बजट: बंजर जमीन पर 'सोलर बिजली' की खेती पर जोर, 20 लाख नए सोलर पंप की घोषणा, लेकिन कुसुम योजना पर उठते रहे हैं सवाल
Arvind Shukla | Feb 01, 2020, 06:16 IST
साल 2020-21 के आम बजट में सरकार ने खेती के लिए जो 16 सूत्रीय फार्मूला पेश किया उसमें बड़ा फोकस सौर ऊर्जा की तरफ रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अन्नदाता को ऊर्जा दाता भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि एक तरह जहां सोलर पंप योजना को बढ़ावा देगी वहीं उन खेतों में सोलर यूनिट लगाकर उन्हें बिजली की ग्रिड से जोडा जाएगा ताकि बिजली पैदा करके ये किसान लाभ कमा सकें।
लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ता और जानकार सोलर पंप योजना को भूमिगत जल के लिए नुकसान दायक बताते रहे हैं। उनका कहना रहा है जिनता सोलर पंप को बढ़ावा दिया जाएगा, भूमिगत जल का दोहन बढ़ेगा।
बंजर जमीन पर सौर बिजली की खेती
बजट में किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का वादा दोहराते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का जोर कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर है। हमारा लक्ष्य है कि डीजल पर किसानों की निर्भरता कम की जाए, इसलिए किसानों को सौर्य ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेंगे। देश के अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनाएंगे। जिन इलाकों में किसी तरह की खेती नहीं हो सकती है वहां पर सोलर यूनिट लगाई जाएंगे और उन यूनिट को बिजली की ग्रिड से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत 15 लाख किसानों को ग्रिड से जोड़ा जाएगा। यानि इन किसानों की ंबजर जमीन पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के तहत सोलर यूनिट लगेंगी और उन्हें बिजली विभाग की ग्रिड सो जोड़ा जाएगा, जिसके लिए किसान को भुगतान किया जाएगा।
पिछले साल के बजट में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत सौर ऊर्जा ऊपकरण स्थापित करने के लिए किसानों को केवल 10 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा। योजना के तहत 60 फीसदी रकम केंद्र सरकार देगी, 30 फीसदी रकम बैंक लोन के रूप में देगी। योजना बंजर जमीन को लेकर की थी। योजना की शुरुआत जुलाई 2019 में हुई थी।
कुुसुम योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं...https://mnre.gov.in/
कुसुम योजना के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने बजट में किसानों को 20 लाख सोलर पंप देने की बात कही। सरकार की योजना है कि किसानों की डीजल पर निर्भरता कम की जाए। कई राज्य अपने स्तर पर भी सोलर पंप योजना चला रहा है। योजना के तहत सरकार भारी सब्सिडी पर दो हार्सपावर, 3 हार्सपावर, और पांच हार्सपावर के सोलर पंप के लिए अनुदान देती है। उत्तर प्रदेश अटल सोलर फोटोवोल्टैईक सिंचाई पम्प योजना 2 और 3 हार्स पावर पंप पर 70 फीसदी और 5 हार्स पावर वाले पंप पर 50 फीसदी तक का अनुदान देती है। यूपी समेत कई राज्यों इन योजनाओं का लाभ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर होता है। जिसके लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। यूपी में सोलर पंप की भारी मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र और सोलर पंप योजना का कोटा बढ़ाने की मांग भी की थी। यूपी के लिए यूपी सरकार की वेबसाइट का लिंक- http://www.upagripardarshi.gov.in/
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गुजरात के आणंद जिले में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के पायलट प्रोजेक्ट के तहत नेशनल डेयरी विकास बोर्ड ने एक गांव में सहकारिता के माडल पर सोलर प्लांट लगवाएं हैं। पानी की दिक्कत वाले इस गांव में 16 किसानों के खेतों पर 15 किलोवाट क्षमता के 10-10 पैनल लगवाएं गए हैं। एनडीडीबी के मुताबिक सोलर यूनिट लगाए जाने के बाद इन किसानों ने अपने बिजली के कनेक्शन कटवा दिए हैं, वो अब बिजली ग्रिड को दे रहे हैं जिससे उन्हें 5-8 हजार रुपए तक की हर महीने की आमदनी हो रही है।
लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ता और जानकार सोलर पंप योजना को भूमिगत जल के लिए नुकसान दायक बताते रहे हैं। उनका कहना रहा है जिनता सोलर पंप को बढ़ावा दिया जाएगा, भूमिगत जल का दोहन बढ़ेगा।
बंजर जमीन पर सौर बिजली की खेती
बजट में किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का वादा दोहराते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का जोर कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर है। हमारा लक्ष्य है कि डीजल पर किसानों की निर्भरता कम की जाए, इसलिए किसानों को सौर्य ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेंगे। देश के अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनाएंगे। जिन इलाकों में किसी तरह की खेती नहीं हो सकती है वहां पर सोलर यूनिट लगाई जाएंगे और उन यूनिट को बिजली की ग्रिड से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत 15 लाख किसानों को ग्रिड से जोड़ा जाएगा। यानि इन किसानों की ंबजर जमीन पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के तहत सोलर यूनिट लगेंगी और उन्हें बिजली विभाग की ग्रिड सो जोड़ा जाएगा, जिसके लिए किसान को भुगतान किया जाएगा।
पिछले साल के बजट में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत सौर ऊर्जा ऊपकरण स्थापित करने के लिए किसानों को केवल 10 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा। योजना के तहत 60 फीसदी रकम केंद्र सरकार देगी, 30 फीसदी रकम बैंक लोन के रूप में देगी। योजना बंजर जमीन को लेकर की थी। योजना की शुरुआत जुलाई 2019 में हुई थी।
कुुसुम योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं...https://mnre.gov.in/
राज्यों में सोलर पंप योजना पर 70 फीसदी तक अनुदान, बजट में 20 लाख नए पंप का आवंटन
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