यूपी : निःशुल्क उपलब्ध होंगे भूगर्भ जल विभाग के आंकड़े-मानचित्र
गाँव कनेक्शन | Aug 11, 2017, 20:20 IST
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने भूगर्भ जल विभाग के आंकड़े और मानचित्र विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया है। पहले जहां सभी आंकड़े मात्र विभागीय उपयोग और आम जनता को निर्धारित फीस जमा करने पर ही उपलब्ध होते थे वहीं नवीन व्यवस्था के तहत विभागीय वेबसाइट पर भूजल जानकारी सहज और निःशुल्क उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही भूजल सटीक आंकड़ों के लिए विभागीय पीजोमीटर पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त 1650 आटोमेटिक डिजिटल वाटर लेबिल रिकार्डर भी स्थापित करने का लक्ष्य है।
सटीक आंकड़ों के लिए पीजोेमीटर पर आटोमेटिक डिजिटल वाटर लेेबल रिकार्डर स्थापित
इस सम्बंध में लघु सिंचाई विभाग एवं भूगर्भ जल विभाग की विशेष सचिव संदीप कौर ने बताया कि भूगर्भ जल संसाधन के आंकलन, प्रबंधन एवं नियोजन के लिए सटीक एवं गुणवत्तापरक तकनीकी अध्ययन की आवश्यकता होती है। प्रत्येक डिजिटल वाटर लेबल रिकार्डर उपकरण में वाटर लेबल सेंसर के साथ एक सिम कार्ड लगाया जाता है। टेलीमेट्रिक व्यवस्था के अन्तर्गत इस सिम कार्ड के माध्यम से आंकड़े सीधे सर्वर पर उपलब्ध होते है, जिसको किसी भी कम्प्यूटर या मोबाइल पर देखा जा सकता है।
विशेष सचिव ने बताया कि वर्तमान में आगरा, अलीगढ़, कानपुर एवं लखनऊ मण्डल के कुल 21 जिलों में 400 आटोमेटिक डिजिटल वाटर लेबल रिकार्डर की स्थापना की जा चुकी है। इनके द्वारा न सिर्फ 12 घंटे के अन्तराल पर उच्च गुणवत्ता के भूजल स्तर के आंकड़े प्राप्त रहे हैं, बल्कि इनमें मानवीय त्रुटि की भी सम्भावना कम हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आंकड़ों और मानचित्रों के पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध होने से अनका उपयोग विभिन्न तकनीकी संस्थाओं एवं जनमानस द्वारा अपने क्षेत्रों हेतु तैयार की जाने वाली योजनाओं में उपयोग किया जा सकेगा।
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इसके साथ ही भूजल सटीक आंकड़ों के लिए विभागीय पीजोमीटर पर अत्याधुनिक तकनीक से युक्त 1650 आटोमेटिक डिजिटल वाटर लेबिल रिकार्डर भी स्थापित करने का लक्ष्य है।
सटीक आंकड़ों के लिए पीजोेमीटर पर आटोमेटिक डिजिटल वाटर लेेबल रिकार्डर स्थापित
इस सम्बंध में लघु सिंचाई विभाग एवं भूगर्भ जल विभाग की विशेष सचिव संदीप कौर ने बताया कि भूगर्भ जल संसाधन के आंकलन, प्रबंधन एवं नियोजन के लिए सटीक एवं गुणवत्तापरक तकनीकी अध्ययन की आवश्यकता होती है। प्रत्येक डिजिटल वाटर लेबल रिकार्डर उपकरण में वाटर लेबल सेंसर के साथ एक सिम कार्ड लगाया जाता है। टेलीमेट्रिक व्यवस्था के अन्तर्गत इस सिम कार्ड के माध्यम से आंकड़े सीधे सर्वर पर उपलब्ध होते है, जिसको किसी भी कम्प्यूटर या मोबाइल पर देखा जा सकता है।
विशेष सचिव ने बताया कि वर्तमान में आगरा, अलीगढ़, कानपुर एवं लखनऊ मण्डल के कुल 21 जिलों में 400 आटोमेटिक डिजिटल वाटर लेबल रिकार्डर की स्थापना की जा चुकी है। इनके द्वारा न सिर्फ 12 घंटे के अन्तराल पर उच्च गुणवत्ता के भूजल स्तर के आंकड़े प्राप्त रहे हैं, बल्कि इनमें मानवीय त्रुटि की भी सम्भावना कम हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आंकड़ों और मानचित्रों के पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध होने से अनका उपयोग विभिन्न तकनीकी संस्थाओं एवं जनमानस द्वारा अपने क्षेत्रों हेतु तैयार की जाने वाली योजनाओं में उपयोग किया जा सकेगा।
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