एनआईए कानून का उपयोग आतंकवाद खत्म करने के लिए करेंगे : अमित शाह
गाँव कनेक्शन 15 July 2019 10:43 AM GMT
लखनऊ। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार की नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए कानून) का दुरूपयोग करने की न तो कोई इच्छा है और न ही कोई मंशा है। सरकार इस कानून का शुद्ध रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिये ही उपयोग करेगी।
एक विधेयक पर लोकसभा में चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने एक धर्म विशेष का जिक्र कर एनआईए कानून का दुरूपयोग किये जाने के विषय को उठाया है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि मोदी सरकार की एनआईए कानून का दुरूपयोग करने की न तो कोई इच्छा है और न ही कोई मंशा है। सरकार इस कानून का शुद्ध रूप से आतंकवाद को खत्म करने के लिय उपयोग करेगी।
कुछ सदस्यों द्वारा पोटा (आतंकवादी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) का जिक्र किए जाने के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा, पोटा कानून को वोट बैंक बचाने के लिए भंग किया गया था। पोटा की मदद से देश को आतंकवाद से बचाया जाता था, इससे आतंकवादियों के अंदर भय था, देश की सीमाओं की रक्षा होती थी।
इस कानून को पूर्ववर्ती संप्रग की सरकार ने 2004 में आते ही भंग कर दिया। शाह ने कहा कि पोटा को भंग करना उचित नहीं था। पोटा भंग किये जाने के बाद आतंकवाद इतना बढ़ा कि स्थिति काबू में नहीं रही और संप्रग सरकार को ही एनआईए को लाने का फैसला करना पड़ा। उन्होंने इस संदर्भ में मुम्बई में श्रृंखलाबद्ध बम वस्फिोट और 26:11 आतंकी हमले का भी उदाहरण दिया ।
गृह मंत्री ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने वाली किसी एजेंसी को और ताकत देने की बात हो और सदन एक मत न हो, तो इससे आतंकवाद फैलाने वालों का मनोबल बढ़ता है। मैं सभी दलों के लोगों से कहना चाहता हूं कि यह कानून देश में आतंकवाद से निपटने में सुरक्षा एजेंसियों को ताकत देगा।
(भाषा से इनपुट के साथ)
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