हरियाणा में छुट्टा जानवरों की समस्या सबसे ज्यादा: गाँव कनेक्शन सर्वे

Diti Bajpai | Jul 12, 2019, 07:25 IST

लखनऊ। गाँव कनेक्शन ने देश के 19 राज्यों में खेती-किसानी के लेकर कई विभिन्न मुद्दों पर सर्वे कराया। इस सर्वे में हरियाणा राज्य के किसान छुट्टा जानवर से सबसे ज्यादा प्रभावित नज़र आए।

सर्वे के मुताबिक हरियाणा राज्य के 87.8 फीसदी लोगों ने कहा कि छुट्टा जानवर उनके लिए एक बड़ी समस्या बन चुके है वहीं 8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह हमेशा से एक समस्या थी। 2.5 प्रतिशत लोगों ने यह भी कहा कि नहीं यह कभी समस्या नहीं थी। सर्वे के दौरान राज्य में सिर्फ 1.7 प्रतिशत लोगों ने कहा यह समस्या पहले थी अब नहीं है।



पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक और बढ़ते मशीनीकरण के कारण छुट्टा जानवरों की संख्या बढ़ती चली गई। हरियाणा सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह कहा गया कि 26 जनवरी 2019 तक राज्य को आवारा पशु मुक्त राज्य बनाया जाएगा लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही है। किसान छुट्टा जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए रात-रात भर जागता है किसान की जरा सी चूक से गोवंश उसके खेत को चट कर जाता है।

किसानों को आवारा पशुओं के निजात दिलाने के लिए हरियाणा सरकार ने पशुओं को टैग लगाकर नंदीशाला में भेजने की भी घोषणा की थी लेकिन यह घोषणा कागज़ों में ही चल रही है। अकेले चंडीगढ़ में 50 ह़ज़ार पशुओं को गोशाला और नंदीशाला में भेजने का लक्ष्य रखा गया था। इसके अलावा जो किसान दूध निकालकर गोवंश को सड़क पर छोड़ देते है उनके लिए 5100 रूपए का जुर्माना भी तय किया गया था। लेकिन गाँव कनेक्शन सर्वे अलग ही तस्वीर सामने आई।

पशुगणना 2012 के मुताबिक पूरे भारत 52 लाख से भी ज्यादा छुट्टा जानवरों की समस्या है। हरियाणा राज्य में कितने आवारा पशु है इसका अधिकारिक डाटा उपलब्ध नहीं है। "पिछले पांच वर्षो से छुट्टा जानवरों की संख्या बढ़ी है। किसान कोई भी फसल को उगाता है उसमें 20 से 30 प्रतिशत फसल छुट्टा जानवर बर्बाद कर देते है। इनकी संख्या पर नियंत्रण करने के लिए सरकार कोई भी नीति नहीं बनाती है। हरियाणा राज्य का हर किसान इस समस्या से पीड़ित है।" ऐसा बताते हैं, हरियाणा राज्य के भिवानी जिले के भारतीय किसान यूनियन में युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद।



25 फरवरी 2019 में हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने साल 2019-20 के लिए बजट पेश किया था। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 2210.51 करोड़ रुपए वहीं पशुपालन के लिए 1026.68 करोड़ रुपए का खर्च शामिल था इसमें आवारा पशुओं के लिए भी बजट दिया गया था।

गाँव कनेक्शन ने आम बजट से पहले 19 राज्यों में सर्वे कराया था।इसमें 43.6 फीसदी लोगों ने माना कि छुट्टा पशुओं की समस्या नहीं थी लेकिन अब यह एक समस्या बन गई। वहीं 20.5 प्रतिशत लोगों ने माना कि यह एक समस्या है।



कुरुक्षेत्र के थानेश्वर ब्लॉक में रहने वाले रामचंदर परमार बताते हैं, "जब तक गाय दूध देती है तब तक किसान उसे रखता है उसके बाद वह उसे दूसरे गाँव या गोशाला में छोड़ देता है। अब संख्या बढ़ गई है तो गोशालाओं में भी जगह नहीं है तो यह सड़कों और खेतों में दिखाई देने लगे। सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने की जरुरत है वरना किसान का नुकसान होता रहेगा।"

राज्य के पंचकुला जिले को आवारा पशु मुक्त बनाने के लिए पंकज चांदगोठिया और उनकी पत्नी ने कोर्ट में एक याचिका दायर की हुई है। जिस पर नगर निगम, एचएसवीपी, हरियाणा मुख्य सचिव की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया था। कोर्ट ने अर्बल लोकल बाडी पर सख्त नाराजगी जताते हुए 500 रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने कहा कि जवाब दाखिल करने में सभी फेल हो गए हैं।

कोर्ट यह भी कहा था कि आवारा पशुओं के सड़क पर घूमने के कारण शहर के लोग सड़क पर सुरक्षित नहीं है। सुनवाई के दौरान पंचकूला नगर निगम आयुक्त राजेश जोगपाल ओर से एक रिपोर्ट दायर की गई थी, जिसमें सड़कों पर आवारा बिल्लियों, सड़कों की री-कारपेटिंग, आवारा कुत्तों और अवैध होर्डिंग्स पर की गई कार्रवाई का लिखित विवरण दिया गया था। एमसी ने कहा कि सभी गौशालाएं फूल हो चुकी है। उनमें पहले से ही अधिक पशु भरे हुए हैं। अभी तक गौशाला का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इस पर कोर्ट ने सुनवाई जारी है।

हरियाणा सरकार ने गौमांस की तस्करी के कड़े किए कानून

हाल ही में हरियाणा सरकार ने राज्य में गौमांस की तस्करी को रोकने के लिए बनाए गए गोवंश और गोसंवर्धन कानून को और सख्त बनाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव के तहत पुलिस के अधिकार बढ़ाए गए हैं। पहले सिर्फ एसडीएम की मौजूदगी में ही गौमांस और वाहन को हरियाणा पुलिस जब्त कर सकती थी, लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक अब हरियाणा पुलिस के सब-इंस्पेक्टर को भी गौमांस और उसे ले जा रहे वाहन को जब्त करने का अधिकार होगा।

हरियाणा विधानसभा में 'गोवंश संरक्षण संवर्धन बिल 2015' के तहत बीफ पर बैन लगाया गया है। इस कानून के तहत राज्य में में गौ हत्या के लिए दस साल के सश्रम कारावास का प्रावधान है। इसके अलावा जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान है।



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