बुंदेलखंड के इस गाँव में अब पानी का रोना नहीं रोते हैं दूसरों को बताते हैं जुगाड़ करते कैसे हैं?

Ambika Tripathi | Aug 21, 2023, 11:01 IST
बुंदेलखंड में अक्सर लोग पानी का रोना रोते रहते हैं। यही समस्या यहाँ के लोगों के पलायन का कारण भी बनती है, लेकिन यहाँ कुछ ऐसे भी गाँव हैं जहाँ पानी की समस्या अब खत्म हो गई है।
#water conservation
बुंदेलखंड के पतौरा ग्राम पंचायत में अब पानी की किल्लत गुजरे समय की बात है। यहाँ के गाँवों के इस कमाल को देख कर अब दूसरे गाँव के लोग सीख ले रहे हैं। ये मुमकिन हुआ है ग्राम प्रधान विनीता त्रिपाठी की नई सोच से।

अक्सर बुंदेलखंड के दूसरे सैकड़ों गाँवों की तरह इस गाँव में भी पानी की समस्या बढ़ जाती थी, लेकिन इस समस्या को लेकर बैठने की बजाय गाँव के लोगों ने साथ मिलकर खुद दूर कर दिया।

उत्तर प्रदेश के बांदा जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर तिंदवारी तहसील की पतौरा ग्राम पंचायत में करीब डेढ़ साल पहले विनीता त्रिपाठी ग्राम प्रधान बनी तो उन्हें पता चला कि उनकी ग्राम पंचायत भी डार्क जोन में आ गई है। विनीता गाँव कनेक्शन से बताती हैं, "सभी गाँव वालो को इकट्ठा कर इस गंभीर समस्या पर बात की गयी और इसका निर्णय लिया गया कि ये काम बिना जनमत के पूरा नहीं किया जा सकता। इसमें लोगों को भी सहयोग करना होगा, गाँव वालों की सहमति के साथ पानी बचाने का काम शुरू किया गया जो बिना किसानों की मदद से होना संभव नहीं था।"

वो आगे कहती हैं, "अब सरकार पैसा दे या न दे हम पानी को सरंक्षित करेंगे, जब भी बारिश होगी तो हम खेत में मेड़ बनाकर पानी का संरक्षण कर लेंगे।"

367247-water-conservation-jagran-banda-uttar-pradesh-water-level-jal-shakti-ministry-3
367247-water-conservation-jagran-banda-uttar-pradesh-water-level-jal-shakti-ministry-3

गाँव में सबसे पहले पानी के जो भी स्रोत थे, उन पर काम शुरू किया गया, तालाब, कुओं की मरम्मत करवाई। विनीता बताती हैं, "सूखे पड़े तालाबों का नवीनीकरण कराया, जिससे तालाब में फिर से साफ सुथरा पानी इकट्ठा कर सकें, उसके साथ ही गंदे पड़े कुओं को भी साफ कराया गया।"

डेढ साल के लगातार मेहनत के बाद ग्राम पंचायत गाँव डार्क जोन से बाहर आ गया। पतौरा गाँव के किसान भरत बाबू गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "हमारी 65 बीघा जमीन है, लेकिन खेती करने लिए सोचना पड़ता था। धान लगा दिया, लेकिन धान हो पाएगा या नहीं भी आशा नहीं होती थी। लेकिन अब फिर से खेती अच्छी होने लगी है। इस बार तो 40 बीघा में धान लगाया है।"

वो आगे कहते हैं, "अच्छे धान आने की उम्मीद है पशुओं को भी उनका चारा मिल रहा है इस बात खुशी है। हमने तो गाँव छोड़ने का भी सोच लिया था,उम्मीद भी खत्म सी हो गयी थी लेकिन अब हम और भी फ़सलें अपने खेतों में लगाने के बारे में सोच रहे हैं।"

367248-water-conservation-jagran-banda-uttar-pradesh-water-level-jal-shakti-ministry-4
367248-water-conservation-jagran-banda-uttar-pradesh-water-level-jal-shakti-ministry-4

पतौरा ग्राम पंचायत में कुएँ, तालाब और तीन चेक डैम बनाए गए है। जल शक्ति मंत्रालय की टीम यहाँ तीन बार आ चुकी है।

ग्राम पंचायत अधिकारी शेफाली मिश्रा गाँव कनेक्शन से बदलाव के बारे में कहती हैं, "गाँव में पानी किल्लत बहुत ज़्यादा थी, जिसको ठीक करने में काफी मेहनत किया गया। तालाब, कुओं की सफाई के साथ किसानों के साथ मिलकर खेतों में मेड़ बन्दी करने का काफी फायदा हुआ है, जिससे पानी को इकट्ठा करने में आसानी हुई, अभी गाँव की हालत पहले से काफी अच्छी है।"

367250-gaon-moment-12
367250-gaon-moment-12

लेकिन ऐसा नहीं था कि सब आसानी से हो गया, शुरुआत में पट चुके तालाबों को दोबारा खुदवाने के लिए मनरेगा के मजदूरों को लगाया गया। किसानों की मेड़बंदी से बारिश के पानी को सहेजने में काफी मदद मिली और पानी की अच्छी बचत हुई साथ ही जानवरों को पानी की वजह से हरा चारा मिलने लगा।

यहाँ 2021-22 में डाटा वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम (डीवीआर) लगाया गया था। उस समय यहाँ जलस्तर 145 फीट पर था, आज जलस्तर बढ़ गया है और प्री-मानसून लगभग 9.25 मीटर पहुंच गया है। अभी ताजा आंकड़ों में जलस्तर सात से आठ फुट पर पहुँच गया।

44 तालाब और मेड़बंदी से गाँव बदल गया है। गाँव से गुजरते गड़रा नाला का चेक डैम सिंचाई का बेहतर साधन बन गया है। वर्षा जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सोक पिट का निर्माण कराया है।

Tags:
  • water conservation
  • Banda
  • bundelkhand

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.