आशीष मिश्रा को जेल: 12 घंटे में SIT ने पूछे 150 सवाल, पुलिस ने कहा जांच में नहीं कर रहे सहयोग, वकील ने कहा अब तक नहीं मिला कोई साक्ष्य

Kirti Shukla | Oct 09, 2021, 17:19 IST
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज होने के पांचवें दिन मुख्य आरोपियों में से एक आशीष मिश्रा पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ था, सहयोग नहीं करने पर लंबी पूछताछ के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया।
Lakhimpur kheri
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपियों में एक और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ 'मोनू भइया' को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार जेल भेज दिया गया है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने रात करीब 11 बजे आशीष की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने मीडिया से कहा, लंबी पूछताछ के दौरान हमने पाया कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे। कई सारी बातें नहीं बताना चाह रहे। सहयोग नहीं करने पर हम उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं।" विशेष जांच दल ने गिरफ्तारी के बाद रात को उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जहां से रात करीब 12.50 पर उसे 3 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेज दिया गया।

वहीं आशीष मिश्रा के वकील अवधेश कुमार सिंह ने कहा, #SIT ने 12 घंटे की पूछताछ में 150 सवाल पूछे। इस दौरान उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिला इसलिए मजिस्ट्रेट ने 3 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। सोमवार के फिर पुलिस उन्हें कोर्ट के सामने लाएगी।

आशीष मिश्रा शनिवार की सुबह करीब 11 बजे पुलिस लाइन में क्राइब ब्रांच के दफ्तर पहुंचा था, जहां करीब 11-12 घंटे की लंबी पूछताछ हुई। क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा को 2 बार पूछताछ के लिए समन भेजा था।

यूपी पुलिस ने 4 किसानों की गाड़ियों से कुचलकर हत्या के मामले में समन जारी किया था। 3 अक्टूबर को तिकुनिया में हुए हिंसा और विवाद के मामले में आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है, उसके खिलाफ 302 समेत 8 धाराओं में मामला दर्ज है। इस संबंध में दर्ज रिपोर्ट में आशीष नामजद है बाकि 15-20 अन्य लोग हैं। उनके परिजन दावा करते रहे हैं कि आशीष का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। इस हिंसा में 4 प्रदर्शनकारी किसानों, 2 बीजेपी कार्यकर्ताओं, केंद्रीय मंत्री के एक ड्राइवर और एक पत्रकार की जान गई है।

आशीष मिश्रा को सुबह 11 बजे पुलिस लाइन में पीछे के रास्ते से अंदर लाया गया। जहां पर अंदर अकेले में आशीष मिश्रा के साथ कई घंटों तक पूछताछ चली। पुलिस इस संबंध में दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आशीष की गिरफ्तारी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ विपक्षी दलों ने यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पुलिस और प्रशासन की हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में यूपी सरकार को फटकार भी लगा चुकी है। कोर्ट में मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को है।

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शनिवार को कहा, "लखीमपुर खीरी कांड में, सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तहत एक निष्पक्ष जांच चल रही है और कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है और कुछ को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।"

शनिवार को देशभर की निगाहें लखीमपुर खीरी पर रहीं। यहां एक तरफ जहां पुलिस लाइन में मीडिया की भारी भीड़ और पुलिस की सुरक्षा थी वहीं दूसरी तरफ आशीष मिश्रा के पिता और स्थानीय सांसद अजय मिश्रा टेनी के संसदीय कार्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं, आशीष मिश्रा और उनके पिता के समर्थकों की भारी भीड़ जमा रही।

सुबह कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा, "प्रदेश और देश में कानून का राज है, हमारी सरकारों निष्पक्ष कार्रवाई में विश्वास रखती हैं। इसलिए सभी कार्यकर्ताओं से मैं ये कहना चाहूंगा कि विश्वास रखिए, जांच एजेंसिया सही काम कर रही हैं। जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, जो निर्दोष हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।" उन्होंने आगे कहा, "अब सब का प्यार है इसके लिए बहुत धन्यवाद है। आप लोग शांति बनाए रखिए और धीरज के साथ जो परिस्थितियां बन रही हैं उनका सामना करना चाहिए।"

यूपी की क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए हाजिर होने और अपना पक्ष रखने के लिए दो नोटिस जारी कि थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी। जिसका लब्बोलुआब था कि था कि क्या आप ऐसा ही रवैया दूसरे 302 के आरोपियों के बारे में करते हैं। कहा ये भी जा रहा था कि मोनू नेपाल भाग गया है। शुक्रवार लखनऊ में बीजेपी कार्यालय पहुंचे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने मीडिया से कहा था कि उनका उनके बेटा इस पूरे केस में शामिल नहीं है। वो घर पर है और पुलिस की जांच को हम लोग पूरा सहयोग करेंगे।

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, "किसानों के भेष में छिपे कुछ उपद्रवियों ने जिस तरह से लोगों को पीटा है, अगर आपने वीडियो में देखा होगा, तो आपको यह भी विश्वास हो जाएगा कि वहां पर अगर मेरा बेटा होता तो उसकी भी हत्या हो जाती। जिस तरह ये दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ये झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं वो इस सरकार, योगी जी की सरकार में निष्पक्ष जांच होगी। अगर दूसरा राज्य होता तो जिस तरह बड़े पद मैं हूं तो उसके एफआईआर भी दर्ज नहीं होती, लेकिन हम रिपोर्ट दर्ज करेंगे और निष्पक्ष जांच करेंगे।"

संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया अल्टीमेटम

संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर हिंसा को लेकर सरकार के सामने तीन मांगे रही हैं। 11 अक्टूबर तक अगर ये पूरी नहीं होती हैं तो किसान मोर्चा ने 5 कार्यक्रमों का ऐलान किया है जिसमें शहीद किसानों की देशभर में अस्थिकलश यात्रा और 26 अक्टूबर को लेकर लखनऊ में किसान महापंचायत शामिल है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर संविधान को कुचलने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में कहा, "लखीमपुर की घटना का वीडियो जिसने भी देखा उसने घटना की निंदा की है। ये संविधान कुचलने वाली सरकार है। सबने सब कुछ देखा फिर भी दोषी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं। जिन भी परिवार से मैं मिला सबने कहा कि दोषी को सज़ा मिले।" उन्होंने आगे कहा, "सरकार अभी भी सो रही है। सरकार अभी भी उन्हें (दोषियों को) बचाना चाहती है। ये सरकार केवल ताकतवर लोगों के लिए है, ये सरकार किसानों के लिए नहीं है। जनता ये सब देख रही है, आने वाले समय में बीजेपी का सफाया होगा।"

जिसके जवाब में यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि, "2012-2016 के बीच, अखिलेश यादव सरकार के दौरान 200 से अधिक दंगे हुए और शाहजहांपुर के एक पत्रकार ने अपनी सरकार के बारे में कुछ कहने के बाद जिंदा जला दिया।" उन्होंने आगे कहा कि "किसका सफाया होगा या नहीं होगा ये जनता पर छोड़ दीजिए। आप (अखिलेश यादव) उसके लिए भविष्यवाणी न करें। किसने दंगाइयों को बचाया, किसने गुंडे माफियाओं को साइकिल पर बैठाया। ये सब इतिहास के पन्नों पर लिखी जा चुकी है इसलिए आप अपने गिरेबान में झांके।"

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?

लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का कार्यक्रम था, जिसमें तिकुनिया इलाके में डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर उतरना था लेकिन केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के एक बयान से नाराज किसानों ने हेलीपैड पर कब्जा कर रखा था। जिसके बाद डिप्टी सीएम ने प्रोग्राम बदलकर सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया।

इसी दौरान आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, फायरिंग की, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। जिसके बाद की हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी किसानों ने गाड़ियों से उतरने वाले तीन लोगों की लाठी डंडों से पिटाई कर दी। जिसमें बीजेपी के 2 कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हो गई। इस संबंध में कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि घटना के वक्त उनका बेटा गाड़ियों में नहीं था और गाड़ियां डिप्टी सीएम की अगवानी के लिए जा रही थीं, इस दौरान प्रदर्शकारियों ने पत्थरबाजी की। इस मामले में कई प्रत्यक्षदर्शी सामने आए हैं, को थार जीप में सुमित मिश्रा के साथ सवाल थे उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए जाते वक्त प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार पर हमला किया। इस संबंध में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के पिता की तरफ से लखीमपुर कोतवाली में दी गई तहरीर में भी लिखा गया है कि शुभम ड्राइवर हरिओम के साथ मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए जा रहा था इसी दौरान तिकुनिया में कुछ अराजक तत्वों ने गाड़ी पर हमला किया। और लाठी डंडों से तलवारों से हमला किया, जिसमें डाइवर, शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर की मौत हो गई। जबकि स्थानीय प्रदर्शनकारियों का कहना था कि गाड़ियां जानबूझकर कर इधर लाई गईं और हमला किया गया।

Tags:
  • Lakhimpur kheri
  • story
  • uppolice

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.