वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी पहली पसंद: अमेरिकी विशेषज्ञ 

गाँव कनेक्शनगाँव कनेक्शन   14 March 2017 10:40 AM GMT

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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी पहली पसंद: अमेरिकी विशेषज्ञ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

वाशिंगटन (भाषा)। भारत के संदर्भ में अमेरिकी शीर्ष विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद वर्ष 2019 के आम चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट तौर पर एक पसंदीदा नेतृत्वकर्ता के तौर पर उभरे हैं।

एक विशेषज्ञ ने कहा कि पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे दिखाते हैं कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे कोई असामान्य नहीं थे। एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि मोदी वर्ष 2019 के बाद भी भारत का नेतृत्व करते रहेंगे।

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जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों के सहायक प्रोफेसर एडम जीगफेल्ड ने कहा कि विधानसभा चुनाव ज्यादा बदलाव का संकेत नहीं देते। उत्तरप्रदेश चुनाव के नतीजों ने दिखाया है कि वर्ष 2014 के आम चुनाव कोई ‘असामान्य' चीज नहीं थे। पंजाब के साथ भी यही स्थिति है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा के लिए एक बड़ी जीत थी। उसका उम्मीदवार दो पिछले विजेताओं-बसपा और सपा की तुलना में कहीं अधिक अंतर से जीत गया।'' अमेरिकन एंटरप्रोइज इंस्टीट्यूट के शोधार्थी सदानंद धूमे ने कहा कि इन चुनावों ने मोदी को वर्ष 2019 के चुनाव के लिए एक ‘‘स्पष्ट और पसंदीदा विजेता'' के तौर पर स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी वर्ष 2019 की दौड में सबसे आगे हैं।''

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के वॉल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस के प्रोफेसर इरफान नूरुद्दीन ने कहा कि वर्ष 2019 में भाजपा को सीधा बहुमत मिलने की संभावना कम है और मोदी गठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में बढ़ेगे। उन्होंने कहा कि भाजपा का एक के बाद एक राज्य में चुनाव प्रचार सफल रहा है जबकि विपक्ष ऐसा करने में नाकाम रहा है।

नूरुद्दीन ने कहा कि जिस राज्य में पार्टी को सीधे विपक्ष का सामना करना पड़ता है, वहां यह अच्छा प्रदर्शन नहीं करती। यदि विपक्ष एकसाथ आ जाए तो भाजपा को परास्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी को जब बिखरे हुए विपक्ष का सामना करना पड़ता है, वहां उसे लाभ मिलता है। वर्ष 2019 में सत्ताविरोधी लहर मौजूद होगी।

चुनाव के दौरान उत्तरप्रदेश में मौजूद रहे धूमे ने कहा कि इन चुनावों में भाजपा ने खुद को जाति से उपर बताया लेकिन वहां जाति कार्ड खेला। राज्य में लोगों के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी बेहद लोकप्रिय है। इसने उस भारतीय जनता का दिल और दिमाग जीत लिया, जो इस नीति के चलते परेशान हुई। यहां एक संजीदा व्यक्ति है, जिसने भ्रष्ट और अमीर लोगों पर एक सैद्धांतिक प्रहार किया है।''

हालांकि धूमे ने यह भी कहा कि उत्तरप्रदेश में इस ऐतिहासिक जीत के बाद मोदी संभवत: ऐसे आर्थिक सुधार की दिशा में नहीं बढ़ेंगे, जैसा निजी क्षेत्र चाहता है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स में भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के मामलों की वरिष्ठ शोधार्थी एलीसा आयर्स ने कहा कि भारत अपने उन आर्थिक सुधारों को बढ़ाने जा रहा है, जो देश की जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं।

भाजपा अब राज्यसभा में बहुत सी सीटें हासिल करेगी, जो उसे भूमि अधिग्रहण अधिनियम और श्रम सुधार जैसे लंबित सुधारों को अंजाम देने में मदद करेंगी। वह वर्ष 2018 में सीटें हासिल करना शुरु कर देंगे। भाजपा वर्ष 2019 और इसके परे देख रही है।

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