आवारा पशुओं से खेत को बचाने के लिए की गई तारबाड़ी से दो बच्चों की मौत
गाँव कनेक्शन | May 18, 2019, 08:06 IST
लखनऊ। आवारा पशुओं से अपने खेतों को बचाने के लिए किसान तारबाड़ी कर देते है लेकिन इस तारबाड़ी में करंट की चपेट में आने से दो मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
यह हादसा यूपी के महोबा कोतवाली के पलका गाँव का है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक हादसा तब हुआ जब दोनों बच्चे नहाने के बाद खेत में लगी तारबाड़ी में गीले कपड़े डाले और वह करंट की चपेट आ गए। मरने वाले बच्चों का नाम अमन (11) और रवि (10) है। दोनों बच्चे मध्य प्रदेश के सतना के पिपरा गाँव के रहने वाले हैं और दोनो रिश्तेदारी के चलते यहां पर आये थे।
उत्तर प्रदेश में किसान छुट्टा जानवरों से काफी परेशान है। यह जानवर हर साल किसानों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे बचने के लिए किसान भारी संख्या में खेतों में तारबाड़ी कराते है जिसमें करंट रहता है ताकि करंट का झटका लगते ही जानवर खेत के अंदर न आ सके। इस तारबाड़ी से जहां छुट्टा जानवर बड़ी संख्या में घायल हो रहे है। वहीं अब इंसानों के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी 19वीं पशुगणना के अनुसार पूरे बुंदेलखंड में 23 लाख 50 हजार गोवंश हैं, जिनमें से चार लाख से ज्यादा छुट्टा जानवर हैं।
यह हादसा यूपी के महोबा कोतवाली के पलका गाँव का है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक हादसा तब हुआ जब दोनों बच्चे नहाने के बाद खेत में लगी तारबाड़ी में गीले कपड़े डाले और वह करंट की चपेट आ गए। मरने वाले बच्चों का नाम अमन (11) और रवि (10) है। दोनों बच्चे मध्य प्रदेश के सतना के पिपरा गाँव के रहने वाले हैं और दोनो रिश्तेदारी के चलते यहां पर आये थे।
उत्तर प्रदेश में किसान छुट्टा जानवरों से काफी परेशान है। यह जानवर हर साल किसानों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे बचने के लिए किसान भारी संख्या में खेतों में तारबाड़ी कराते है जिसमें करंट रहता है ताकि करंट का झटका लगते ही जानवर खेत के अंदर न आ सके। इस तारबाड़ी से जहां छुट्टा जानवर बड़ी संख्या में घायल हो रहे है। वहीं अब इंसानों के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी 19वीं पशुगणना के अनुसार पूरे बुंदेलखंड में 23 लाख 50 हजार गोवंश हैं, जिनमें से चार लाख से ज्यादा छुट्टा जानवर हैं।