0

नुकसान : अपने खाने में अब पहले वाली ताकत नहीं रही

Ashwani Nigam | Jan 07, 2018, 11:56 IST
Vegitables farming
अगर आप खूब खाते-पीते हैं और बावजूद इसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है, जो जान लीजिए की कमी आपके खाने में है। एक तरफ जहां खूब अनाज, फल और सब्जियां पैदा हो रही हैं वहीं दूसरी तरफ इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व कम हो गए हैं।
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेमाल से एक तरफ जहां देश में अनाज से लेकर फल और सब्जियों की पैदावार बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है।

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने इंडियन फूड कंपोजिशन टेबल-2017 नाम से एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि नब्बे के दशक के पहले भारतीय भोजन में जो ताकत थी अब वह घट रही है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में विशेष योगदान देने वाले वैज्ञानिक के.वैंकेश ने बताया '' पूरे देश के छह अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में 528 भोजन का सैंपल लेकर 150 पैरामीटर पर पोषक तत्वों का विश्लेषण किया गया तो पाया गया कि इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी आ रही है। ''

उन्होंने बताया कि साल 1989 में लिए गए सैंपल से जब इसकी तुलना की गई तो पाया गया कि प्रति 100 ग्राम दालों में 10 प्रतिशत प्रोटीन, बाजरा में 8.5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और गेहूं में 9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट की कमी पाई गई।

प्रोटीन को सबसे बड़े स्रोत दालों में यह गिरावट सबसे ज्यादा पाई गई। इंडियन फूड कंपोजिशन टेबल-2017 के अनुसार मसूर की दाल में 10 प्रतिशत प्रोटीन और मूंग की दाल में 6.12 प्रतिशत प्रोटीन की कमी पाई गई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दूध और अंडे में भी प्रोटीन की मात्रा पहले से कम हुई है।

इस रिपोर्ट के अनुसार आलू में आयरन की मात्रा बढ़ी है जबकि विटामिन बी-1 यानि थाईमीन, मैग्नीशियम और जिंक कमी पाई गई है। टमाटर और बंदगोभी में भी थईमीन, आयरन और जिंक की गिरावट पाई गई है। फलों में सेब में सबसे ज्यादा 60 प्रतिशत आयरन की कमी पाई गई है। ऐसे में यह रिपोर्ट बताती है कि अब सुब नाश्ते से लेकर रात डिनर तक जो भोजन ले रहे हैं वह अब पहले जैसा पौष्टिक नहीं रहा। यह हाल तब है जब उदारीकण और ग्लोबलाइजेशन के बाद लोगों की खानेपीने की आदतों में काफी बदलाव आया है और लोग भोजन पर अधिक खर्च कर रहे हैं।

भोजन में पोषक तत्वों की कमी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतगर्त भोपाल स्थित भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मिट्टी के नूमने की जांच करने पर पाया गया कि मिट्टी में आयरन, बोरान मैग्नीशियम और कापर की कमी पाई जा रही है। ऐसे में इसकी कमी इस मिट्टी में जो फसले उगाई जा रही हैं उसपर भी पड़ रहा है।

इंडियन डायेटिक एसोसिएशन की सीनियर डायटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद ने बताया '' ऐसा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों का स्तर गिर रहा है, यही कारण है यूरोपी देश अपने यहां रासायनिक खेती और उससे जुड़े अनाज, फल और सब्जियों को प्रतिबंधित कर रहे हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो रहा है। ''

उन्होंने बताया कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से उपज तो बढ़ रही लेकिन उत्पादों की पोषण गुववत्ता खराब हो रही है और यही विभिन्न बीमारियों का कारण भी बन रही है।

Tags:
  • Vegitables farming
  • फसल पैदावार
  • horticulturte department lucknow
  • रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल
  • फल सब्जी
  • agriculture sector
  • रसायनिक कीटनाशक

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.