जल जीवन मिशन के तहत देश के एक लाख गांवों तक पहुंचा पानी
गाँव कनेक्शन | Jul 15, 2021, 07:37 IST
जल जीवन मिशन ने पिछले 23 महीने में 4.5 करोड़ घरों में नल के पानी की आपूर्ति की है। जल जीवन मिशन के अनुसार इस समय देश के 71 जिलों, 824 प्रखंडों, 50,309 ग्राम पंचायतों और 1,00,275 गांवों में ‘हर घर जल’का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
साल 2024 तक देश के हर घर में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के सपने को पूरा करते हुए जल जीवन मिशन ने 23 महीने में एक लाख गांवों में हर घर में नल के पानी की आपूर्ति करने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत के समय, देश के 18.94 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17%) घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन ने 23 महीनों के दौरान 4.49 करोड़ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए और 50 हजार ग्राम पंचायतों में हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराकर इन पंचायतों में 'हर घर जल' पहुंचाने का लक्ष्य हासिल कर लिया।
इस समय देश के 7.72 करोड़ (40.77%) घरों में नल के पानी की आपूर्ति हो रही है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और पुडुच्चेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100% घरेलू कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है और वहां 'हर घर जल' का सपना साकार हो गया है। वर्तमान में देश के 71 जिलों, 824 प्रखंडों, 50,309 ग्राम पंचायतों और 1,00,275 गांवों में 'हर घर जल' का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
पांच साल में हर ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के इस विशाल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
जल जीवन मिशन के तहत पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) वाले गांवों में घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जा रही है। पिछले 23 महीने में 117 आकांक्षी जिलों में नल के पानी की आपूर्ति सात प्रतिशत से चार गुना बढ़कर 33 प्रतिशत हो गयी है।
इसी तरह जापानी इन्सेफेलाइटिस - एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (जेई-एईएस) से प्रभावित 61 जिलों में 97 लाख से ज्यादा घरों में नल के पानी की आपूर्ति की गयी है। 696 एसएजीवाई गांवों और 29,063 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों में 'हर घर जल' का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।
देश में स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को सुरक्षित नल का पानी सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दो अक्टूबर 2020 को इसका शुभारंभ किया था।
हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह जैसे राज्यों/ केंद्र शासित क्षेत्रों ने स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के पानी की व्यवस्था की। देश में अब तक 6,76,789 स्कूलों (65.7%) और 6,74,611 आंगनवाड़ी केंद्रों (59.8%) में पेयजल एवं मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने तथा शौचालयों में इस्तेमाल के लिएनल के पानी की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की गयी है।
केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों से बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर स्वच्छता की खातिर अगले कुछ महीने में सभी बचे हुए स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में सुरक्षित नल के पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
जल गुणवत्ता निगरानी और निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, पीआरआई सदस्यों, स्कूल शिक्षकों आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके संदूषण के लिए पानी के नमूनों का परीक्षण कर सकें।
देश में कुल 2,015 प्रयोगशालाओं हैं। इनमें से 195 जल प्रयोगशालाएं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है और उनके पास बेहतर बुनियादी ढांचे तथा प्रशिक्षित तकनीशियों की सुविधा मौजूद है। राज्य इन जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन और एनएबीएल मान्यता हासिल करने में लगे हुए हैं। ये प्रयोगशालाएं जनता के लिए खुली हैं ताकि वे नाममात्र की लागत पर अपने पानी के नमूनों की जांच करा सकें।
कार्यक्रम की शुरुआत के समय, देश के 18.94 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ (17%) घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन ने 23 महीनों के दौरान 4.49 करोड़ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए और 50 हजार ग्राम पंचायतों में हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराकर इन पंचायतों में 'हर घर जल' पहुंचाने का लक्ष्य हासिल कर लिया।
यह आनंद और उत्साह का विषय है कि अब देश के एक लाख से अधिक गांवों के सभी घरों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुंच रहा है।
इस तरह भारत को जल समृद्ध राष्ट्र बनाकर प्रत्येक भारतवासी को पानी की चिंता से मुक्त करने की दिशा में एक नया मील का पत्थर स्थापित हुआ है।#1LakhVillages
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 14, 2021
पांच साल में हर ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के इस विशाल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
जल जीवन मिशन के तहत पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) वाले गांवों में घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जा रही है। पिछले 23 महीने में 117 आकांक्षी जिलों में नल के पानी की आपूर्ति सात प्रतिशत से चार गुना बढ़कर 33 प्रतिशत हो गयी है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के जल जीवन मिशन के प्रति कहे शब्द आज अक्षरश: जमीन पर फलित हो रहे हैं। जिन गांवों में कई सालों से पानी की किल्लत बनी हुई थी आज वहां के लोगों को घर पर स्वच्छ पेयजल मिलना क्रांति से कम नहीं है।@MoJSDoWRRDGR @PMOIndia @BJP4India #1LakhVillages pic.twitter.com/wiTXwizHfF
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) July 14, 2021
देश में स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को सुरक्षित नल का पानी सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दो अक्टूबर 2020 को इसका शुभारंभ किया था।
हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह जैसे राज्यों/ केंद्र शासित क्षेत्रों ने स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के पानी की व्यवस्था की। देश में अब तक 6,76,789 स्कूलों (65.7%) और 6,74,611 आंगनवाड़ी केंद्रों (59.8%) में पेयजल एवं मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने तथा शौचालयों में इस्तेमाल के लिएनल के पानी की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की गयी है।
Today, #JalJeevanMission crossed an important milestone.
Every family in more than 1 lakh #HarGharJal villages in the country has started getting clean tap water supply now. pic.twitter.com/RMakwIIyoP
— Jal Jeevan Mission (@jaljeevan_) July 14, 2021
जल गुणवत्ता निगरानी और निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, पीआरआई सदस्यों, स्कूल शिक्षकों आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके संदूषण के लिए पानी के नमूनों का परीक्षण कर सकें।
देश में कुल 2,015 प्रयोगशालाओं हैं। इनमें से 195 जल प्रयोगशालाएं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है और उनके पास बेहतर बुनियादी ढांचे तथा प्रशिक्षित तकनीशियों की सुविधा मौजूद है। राज्य इन जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन और एनएबीएल मान्यता हासिल करने में लगे हुए हैं। ये प्रयोगशालाएं जनता के लिए खुली हैं ताकि वे नाममात्र की लागत पर अपने पानी के नमूनों की जांच करा सकें।