यूरोपीय देशों को ऑर्गेनिक सी-फूड निर्यात करेगा भारत

गाँव कनेक्शन | Jan 29, 2018, 13:40 IST
organic seafood
गोवा। भारत आने वाले दिनों में यूरोपीय देशों को ऑर्गेनिक सी-फूड यानी जैविक समुद्रीय उत्पादों की आपूर्ति कर सकेगा। दरअसल, भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) और स्विट्जरलैंड की सबसे बड़ी खुदरा और थोक कंपनियों में शामिल कॉप कॉपरेटिव के बीच यहां जैविक समुद्री उत्पादों की खेती को लेकर एक समझौता हुआ है। एमपीईडीए के अध्यक्ष डॉ. ए. जयतिलक तथा कॉप के प्रबंधन सदस्य जेरार्ड ज्यूरलटर ने आज यहां चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सी-फूड शो, 2018 के मौके पर हस्ताक्षर किए।

यूरोप में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग के मददेनजर यह समझौता किया गया। डॉ. जयतिलक ने कहा, "यूरोप में जैविक उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है और वहां इसका अच्छा खासा बाजार है और भारतीय एक्वाकल्चर उद्योग इसका लाभ उठा सकता है।"

शुरू में पायलट प्रोजेक्ट केरल में लगभग 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक ब्लैक टाइगर श्रिंप (पनीस मोनोडन) का उत्पादन किया जाएगा और अगर यह सफल रहा तो देश के अन्य स्थानों पर भी इसका विस्तार किया जाएगा।

एमपीईडीए और कॉप जैविक झींगा बीज के उत्पादन के लिए झींगा हैचरी के प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करेंगे और इसी तरह से इस परियोजना के लिए कार्बनिक खाद्य स्रोत की जरूरत को पूरा करने के लिए छोटे पैमाने की फीड मिल यूनिट को प्रमाणित और सूचीबद्ध करेंगे।

यूरोपीय संघ ने साल 2009 में ही अपने सदस्य देशों के लिए इस बात पर राजी कर लिया था कि उनके देश में अब जैविक खाद्य पदार्थ खासकर समु्द्री उत्पाद आयातित होंगे। यूरोपीय संघ खराब गुणवत्ता का हवाला देकर भारत की झींगा मछली पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। जिसको देखते हुए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) भारत में आर्गेनिक एक्वाकल्चर उत्पादों के लिए राष्ट्रीय मानक विकसित करने के लिए काम कर रहा है।

वर्ष 2017 में भारत ने बड़े स्तर पर समुद्री उत्पादों का निर्यात अमेरिका और यूरोपीय देशों में किया था लेकिन अमेरिका ने भारतीय समु्द्री खाद्य उत्पादों पर अगले पांच साल के लिए जहां एंटी डंपिंग शुल्क लगा दिया है वहीं यूरोपीय देशों ने मत्स्य उत्पादों की जांच के लिए कड़े कानून बना दिए हैं। ऐसे में देश के समुद्री उत्पाद के निर्यात के सामने चुनौती आ गई है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल देश से 5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य का मछली का निर्यात किया गया। मछली उत्‍पादन के क्षेत्र में विश्‍व में भारत का दूसरा स्‍थान है। भारत विश्‍व में दूसरा सबसे बड़ा एक्‍वाकल्‍चर यानी जल से लाभान्वित होने वाला देश है। भारत में मछुआरों की संख्‍या 145 लाख है और यहां तटीय लंबाई 8,118 किलोमीटर है। इसे देखते हुए भारत विश्‍व में मछली पालन के क्षेत्र में प्रमुख पक्ष बन सकता है। भारत में मछली पकड़ने की 2 लाख नौकाएं हैं।

(आईएएनएस से इनपुट)

Tags:
  • organic seafood

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.