पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या

गाँव कनेक्शन | Jul 09, 2018, 03:38 IST

पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बजरंगी को पूर्वांचल का डॉन कहा जाता था।

लखनऊ। पूर्वांचल के कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। झांसी जेल में बंद बजरंगी को रंगदारी के एक मामले में पेशी के लिए बागपत ले जाया गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- कि मामले की न्यायिक जांच होगी और जेलर को सस्पेंड किया गया है।

बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी के मामले में उसे बागपत कोर्ट में पेश किया जाना था। सोमवार यानी आज उसकी बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी। उसे पश्चिम यूपी के बदमाश सुनील राठी और विक्की सुनहेड़ा के साथ तनहाई में रखा गया था। बजरंगी का परिवार पहले से उसकी हत्या की आशंका जता रहा था। कुछ समय पहले उस पर झांसी जेल में भी हमला हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसकी पत्नी सीमा के मुताबिक कुछ लोग उसके पति की हत्या की साजिश रच रहे थे।

घटना के बाद प्रदेश के एडीजी जेल, चंद्रपकाश ने बताया, "मुन्ना बजरंगी को सुबह 6 बजे सुनील राठी ने जेल में झगड़े के दौरान गोली मार दी। गोली मारकर उसने हथियार गटर में फेंक दिया। इस मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वॉर्डन अरजिन्दर सिंह और वॉर्डन माधव कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। इस पूरे मामले की जुडिशल इंक्वॉयरी होगी। साथ ही पैनल पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।"

घटना के बाद मुन्ना बजरंगी के वकील विकास. श्रीवास्तव ने बताया, "मुन्ना बजरंगी को पिछली रात झांसी से बागपत की जिला जेल लाया गया था। आज सुबह 6:30 बजे जेल में बंद एक अपराधी ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और पिस्तौल गटर में छिपा दी। कुछ दिनों पहले ही हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि मुन्ना बंजरगी की जान को खतरा है। "

बजरंगी करीब एक साल से झांसी जेल में बंद था। पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले मुन्ना के बारे में कहा जाता था कि वह जेल में रहकर भी किसी की सुपारी लेकर हत्या करवा सकता है। जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में पैदा हुआ मुन्ना के अपराध का सफर 1982 में शुरु हुआ। मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश था। एसटीएफ ने उसे 1995 में गोली मारी थी, लेकिन मुठभेड़ में वो बच गया था।

इसके बाद उसने बाहुबली मुख्तार अंसारी के साथ काम करना शुरु किया। लेकिन 2005 में बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के वह अपराध की दुनिया में प्रसिद्ध और पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था। मुन्ना पर कोयला और कबाड़ कारोबारियों से रंदगारी मांगने के आरोप लगते रहे। 2012 में वह मड़ियाहु विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उसकी शर्मनाक हार हुई थी।

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