ने अपने 44वाँ स्थापना दिवस मनाया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को समर्पित था और इसमें सहकारी संस्थाओं की भूमिका पर बात की गई, जो समावेशी और सतत विकास की नींव हैं।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सहकारी संस्थाओं की उपलब्धियों और उनके डिजिटलीकरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (UPCB) का मुनाफा 2017 से तीन गुना बढ़ा है और जिला सहकारी बैंकों (DCCBs) का कारोबार ₹41,234 करोड़ तक पहुँच चुका है। "सहकार सारथी" योजना के तहत सभी DCCBs को डिजिटली किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को सशक्त बनाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। 5,700 निष्क्रिय सदस्यों को पुनः सक्रिय किया गया है और 3,500 नए सदस्यों को जोड़ा गया है। इससे पैक्स में ₹884.85 लाख की शेयर पूंजी का संकलन हुआ। साथ ही, 2,000 मल्टीपरपज़ पैक्स (एम-पैक्स) बनाए गए हैं और 375 गोदामों को कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के अंतर्गत मंजूरी दी गई है। इस मौके पर "पैक्स: एक नया आयाम" शीर्षक से एक प्रकाशन का विमोचन भी हुआ।
समारोह में मुरादाबाद, मेरठ और मुज़फ्फरनगर DCCBs को उनकी वित्तीय प्रगति के लिए सम्मानित किया गया। लखीमपुर खीरी और मेरठ के पैक्स को ऋण कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए, और बिजनौर व शाहजहांपुर के पैक्स को गैर-ऋण क्षेत्र में उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मान मिला। बी-पैक्स सनौली को सहकारिता मंत्रालय की पहलों के आदर्श क्रियान्वयन के लिए "वर्ष का सर्वश्रेष्ठ एम-पैक्स" पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर नाबार्ड ने प्रदेश के 75 जिलों में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें किसानों ने भाग लिया। सहाकारिता मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से इन शिविरों में भाग ले रहे किसानों से संवाद भी किया।
FPOs और पैक्स द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की एक जीवंत प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिससे ग्रामीण उद्यमिता को मंच मिला। साथ ही, "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के तहत पर्यावरण को समर्पित वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाया गया, जिसमें हर जिले में पौधे वितरित किए गए।
इस अवसर पर नाबार्ड के उत्तर प्रदेश कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार, प्रमुख सचिव सौरभ बाबू, रजिस्ट्रार योगेश कुमार, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक, एनबीएससी की सीजीएम शेफाली अग्रवाल, बर्ड निदेशक डॉ. निरुपम मेहरोत्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सहकारी संस्थाओं की उपलब्धियों और उनके डिजिटलीकरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (UPCB) का मुनाफा 2017 से तीन गुना बढ़ा है और जिला सहकारी बैंकों (DCCBs) का कारोबार ₹41,234 करोड़ तक पहुँच चुका है। "सहकार सारथी" योजना के तहत सभी DCCBs को डिजिटली किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को सशक्त बनाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। 5,700 निष्क्रिय सदस्यों को पुनः सक्रिय किया गया है और 3,500 नए सदस्यों को जोड़ा गया है। इससे पैक्स में ₹884.85 लाख की शेयर पूंजी का संकलन हुआ। साथ ही, 2,000 मल्टीपरपज़ पैक्स (एम-पैक्स) बनाए गए हैं और 375 गोदामों को कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के अंतर्गत मंजूरी दी गई है। इस मौके पर "पैक्स: एक नया आयाम" शीर्षक से एक प्रकाशन का विमोचन भी हुआ।
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इस अवसर पर नाबार्ड ने प्रदेश के 75 जिलों में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें किसानों ने भाग लिया। सहाकारिता मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से इन शिविरों में भाग ले रहे किसानों से संवाद भी किया।
FPOs और पैक्स द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की एक जीवंत प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिससे ग्रामीण उद्यमिता को मंच मिला। साथ ही, "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के तहत पर्यावरण को समर्पित वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाया गया, जिसमें हर जिले में पौधे वितरित किए गए।
इस अवसर पर नाबार्ड के उत्तर प्रदेश कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार, प्रमुख सचिव सौरभ बाबू, रजिस्ट्रार योगेश कुमार, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक, एनबीएससी की सीजीएम शेफाली अग्रवाल, बर्ड निदेशक डॉ. निरुपम मेहरोत्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।