ग्रामीण भारत में बढ़ता इंटरनेट का प्रभाव, शहरों की तुलना में अब गांवों में अधिक इंटरनेट यूजर्स

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और नील्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या पहली बार 50 करोड़ से पार होकर 50 करोड़ 40 लाख तक पहुंची है। मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 45 करोड़ 10 लाख था। 5 करोड़ 30 लाख नए यूजर्स में से लगभग 3 करोड़ लोग ग्रामीण भारत से जुड़े हैं।

Daya SagarDaya Sagar   7 May 2020 1:37 PM GMT

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ग्रामीण भारत में बढ़ता इंटरनेट का प्रभाव, शहरों की तुलना में अब गांवों में अधिक इंटरनेट यूजर्स

भारत में ऐसा पहली बार हुआ है, जब शहरों की तुलना में गांवों में इंटरनेट का उपयोग बढ़ा है। ऐसा इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) और नील्सन की एक संयुक्त रिपोर्ट में निकलकर सामने आया है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 22 करोड़ 70 लाख एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं, जो शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा लगभग 10 प्रतिशत अधिक हैं। शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या 20 करोड़ 50 लाख है।

1371 शहरों और 3628 गांवों के सर्वे पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक अपेक्षाकृत ग्रामीण आबादी वाले राज्य झारखंड और बिहार में क्रमशः इंटरनेट प्रयोग करने वालों की आबादी में क्रमशः 12 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि किसी भी अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में अधिक है। हालांकि इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल शहरी क्षेत्रों में अभी भी अधिक हो रहा है। दिल्ली और मुंबई में संयुक्त रूप से सबसे अधिक इंटरनेट का उपयोग किया गया।


आईएएमएआई और नील्सन की इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंटरनेट प्रयोग करने वालों की संख्या पहली बार 50 करोड़ से पार होकर 50 करोड़ 40 लाख तक पहुंची है। मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 45 करोड़ 10 लाख था, जिसमें लगभग 12 फीसदी का उछाल आया है। 5 करोड़ 30 लाख नए यूजर्स में से लगभग 3 करोड़ लोग ग्रामीण भारत से जुड़े हैं। इंटरेनट यूजर्स की संख्या में भारत से आगे अब सिर्फ चीन है, जहां पर 85 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं।

मैकिन्जी ग्लोबल इंस्टिट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 तक भारत में इंटरनेट प्रयोग करने वाले यूजर्स की संख्या 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी और भारत, चीन से भी आगे निकल जाएगा। मैकिन्जी के इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में डेटा मूल्य पिछले 6 साल में 95 प्रतिशत तक कम हुआ है इसलिए इंटरनेट यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ी है।



इससे पहले मई-जून, 2019 में गांव कनेक्शन ने 19 राज्यों के ग्रामीण इलाकों में एक सर्वे किया था, तब 80 फीसदी ग्रामीणों ने कहा था कि वे लोग मनोरंजन, समाचार, पढ़ाई, सोशल मीडिया और अन्य कार्यों के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं।

हालांकि आईएएमएआई और नील्सन के भी ये आंकड़े बीते साल नवंबर की है, जिसे हाल ही में एक रिपोर्ट के रूप में आईएएमएआई ने प्रकाशित किया। लॉकडाउन की अवधि में इंटरनेट उपयोग करने वालों की यह संख्या और भी बढ़ी है। हालांकि अभी लॉकडाउन के समय सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की कोई सटीक रिपोर्ट नहीं आई है।



एक्टिव इंटरनेट यूजर्स वे होते हैं जो महीने में कम से कम एक बार इंटरनेट का उपयोग जरूर करते हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन एक्टिव इंटरनेट यूजर्स में से 70 प्रतिशत ऐसे हैं, जो रोज इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। वहीं 90 फीसदी ऐसे हैं, जो सप्ताह में कम से कम एक बार इंटरनेट का इस्तेमाल जरूर करते हैं।

'डिजिटल इन इंडिया' नाम की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मार्च से नवंबर की अवधि में पुरुषों की तुलना में महिला इंटरनेट यूजर्स की वृद्धि दर ज्यादा देखी गई। यह दिखाता है कि महिलाएं अब इंटरनेट उपयोग करने में अपनी सक्रिय भागीदारी दे रही हैं।



रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 2 करोड़ 60 लाख महिला यूजर्स मार्च, 2019 से नवंबर, 2019 के बीच में जुड़ी हैं, जो नए पुरुष यूजर्स के मुकाबले ज्यादा है। मार्च, 2019 से नवंबर, 2019 के बीच में जहां इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले पुरूषों का वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहा, वहीं महिलाओं में यह वृद्धि दर 21 प्रतिशत देखा गया।

Kantar IMRB ICUBE की एक रिपोर्ट कहती है कि पिछले एक साल में इंटरनेट बहुत तेजी से जेंडर बराबरी की तरफ कदम बढ़ा रहा है। 2018 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत में इंटरनेट के कुल यूजर्स में से 42 प्रतिशत यूजर्स महिलाएं हैं। एक्टिव यूजर्स के मामले में भी महिलाएं पुरूषों के कंधे से कंधा मिला रही हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक जहां पुरूष हर दिन 78 मिनट फेसबुक पर बिताते हैं, वहीं महिलाएं 77 मिनट इंटरनेट पर बिताती हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में करीब 7.1 करोड़ इंटरनेट यूजर्स की उम्र 5 से 11 साल है और ये बच्चे अपने माता-पिता के मोबाइल या कंप्यूटर पर इंटरनेट चलाते हैं।

हालांकि अधिकतर यूजर्स के लिए इंटरनेट ऐक्सेस करने का पहला माध्यम मोबाइल फोन ही है। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे लोगों की संख्या 50 करोड़ से अधिक है। सिर्फ दो करोड़ लोग ऐसे हैं, जो इंटरनेट के प्रयोग के लिए कम्प्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। भारत में कम्प्यूटर की तुलना में मोबाइल में इन्टरनेट अधिक तेजी से चलता है।





इंटरनेट स्पीड पर नजर रखने वाली कंपनी ओकला की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल, 2020 के दूसरे हफ्ते की तुलना में तीसरे और चौथे हफ्ते में भारत में इंटरनेट स्पीड बढ़ा है। इस रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के दौरान भारत समेत दुनिया भर में ब्रॉडब्रैंड स्पीड स्थिर रहे लेकिन मोबाइल इंटरनेट की स्पीड में बढ़ोतरी देखी गई। भारत ने इंटरनेट स्पीड के मामले में श्रीलंका और फिलीपींस को पीछे छोड़ा।

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं कि यह ट्रेंड ग्रामीण भारत के लिए बहुत अच्छा है कि गांव के लोग इंटरनेट के माध्यम से बाहरी दुनिया से जुड़ रहे हैं। इंटरनेट का प्रयोग गांव के लोगों को पढ़ाने, उन्हें सुरक्षित और जागरूक रहने के लिए किया जा सकता है। हालांकि वह ग्रामीणों के इसके इस्तेमाल के प्रति सावधान भी करते हैं।

वह कहते हैं कि अपेक्षाकृत कम शिक्षित आबादी को इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी से करना होगा। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। रक्षित टंडन भी इसी तरफ ध्यान दिलाते हैं। वह कहते हैं, "सभी लोगों को इंटरनेट का प्रयोग बहुत ही सावधानी और जागरूकता से जरूरत के अनुसार ही करना चाहिए।"

आप रिपोर्ट का यहां पूरा पढ़ सकते हैं-


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