e-RUPI: प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया ई-रुपी, जानिए क्या हैं इसके फायदे और कैसे करेगा काम

गाँव कनेक्शन | Aug 02, 2021, 11:33 IST
ई-रुपी का उपयोग उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है।
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डिजिटल भारत में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए एक और सेवा की शुरूआत हो गई है। प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ई-रुपी सेवा को लांच कर दिया है।। यह ऑनलाइन भुगतान का कांटैक्टलेस माध्यम बनेगा।

ई-रुपी के माध्यम से किसी डेबिट-क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या यूपीआई की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यह सेवा विकसित की है। यह सुविधा पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है। यह तेज गति से भुगतान करने वाली आसान सेवा है।

ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है।

ई-रुपी प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टेक्टलेस बनाया गया है। इसमें सरकार के लिए ई-वाउचर (E-Vouchers) कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी सीधे लाभार्थी के पास बिना किसी कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के पहुंचाना आसान होगा। इसके इस्तेमाल के लिए किसी ऐप की जरूरत नहीं होगी।

इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्‍यवस्‍था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।

जिस लाभार्थी को भुगतान करना होगा, उसके मोबाइल फोन पर एसएमएस (SMS) या क्यूआर कोड (QR Code) पहुंचाया जाता है। e-RUPI में पेमेंट के लिए डेबिट-क्रेडिट कार्ड, यूपीआई जैसे किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म की जरूरत नहीं होगी। यह बिना किसी अन्य सेवा प्रदाता के समय पर भुगतान करने की गारंटी है।

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।

यह डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन सरकारी योजनाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा। इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है।

E-RUPI के लिए किसी बैंक अकाउंट, डिजिटल पेमेंट जैसे यूपीआई (UPI) या स्मार्टफोन भी नहीं है, तो भी वो लाभार्थी इसका इस्तेमाल कर सकेगा।

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