पांच वर्षों में मत्स्य पालन में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का किया जाएगा निवेश: गिरिराज सिंह

Diti Bajpai | Sep 21, 2019, 09:25 IST
पांच वर्षों में मत्स्य पालन में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का किया जाएगा निवेश: गिरिराज सिंह.
#Fisheries
लखनऊ। "किसानों की आय दोगुना करने के लिए अगले पांच वर्षों में मत्स्यपालन क्षेत्र में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।" मछली पालन से जुड़े आंकड़ों की पुस्तिका जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया।

पशुपालन, मत्स्य पालन, और डेयरी मंत्री ने 'फिशरीज स्टैटिस्टिक्स - 2018' पुस्तिका का विमोचन किया है। इसके विमोचन के बाद उन्होंने कहा, "हम अगले पांच वर्षों में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं।'' निवेश तीन घटकों के माध्यम से किया जाएगा लगभग 10,000 करोड़ रुपये नए शुरु किए गए प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से खर्च किए जाएंगे जबकि लगभग 12,860 करोड़ रुपये का वित्तपोषण विश्व बैंक के माध्यम से होगा और 7,532 करोड़ रुपये मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निधि के माध्यम से आवंटित किये जाएंगे।"

340341-giriraj-singh-diti-bajpai
340341-giriraj-singh-diti-bajpai


यह भी पढ़ें- मछली पालक इस तरह उठा सकते हैं नीलीक्रांति योजना का लाभ

उन्होंने आगे कहा, " पहले से ही सात प्रमुख बंदरगाह और 181 मछली पकड़ने के 'लैंडिंग' केंद्र स्थापित किए गए हैं। सरकार मछलीपालन के बाद के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए ऐसे बुनियादी ढाँचे की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है ताकि मछली की गुणवत्ता सुनिश्चित हो और बेहतर कीमत दिलाने में मदद मिले।"

ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017-18 के दौरान देश का मछली उत्पादन एक करोड़ 25.9 लाख टन था, जिसमें अंतर्देशीय क्षेत्र का योगदान 89 लाख टन और समुद्री क्षेत्र का योगदान 36.9 मीट्रिक टन का था। वर्ष 2017-18 के दौरान, भारत ने 13.7 लाख टन मछली और मछली उत्पादन का निर्यात किया, जिसकी कीमत 45,106.90 करोड़ रुपये थी। भारत वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है और एक्वाकल्चर उत्पादन के साथ साथ अंतर्देशीय मत्स्य पालन में नंबर दो स्थान पर है।

राज्यों में चल रही मत्‍स्‍य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ) के बारे मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "एफआईडीएफ के तहत केंद्र सरकार, मत्स्य पालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों को ब्याज अनुदान प्रदान कर रही है। इसके लिए अब तक 2,100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।कई नई परियोजनाएं शुरु हैं। उदाहरण के लिए, रामेश्वरम, तमिलनाडु में पिंजरे के भीतर मछली की खेती पर एक प्रायोगिक परियोजना चलाई जा रही है।"

गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए तमिलनाडु को लगभग 300 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। निर्यात के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य मछली और मछली के अन्य उत्पादों के निर्यात के जरिये अगले पांच वर्षों में 45,000 करोड़ रुपये के मौजूदा निर्यात स्तर से 1,00,000 करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने कहा, ''समय के साथ मछली और मछली उत्पादों के निर्यात में लगातार वृद्धि हुई है। निर्यात के लिए उत्पादों के विविधीकरण के माध्यम से निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।''

खपत के बारे में मंत्री ने कहा, "वैश्विक स्तर पर मछली की खपत औसतन 20 किलो प्रति व्यक्ति की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति खपत 4.58 किलोग्राम ही है। उन्होंने कहा, ''हम किसी को मछली खाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। यह प्रत्येक व्यक्ति की पसंद और उनकी जेब पर निर्भर करेगा। हालांकि, समय के साथ मछली की खपत में वृद्धि हुई है।''

Tags:
  • Fisheries
  • fish farming
  • fisheries sector
  • Fish species
  • Livestock

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.