बिना अनुमति डाटा इस्तेमाल पर होगा जुर्माना और जेल
निजी डाटा सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पेश। चिकित्सा, आपातकाल और राज्य या केंद्र की लाभकारी योजनाओं के लिए सरकार बिना अनुमति कर सकेगी डाटा का उपयोग।
गाँव कनेक्शन 11 Dec 2019 1:30 PM GMT
लखनऊ। मोदी सरकार ने निजी डाटा सुरक्षा बिल लोकसभा में बृहस्पतिवार को पेश कर दिया। इसके अनुसार अब कोई भी निजी या सरकारी संस्था, किसी व्यक्ति के निजी डाटा का इस्तेमाल उसकी अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगी।
विधेयक की सबसे खास बात यह है कि सरकार के पास डाटा को लेकर असीमित ताकत होगी। कोई भी सरकारी एजेंसी चिकित्सा, आपातकाल और राज्य या केंद्र की लाभकारी योजनाओं के लिए निजी डाटा का इस्तेमाल कर सकेगी।
निजी डाटा सुरक्षा विधेयक में किसी बड़े उल्लंघन में कंपनियों पर 15 करोड़ रुपए या उनके कारोबार के चार प्रतिशत तक के जुर्माने का भी प्रस्ताव है।
सभी कंपनियों का सरकार के साथ डाटा शेयर करना अनिवार्य होगा। डाटा प्रोटेक्शन आथॉरिटी बनेगी, जुर्माना औऱ सजा का प्रावधान होगा। कंपनियों को बायोमेट्रिक डाटा लेने से पहले सरकार की मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
लोकसभा में बिल पेश करते ही कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने विरोध करते हुए इसे निजता का हनन बताते हुए सदन से वाकआउट किया।
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस विधेयक की व्यापक विवेचना के लिए दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति विचार करेगी।
विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इसका विस्तार से अध्ययन होना चाहिए। उन्होंने इसे संसदीय स्थाई समिति को भेजने की मांग की।
यह भी पढ़ें- यूपी के ग्रामीण क्षेत्र में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू, पहले दिन 7980 उपभोक्ताओं ने लिया लाभ
More Stories