गाँव में रहकर योजनाओं की जानकारी ले रहे आईएएस प्रशिक्षु

दिवेंद्र सिंह | Sep 16, 2016, 16:00 IST
India
प्रतापगढ़।गाँव के प्राथमिक विद्यालय में अगर अध्यापक एक आईएएस रैंक का हो तो अब वो चाहे वो कुछ ही देरी के लिए हो बच्चें मन लगा के पढ़ते हैं।


जिला मुख्यालय से लगभग40किमी दक्षिण पूर्व दिशा के गौरा ब्लॉक के मुआर आधारगंज गाँव में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के6आईएएस प्रशिक्षु गाँव में रहकर ग्राम्य जीवन और ग्राम्य विकास की जानकारी ले रहे हैं।

जिले के पट्टी के मझौली गाँव,गौरा के मुआर आधारगंज गाँव,कुंडा के शाहपुर गाँव,सांगीपुर के पद्माकरपुर और कालाकांकर के मुहम्मदाबाद उपरहार गाँव में30आईएएस प्रशिक्षु आए हुए हैं। प्रत्येक गाँव में6-6लोग ठहरे हुए हैं।

राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले उत्तम सिंह (32)बताते हैं,मैं खुद एक गाँव का रहने वाला हूँ तो यहाँ के ग्रामीणों की परेशानियों को समझ सकता हूँ,हमें गाँव के विकास कार्य,स्वच्छता अभियान,सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बारे में जानना है की कैसी चल रही है।

वो आगे बताते हैं,मुझे ग्रामीण शिक्षा के बारे में जानना था,यहाँ के प्राथमिक विद्यालय में गया,वहां पर बच्चों और अध्यापकों का अनुपात सही था,वहां की अध्यापिका कहने लगी की बच्चे निजी विद्यालय में ज्यादा जाते हैं जबकि यहाँ पर ज्यादा अच्छी सुविधाएं हैं। लोगों की मानसिकता बन गयी है कि निजी विद्यालयों में ज्यादा अच्छी पढ़ाई होती है।

बच्चों के विद्यालय न जाने के बारे में उत्तम सिंह बताते हैं,यहाँ मैंने देखा जैसे इस समय फ़सल कटाई का समय है,तो बच्चे विद्यालय कम जाते हैं।"

इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने ग्रामीणों से मिलकर ग्रामीण जन जीवन और शासन की सुविधाओं के बारे में उनके अनुभव लिए साथ मनरेगा मजदूर,आँगनवाड़ी कार्यकर्त्री से मिलकर उनके अनुभव के बारे में बात की।

रानीगंज के उपजिलाधिकारी ब्रजेन्द्र द्विवेदी के अगुवाई में मुआर अधारगंज की टीम आस पास के गाँवों में भी गयी।

कर्नाटक के विजय दयाराम (35)को स्वच्छता अभियान योजना के बारे में जानना था कि गाँव में ये योजना कहाँ तक पहुंची है। विजय दयाराम ने बताया,गाँव में मुख्य समस्या शौचालय की है,गाँव के एक घर में गया उनका घर पक्का था,दो बेटे सूरत में नौकरी करते हैं,जब उनसे शौचालय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा नही बना है। गाँव में लोग यही सोचते हैं की खुले में शौच जाना ठीक होता है,जबकि बच्चों में बहुत सी बीमारियां खुले में शौच जाने से ही होती है।

वो आगे बताते हैं,हम लोगों को यही सब जानकारियां इकट्ठी करनी है कि कहाँ पर कमी रह जाती है जो योजनाएं ग्रामीणों तक नहीं पहुंचती।

मुआर अधारगंज की टीम में उत्तम सिंह,विजय दयाराम,राहुल कार्डिले,सत्य कृष्णन,बशीर उल हक़ और डा. राजेंद्र पटेल ने गाँव की जानकारी ली कि कैसे योजनाएं ग्रामीणों तक सही तरीके से पहुँच सकती हैं।

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