0

किसानों को नहीं भा रहे सरकारी खरीद केन्द्र

गाँव कनेक्शन | Sep 16, 2016, 16:15 IST
India
मेरठ। प्रदेश सरकार की गेहूं खरीद योजना किसानों को नहीं भा रही है, सरकारी क्रय केंद्रों पर किसान अपनी उपज लाने से परहेज कर ही रहे हैं। मेरठ जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य का अभी तक 10 फीसदी भी नहीं पूरा हो पाया है।

बाजार और आटा मिलों में किसानों को सरकारी खरीद केन्द्र से अधिक दाम मिल रहा है, इस वजह से किसान खरीद केन्द्र पर नहीं जाना चाहता है। हर दिन सुबह से घोड़ा तांगा, भैंसा बुग्गी और ट्रैक्टर ट्रॉली पर गेहूं लादकर किसान पहुंच जाते हैं। भोपाल विहार के किसान अमर सिंह (55 वर्ष) बताते हैं, “मेरे पास सिर्फ नौ बीघा जमीन है, जिसमें मैंने गेहूं बोया था, कुछ अपने परिवार के लिए रख लिया है। जब सरकारी केन्द्र पर पता करने गया तो पता चला कि वहां के मुकाबले 200 कुंतल ज्यादा दाम मिल रहा है।”

वहीं खरखोदा के किसान मदन सिंह कहते हैं, “हमारी तरफ औसमन 900 गज का एक बीघा होता है, जिसमें करीब चार-पांच कुंतल गेहूं पैदा होता है, जिसपर लागत भी लगभग एक हजार रुपए कुंतल तक आ जाती है। सरकारी केन्द्र पर लेकर जाओ तो गेहूं में कोई न कोई कमी निकालते रहते हैं। जबकि बाजार में 226 किस्म के गेहूं का दाम मुझे 1800 रुपये कुंतल मिल रहा है। वहां गेहूं देने पर पैसा बैंक में आता है, हाथों हाथ पैसा मिल जाता है। सरकारी केन्द्र में किसानों के गेहूं न ले जाने के पीछे सही समय पर भुगतान भी न होना भी है। मदन सिंह आगे बताते हैं, “केन्द्र पर बेचने पर बैंक खाते में पैसा आता है, वहीं बाहर तुरंत ही पैसा मिल जाता है।”

कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरएस सेंगर के अनुसार गेहूं की विभिन्न किस्म होती हैं। आमतौर पर 226 किस्म अच्छी मानी जाती है, इसके आटे से बानी रोटी जल्दी सूखती नहीं इसमें पौष्टिकता भी अधिक होती है। इन में कुछ पुराने बीज जैसे, 502,592 यूपी 2338 किस्म किसान बो रहे हैं इनका प्रयोग अधिकतर आटा मिल और चक्की वाले करते हैं दाम काम होते है सूजी मैदा अधिक निकाल कर मिल वालों को अच्छा मुनाफा होता है।

मेरठ नवीन मंडी परिसर में अनाज की आढ़त चलाने वाले व्यापारी नवीन गुप्ता की माने तो कुछ किसान तो खुद मंडी में अपनी गेहूं लेकर आ रहे हैं। अधिकतर तो यहां वो लोग गेहूं लेकर आते है जो गाँव में छोटे-बड़े किसानों से उनकी गेहूं की किस्म के हिसाब से उन को वही पैसे देकर उनकी उपज खरीद लेते हैं और अपने कर्मचारियों से अपनी बोरियों में भरवा ट्रक लोड माल लाते हैं।

नवीन गुप्ता कहते हैं, “हम तो अधिकतर उन्हीं से खरीदते हैं, हां वो लोग बेशक किसान से 1550 से लेकर 17-1800 तक में खरीदते हो हम तो किस्मों के हिसाब से 1600 से 1850 तक में लेते है वैसे औसतन 16-1700 में अभी मिल रहा है।

दिनेश अग्रवाल आटा चक्की चलाते हैं, उनके यहां इस समय किसानों की भीड़ लगी रहती है। दिनेश बताते हैं, “हमारे यहां जितने भी किसान आते हैं, वो हमारे पुराने ग्राहक हैं। हर महीने डेढ़ से दो सौ कुंतल गेहूं की हमारे यहां जरूरत होती है। इसलिए गेहूं के सीजन में खरीद कर रख लेते हैं।” सरकारी केन्द्र पर 1525 रुपये के हिसाब से प्रति कुंतल गेहूं का भुगतान होता है। भुगतान राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है। मेरठ सरकारी गेहूं खरीद केन्द्र के कंट्रोल रूम प्रभारी प्रबल कुमार इस बारे में कहते हैं, “प्रति कुंतल के 1525 रुपये दिये जाते हैं, वो किसानों के खाते में सीधे भेजी जाती है, इसमें दो दिन लग जाते हैं।

रिपोर्टर - सुनील तनेजा

Tags:
  • India

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.