समय बर्बाद न करें, साल 2024 तक प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वेकन्सी नहीं: पासवान  

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समय बर्बाद न करें, साल 2024 तक प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वेकन्सी नहीं: पासवान  पासवान

नई दिल्ली (भाषा)। केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने आज विपक्षी दलों के एकता के प्रयास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें समय बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि वर्ष 2024 तक प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वेकेन्सी नहीं है।

दादरा एवं नागर हवेली में 29 और 30 अप्रैल को संपन्न अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पासवान ने ‘दलित समर्थक' कदमों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भरपूर तारीफ की। साथ ही पासवान ने विश्वास व्यक्त किया कि मोदी साल 2024 तक पद पर बने रहेंगे।

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लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में, पदोन्नति में आरक्षण को तत्काल लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किए जाने की मांग की गई उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों का अभाव जारी रहने के मद्देनजर उनकी पार्टी ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण शीघ्र लागू करने की मांग की है। साथ ही पार्टी ने एक संकल्प पारित किया, जिसमें 15 अगस्त से 26 जनवरी तक सदस्यता अभियान में देश भर में एक करोड़ नए सदस्य बनाने की बात कही गई है।

पासवान ने वर्तमान में विभिन्न दलों में मौजूद, पूर्व सहयोगियों को संतरे की तरह बताया जो बाहर से तो एक होता है, लेकिन अंदर से विभाजित होता है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (जदयू), मुलायम सिंह यादव (सपा), लालू प्रसाद (राजद) कभी एक नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की खेाज के लिए अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। अगला लोकसभा चुनाव साल 2019 में होगा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत के बाद भाजपा नीत राजग का मनोबल बहुत उंचा है।

पासवान ने लालू प्रसाद और उनके दो बेटों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि जदयू प्रमुख इसकी वजह से मुश्किल में हैं। लालू के दोनों बेटे नीतीश सरकार में मंत्री हैं।

लोजपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में 33 फीसदी सीटें आधी आबादी को देने का प्रावधान करने वाले महिला आरक्षण विधेयक की राह बनाना चाहती है लेकिन उसमें अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ साथ कराने के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इन चुनावों के लिए वित्तपोषण राज्यों को करना चाहिए।

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