जनवरी तक 25 लाख टन दालों का आयात, 35 हज़ार टन दालें ज़ब्त
भास्कर त्रिपाठी | Sep 16, 2016, 16:00 IST
लखनऊ।देश में बढ़े हुए दालों के मूल्यों पर काबू पाने के लिए राज्य सरकारों ने दाल की ज़खीरेबाज़ी के खिलाफ अभियान छेड़कर 21 अक्टूबर तक देश में 35,000 मीट्रिक टन से अधिक दालें ज़ब्त कर लीं।
साथ ही देश में दाल कारोबारियों के संगठन इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) के अनुसार जनवरी-2016 तक देश 25 लाख टन दलहन का आयात करेगा।
आईपीजीए के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे ने जिंसों के समाचार से जुड़े समूह 'मार्केट टाइम्स टीवी' को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि 15 अक्टूबर से लेकर 31 जनवरी तक देश में करीब 25 लाख टन दाल इंपोर्ट के लिए सौदे हो चुके हैं।करीब 2.5 लाख टन दालें पहले ही मुंबई पोर्ट पर पहुंच चुकी हैं। ऐसे में आवक बढ़ने की वजह से आने वाले दिनों में दालों की कीमतें घट सकती हैं।
अक्टूबर 21 को जारी विज्ञप्ति में उपभोक्ता मामलों के केन्द्रीय मंत्रालय ने जानकारी दी कि सबसे ज़्यादा दालें महाराष्ट्र (23340 एमटी), छत्तीसगढ़ (4525.19 एमटी) और तेलंगाना (2546 एमटी) से ज़ब्त की गयी हैं।(बाकी राज्यों के आंकड़े सारणी में देखें)।
आईपीजीए ने सरकार से आयातित दालों पर भण्डारण सीमा हटाने की भी मांग की है। उनके मुताबिक आयातित दाल पर भण्डारण सीमा से आयात प्रभावित होगा जिससे देश में दालों की सप्लाई में और कमी आने की आशंका बढ़ जाएगी।
साथ ही देश में दाल कारोबारियों के संगठन इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) के अनुसार जनवरी-2016 तक देश 25 लाख टन दलहन का आयात करेगा।
आईपीजीए के चेयरमैन प्रवीण डोंगरे ने जिंसों के समाचार से जुड़े समूह 'मार्केट टाइम्स टीवी' को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि 15 अक्टूबर से लेकर 31 जनवरी तक देश में करीब 25 लाख टन दाल इंपोर्ट के लिए सौदे हो चुके हैं।करीब 2.5 लाख टन दालें पहले ही मुंबई पोर्ट पर पहुंच चुकी हैं। ऐसे में आवक बढ़ने की वजह से आने वाले दिनों में दालों की कीमतें घट सकती हैं।
अक्टूबर 21 को जारी विज्ञप्ति में उपभोक्ता मामलों के केन्द्रीय मंत्रालय ने जानकारी दी कि सबसे ज़्यादा दालें महाराष्ट्र (23340 एमटी), छत्तीसगढ़ (4525.19 एमटी) और तेलंगाना (2546 एमटी) से ज़ब्त की गयी हैं।(बाकी राज्यों के आंकड़े सारणी में देखें)।
आईपीजीए ने सरकार से आयातित दालों पर भण्डारण सीमा हटाने की भी मांग की है। उनके मुताबिक आयातित दाल पर भण्डारण सीमा से आयात प्रभावित होगा जिससे देश में दालों की सप्लाई में और कमी आने की आशंका बढ़ जाएगी।