ज़हरीली हो रही है ईशन नदी की धारा

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:05 IST
India
मैनपुरी। जिले में कृषि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ ईशन नदी के पानी को फसलों की सिंचाई के लिए बेहद नुकसानदेह मान रहे हैं। नदी के इस दूषित पानी में पैदा हो रही फसलों और सब्जियों के सेवन से लोगों में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां बढ़ रही है।

पिछले काफ़ी समय से नगर जेल के नज़दीक से होकर बह रही ईशन नदी की धारा में झाग भी साथ बह रहा है। किसान फसलों की सिंचाई के लिए नदी में छोटा पंप सेट लगाकर झागयुक्त पानी का प्रयोग कर रहे हैं। हाल यह है कि खेतों में भी पानी से ज्यादा झाग एकत्र हो रहा है।

ज़हरीली नदी के खतरे के बारे में कृषि वैज्ञानिक डॉ. विकास रंजन चौधरी बताते हैं, ''झागयुक्त पानी फसलों के लिए बेहद हानिकारक है। नदी में शहर के कई छोटे उद्योगों, संयंत्रों के अलावा गंदे नालों का पानी भी सीधे ईशन नदी में ही छोडा जा रहा है। इस गंदगी में हानिकारक रसायनिक पदार्थों और अपमार्जकों की वजह से नदी दूषित हो चुकी है। नदी के पानी में भी रासायनिक पदार्थों (लेड, आर्सेनिक) की भी मात्रा तेजी से बढ़ रही है।"

नगर की गत्ता फैक्ट्री में निर्माण कार्यों में विभिन्न रसायनों का प्रयोग होता है। गत्ता बनाने के बाद फैक्ट्री के रसायनों को नाले के माध्यम से सीधे नदी में छोड दिया जाता है। इसके अलावा नालों और शहर भर की गंदगी भी नदी के पानी में ही मिल रही है,जिसकी वजह से नदी में अपमार्जक घुल रहे हैं।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. चौधरी ने बताया,''यह हानिकारक पदार्थ खेत की मिट्टी और फसलों के लिए बेहद घातक हैं। अगर, इस पानी से लगातार फसलों की सिंचाई की जाती रही तो पानी में मौजूद रसायनिक पदार्थ फ सलों और सब्जियों में भी प्रवेश कर जाते हैं। जिसका सीधा असर सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।" जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरांग गुप्ता ने बताया, ''दूषित पानी से तैयार हुई फसलों के सेवन से शरीर में धीरे-धीरे रासायनिक पदार्थों की मात्रा भी पहुंचती है। ये रासायनिक पदार्थ शरीर पर बुरा असर डालती है।" डॉ. गौरांग आगे बताते हैं कि रसायनिक पदार्थों के प्रयोग से त्वचा पर चकत्ते, खुजली के साथ दाने भी निकलने लगते हैं। बालों पर भी इन रासायनों का विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है। असमय ही बाल सफेद होने लगते हैं। साथ ही सिर की त्वचा पर भी असर पड़ता है।

जिले के जाने माने फिजीशियन डॉ. जेजे राम का कहना है कि दूषित पानी से पैदा हुई सब्जियों और फसलों का सेवन करने से उनमें मौजूद हानिकारक पदार्थ शरीर में पहुंचकर अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। पेट संबंधी बीमारियां जैसे डायरिया, फूड प्वाइजनिंग की समस्या सबसे पहले होती है। लंबे समय तक इनका सेवन करने से लीवर पर भी प्रभाव पड़ता है। इंसान की पाचन शक्ति खराब होने लगती है। घातक परिणाम काफ़ी दिनों बाद दिखाई देने लगते हैं।

हानिकारक पदार्थों से बचने को अपनाएं ये उपाय

-सब्जियों की धुलाई के लिए हमेशा साफ पानी का प्रयोग करें।

-सिंचाई के लिए बोरिंग और ट्यूबवेल के पानी का ही उपयोग करें।

-फसलों की सिंचाई के उपयोग में लिए जाने वाले पानी की समय-समय पर जांच कराएं।

-फसलों की जांच के लिए भी उन्हें लैब में भेजा जाए।

रिपोर्टिंग- रतन सिंह

Tags:
  • India

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.