नाफेड के उद्धार को जरूरी कदम उठाएगी सरकार : रुपाला
Sanjay Srivastava | Nov 15, 2016, 19:30 IST
नई दिल्ली (भाषा)। कृषि राज्यमंत्री पुरूषोत्तम रुपाला ने कहा कि सरकार नाफेड का पुनरोद्धार करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी जबकि इस सहकारी संस्था में गलत काम में संलग्न लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नाफेड) द्वारा आयोजित 63वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का उद्घाटन करते हुए रुपाला ने आश्वस्त किया कि वह नाफेड के पुनरोद्धार के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।
पुरूषोत्तम रुपाला कृषि राज्यमंत्री
नाफेड को वर्ष 2003-06 के दौरान ‘साझेदारी' के व्यवसाय में 1,600 करोड़ रुपए की गैर निष्पादक आस्ति पैदा हुई। नाफेड ने गैर कृषि जिंसों में कारोबार के लिए 62 निजी कारोबारियों को 3,945 करोड़ रुपए प्रदान किए थे और उसमें से कई कर्जदारों ने धन नहीं लौटाया। रुपाला ने एनसीयूआई से युवाओं में सहकारिता मॉडल को लोकप्रिय बनाने के लिए पहल करने को कहा।
उन्होंने कहा कि किसानों को जो समस्या हो रही है वह एनसीयूआई के द्वारा सरकार की जानकारी में लाया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि देश में कृषि अभियान को सुदृढ़ बनाने के लिए पांच से 10 एकड़ जमीन वाले लघु व सीमांत किसानों के बीच सहकारी संस्था बनाना काफी महत्वपूर्ण है।
एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव ने कहा कि सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सहकारिता बेहतरीन एजेंसी हो सकती है।
भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नाफेड) द्वारा आयोजित 63वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का उद्घाटन करते हुए रुपाला ने आश्वस्त किया कि वह नाफेड के पुनरोद्धार के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।
नाफेड घोटाले के दौरान गलत काम में संलग्न लोगों को दंडित किया जाना चाहिए लेकिन इसके कारण संस्था को दिक्कत नहीं आनी चाहिए। मौजूदा समय में नाफेड सरकार की ओर से दलहनों की खरीद कर रही है।
नाफेड को वर्ष 2003-06 के दौरान ‘साझेदारी' के व्यवसाय में 1,600 करोड़ रुपए की गैर निष्पादक आस्ति पैदा हुई। नाफेड ने गैर कृषि जिंसों में कारोबार के लिए 62 निजी कारोबारियों को 3,945 करोड़ रुपए प्रदान किए थे और उसमें से कई कर्जदारों ने धन नहीं लौटाया। रुपाला ने एनसीयूआई से युवाओं में सहकारिता मॉडल को लोकप्रिय बनाने के लिए पहल करने को कहा।
उन्होंने कहा कि किसानों को जो समस्या हो रही है वह एनसीयूआई के द्वारा सरकार की जानकारी में लाया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि देश में कृषि अभियान को सुदृढ़ बनाने के लिए पांच से 10 एकड़ जमीन वाले लघु व सीमांत किसानों के बीच सहकारी संस्था बनाना काफी महत्वपूर्ण है।
एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव ने कहा कि सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सहकारिता बेहतरीन एजेंसी हो सकती है।