2022 तक कृषि निर्यात दोगुना करने की नीति को वाणिज्य मंत्रालय ने दिया अंतिम रूप

गाँव कनेक्शन | Nov 26, 2018, 07:54 IST

नीति के मसौदे में मजबूत गुणवत्ता व्यवस्था और शोध एवं विकास, नई किस्मों, आधुनिक प्रयोगशालाओं पर भी जोर दिया गया है। देश के वस्तुओं के कुल निर्यात में कृषि उत्पादों का हिस्सा 10 प्रतिशत है।

लखनऊ। केंद्रीय मंत्रिमंडल इस सप्ताह प्रस्तावित कृषि निर्यात नीति पर विचार कर सकता है। इस नीति का मकसद कृषि उत्पादों का निर्यात और वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाना है। एक अधिकारी ने भाषा को यह जानकारी दी।

वाणिज्य मंत्रालय इस नीति को अंतिम रूप दे चुका है। अब उसने इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा है। अधिकारी ने भाषा से कहा कि प्रस्तावित नीति कृषि निर्यात के सभी पहलुओं पर केंद्रित होगी। इसमें ढांचे का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमनों को तर्कसंगत करना, शोध एवं विकास गतिविधियों पर ध्यान देना, उत्पादन और व्यापार के लिए नियमन और नियमन बनाने को यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण की तर्ज पर एजेंसी का गठन शामिल है।

मंत्रालय द्वारा तैयार नीति के मसौदे में स्थिर व्यापार नीति व्यवस्था, कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानून में सुधार, मंडी शुल्क को तर्कसंगत बनाना और जमीन के पट्टे को उदार करना शामिल है। इसके तहत 2022 तक देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को दोगुना कर 60 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

मसौदे में कहा गया है कि इस तरह के फैसलों से घरेलू बाजार में कीमतों में संतुलन तो कायम होता है लेकिन इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की छवि को आघात पहुंचता है। इसी के मद्देनजर एक स्थिर तथा अनुकूल नीति बनाना जरूरी है। नीति के मसौदे में मजबूत गुणवत्ता व्यवस्था और शोध एवं विकास, नई किस्मों, आधुनिक प्रयोगशालाओं पर भी जोर दिया गया है। देश के वस्तुओं के कुल निर्यात में कृषि उत्पादों का हिस्सा 10 प्रतिशत है। भारत से मुख्य रूप से चाय, कॉफी, चावल, मोटे अनाज, तंबाकू, मसालों, काजू, आयल मील, फलों और सब्जियों, समुद्री उत्पादों, मांस, डेयरी और पॉल्ट्री उत्पादों का नर्यिात किया जाता है। वर्ष 2017 में भारत का कृषि निर्यात 31 अरब डॉलर रहा था जो विश्व कृषि व्यापार का मात्र दो प्रतिशत है।

हालांकि हाल ही में विश्व व्यापार में यह सामने आया था कि देश में कृषि उत्पादों के निर्यात में काफी कमी आई है। इसके उलट आयात में बढ़ोतरी हुई है। इससे इतर लगभग चार साल पहले आयात के मुकाबले निर्यात 150 प्रतिशत से भी ज्यादा हुआ करता था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ कामर्शियल इंटेजीजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में वर्ष 2014 में जहां कृषि एवं सहायक उत्पादों का निर्यात 32.95 अरब डॉलर था, जो 2016-17 में घटकर 24.69 अरब डॉलर रह गया है। वहीं आयात की बात करें तो 13.49 अरब डॉलर से बढ़कर 23.20 अरब डॉलर पहुंच चुका है।

(भाषा से इनपुट)




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